पलामू: नेशनल हेल्थ मिशन के तहत अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा है. हड़ताल की वजह से कोविड जांच और डिलीवरी पर अधिक असर पड़ा है. जबकि जिला मानसिक अस्पताल पूरी तरह से ठप हो गई है.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए नई परेशानी सामने आ गई है. कोरोना जांच से लेकर कोविड अस्पतालों में काम में लगे अनुबंध स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं. सभी अनुबंध स्वास्थ्य कर्मी मंगलवार को दिनभर सांकेतिक रूप से हड़ताल रहे. इस बीच उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया. इससे नाराज सारे कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी.
इसे भी पढ़ें- सुशांत सिंह मामले की CBI करेगी जांच, केंद्र ने मानी बिहार सरकार की सिफारिश
हड़ताल का असर कोविड-19 को लेकर राहत कार्यों पर भी हुआ है. हड़ताल में एनएचएम के तहत कार्यरत डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन, विभिन्न कार्यक्रम समन्वयक भी शामिल हैं. पलामू में अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला. अनुबंध पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी अपनी सेवा को स्थाई करने, मानदेय के विवाद का निबटारा करने, कोरोना डयूटी के दौरान बेहतर माहौल उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं. कर्मियों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है. सरकार बार-बार आश्वाशन देती है, मगर काम नहीं करती है. हड़ताली स्वास्थ्यकर्मी बाकी राज्यों की तरह प्रोत्साहन राशि देने की मांग कर रहे हैं.