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अपनी दहाड़ से हर किसी को खौफजदा करने वाला खुद मक्खियों से परेशान, पीटीआर के कैमरे में हुआ कैद - Jharkhand news

पीटीआर में मौजूद बाघ इन दिनों मक्खियों से परेशान है. इन मक्खियों के कारण ही आम तौर पर तीन दिनों में एक शिकार करने वाला बाघ हर दो दिन में एक शिकार कर रहा है.

Tiger present in PTR
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Published : Mar 29, 2023, 3:26 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 3:45 PM IST

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पलामू: जंगल में जिस जीव की दहाड़ सुनकर कोई भी खौफ से भर हो जाए, वह जीव मक्खियों से परेशान है. दरअसल पलामू टाइगर रिजर्व में पहुंचा बाघ मक्खियों से परेशान है. बाघ के शिकार पर मक्खियों का झुंड बैठ जाता है, जिसके कारण वह उसे सही से खा नहीं पा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के कैमरों में बाघ की एक खूबसूरत वीडियो कैद हुई है, जिसमें वह मक्खियों से जूझ रहा है.

ये भी पढ़ें: बेगम और नवाब की अनोखी लव स्टोरी, जिनकी दहाड़ से पूरा इलाका रहता था गुलजार

पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पिछले एक पखवाड़े से बाघ की मौजूदगी है. विभाग बाघ की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है, इसी कड़ी में यह वीडियो कैद हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि शिकार पर मक्खी बैठ जाने के बाद बाघ को उसे खाने में परेशानी होती है. आम तौर पर बाघ तीन दिनों में एक शिकार करता है, लेकिन यह दो दिनों में एक शिकार कर रहा है. बाघ को प्रतिदिन 15 से 20 किलो भोजन की जरूरत होती है.

पीटीआर में गर्मी के कारण बाघ का शिकार जल्दी सड़ जा रहा है. इससे उस पर मक्खियों का झुंड बैठता है. इसके साथ ही उससे दुर्गंध आने लगती है जिसके कारण बाघ उसे नहीं खाता है. इसी बाघ ने छत्तीसगढ़ के इलाके में 10 दिनों में लगभग आधा दर्जन मवेशियों को शिकार बनाया था, जबकि पीटीआर के इलाके में हर तीन दिन में दो शिकार कर रहा है. पीटीआर करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में है जिसमें बाघ का मूवमेंट 421 वर्ग किलोमीटर के दायरे में है.

पीटीआर के अधिकारियों के अनुसार इलाके का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है. इस तापमान में बाघ द्वारा किया गया शिकार जल्द सड़ने लगता है. यही कारण है कि बाघ अपने शिकार को ठीक से नहीं खा पा रहा है. पीटीआर के इलाके में बाघ हर रोज 15 किलोमीटर सफर तय कर रहा है और उसका ठिकाना जल स्रोतों के आसपास बना हुआ है. बाघ की उम्र आठ से 10 वर्ष है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ के शिकार का भी सैंपल लिया है और उसके पगमार्क और बाल की जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा है. बाघ की निगरानी के लिए स्पेशल टीम को तैनात किया गया है और 50 से अधिक उच्च क्षमता वाले कैमरा लगाए गए हैं.

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पलामू: जंगल में जिस जीव की दहाड़ सुनकर कोई भी खौफ से भर हो जाए, वह जीव मक्खियों से परेशान है. दरअसल पलामू टाइगर रिजर्व में पहुंचा बाघ मक्खियों से परेशान है. बाघ के शिकार पर मक्खियों का झुंड बैठ जाता है, जिसके कारण वह उसे सही से खा नहीं पा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के कैमरों में बाघ की एक खूबसूरत वीडियो कैद हुई है, जिसमें वह मक्खियों से जूझ रहा है.

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पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पिछले एक पखवाड़े से बाघ की मौजूदगी है. विभाग बाघ की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है, इसी कड़ी में यह वीडियो कैद हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि शिकार पर मक्खी बैठ जाने के बाद बाघ को उसे खाने में परेशानी होती है. आम तौर पर बाघ तीन दिनों में एक शिकार करता है, लेकिन यह दो दिनों में एक शिकार कर रहा है. बाघ को प्रतिदिन 15 से 20 किलो भोजन की जरूरत होती है.

पीटीआर में गर्मी के कारण बाघ का शिकार जल्दी सड़ जा रहा है. इससे उस पर मक्खियों का झुंड बैठता है. इसके साथ ही उससे दुर्गंध आने लगती है जिसके कारण बाघ उसे नहीं खाता है. इसी बाघ ने छत्तीसगढ़ के इलाके में 10 दिनों में लगभग आधा दर्जन मवेशियों को शिकार बनाया था, जबकि पीटीआर के इलाके में हर तीन दिन में दो शिकार कर रहा है. पीटीआर करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में है जिसमें बाघ का मूवमेंट 421 वर्ग किलोमीटर के दायरे में है.

पीटीआर के अधिकारियों के अनुसार इलाके का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है. इस तापमान में बाघ द्वारा किया गया शिकार जल्द सड़ने लगता है. यही कारण है कि बाघ अपने शिकार को ठीक से नहीं खा पा रहा है. पीटीआर के इलाके में बाघ हर रोज 15 किलोमीटर सफर तय कर रहा है और उसका ठिकाना जल स्रोतों के आसपास बना हुआ है. बाघ की उम्र आठ से 10 वर्ष है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ के शिकार का भी सैंपल लिया है और उसके पगमार्क और बाल की जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा है. बाघ की निगरानी के लिए स्पेशल टीम को तैनात किया गया है और 50 से अधिक उच्च क्षमता वाले कैमरा लगाए गए हैं.

Last Updated : Mar 29, 2023, 3:45 PM IST
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