पलामूः स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शामिल पलामू के जिला स्कूल का संविधान निर्माण और आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. झारखंड सरकार ने मंगलवार को राजभर में एक साथ 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की है. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के जिला स्कूल को भी शामिल किया गया है. पलामू जिला स्कूल की स्थापना 1877 में हुई थी. पलामू जिला स्कूल का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है.
पलामू जिला स्कूल के दो पूर्व छात्र संविधान सभा के सदस्य थेः भारत की संविधान सभा का गठन 1946 में किया गया था. संविधान सभा को ही भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. संविधान सभा में पलामू के दो लोगों को शामिल किया गया था. एक थे अमिय कुमार घोष और दूसरा यदुवंश सहाय. अमिय कुमार घोष ने पलामू जिला स्कूल से ही पढ़ाई की थी. पलामू जिला स्कूल के पूर्व छात्र रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रभात मिश्रा ने बताते हैं कि पलामू जिला स्कूल का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. यह खुशी की बात है कि इसे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि संविधान के निर्माण के साथ-साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में भी स्कूल का अहम योगदान रहा है.
भारत छोड़ो आंदोलन में जिला स्कूल के कई छात्र गए थे जेलः भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पलामू जिला स्कूल के कई छात्र जेल भी गए थे. 1977 में स्कूल का शताब्दी समारोह मनाया गया था. उस दौरान तत्कालीन बिहार के राज्यपाल ने भी भाग लिया था. पलामू जिला स्कूल में आठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई होती थी. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शामिल होने के बाद जिला स्कूल में छठी से 12वीं तक की पढ़ाई होगी. स्कूल का नया भवन बनकर तैयार हो गया है.
सीबीएसई पैटर्न पर होगी जिला स्कूल में पढ़ाईः जिला स्कूल में सीबीएसई पैटर्न सिलेबस के तहत पढ़ाई होगी. जिला स्कूल में फिलहाल 1700 के करीब छात्र अध्ययनरत हैं. नए सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. पलामू डीसी ए दोड्डे ने कहा कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत पलामू में तीन स्कूलों का चयन किया गया है. चयनित स्कूलों में शिक्षकों के साथ कई मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.