पलामू: नए वर्ष के आगमन में कुछ ही दिन बचे हैं. 2020 और 2021 में कोरोना के कारण नए वर्ष के जश्न को लेकर कई प्रतिबंध लगाए गए थे. इस बार कोविड 19 की पाबंदियां हटा दी गई हैं. पाबंदी हटने के बाद सबसे बड़ा फायदा पर्यटन को होने की उम्मीद है. पलामू, गढ़वा और लातेहार में तीन दर्जन से अधिक पिकनिक स्पॉट (Palamu range ready for New Year)हैं. जहां लोग नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए पहुंचते हैं.
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25 दिसंबर से पर्यटकों का आगमन शुरू : 2019 में पलामू, गढ़वा और लातेहार के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर 15,000 से अधिक विभिन्न इलाकों से पर्यटक पहुंचे थे. लातेहार के नेतरहाट, बेतला नेशनल पार्क, मारोमार समेत कई पर्यटक स्थल पर बंगाल, बिहार, यूपी के पर्यटक पहुंचते हैं. मिली जानकारी के अनुसार नए वर्ष के जश्न को लेकर नेतरहाट, बेतला और उसके आसपास के इलाके में सारे होटल के कमरे बुक हो गए हैं. इलाके में पर्यटक 25 दिसंबर से पहुंचना शुरू हो गए हैं.
कई इलाकों में बने नए गेस्ट हाउस: नए वर्ष के जश्न को लेकर पलामू टाइगर रिजर्व समेत कई इलाकों में पर्यटन स्थल पर कई सुविधा बढ़ाई गई है. कई इलाकों में नए गेस्ट हाउस तैयार किए गए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पर्यटन गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए कई स्तर पर पहल की गई है. केचकी, रानीताल, बूढ़ा फूल, मिरचईया फॉल, बक्सा मोड़ में कई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. जबकि बेतला नेशनल पार्क के इलाके में मड हाउस का निर्माण किया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में प्रतिवर्ष 50 हजार के करीब पर्यटक पहुंचते हैं. जिसमें से 33 के करीब अकेले बेतला नेशनल पार्क के इलाके में पर्यटक पहुंचते हैं.
पर्यटन स्थल पर बढ़ाई गई है सुरक्षा: नए वर्ष के जश्न को लेकर पलामू पुलिस ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. पर्यटन स्थल समेत कई इलाकों में जवानों की तैनाती की गई है. कई पर्यटन स्थल पर सादे लिबास में भी जवानों की तैनाती की जाएगी. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पिकनिक स्थल पर कई स्तर पर निगरानी रखी जाएगी. बताया कि इस दौरान डीजे का इस्तेमाल करने और छेड़खानी करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पलामू में घूमने वाली जगह: नए वर्ष के दौरान पलामू रेंज में हजारों की संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं. लातेहार के बेतला नेशनल पार्क, नेतरहाट, केचकी, मारोमार, सुगा बांध, बूढ़ाघाघ, मिरचईया फॉल, मंडल डैम, पलामू किला, पलामू के कोयल, अमानत, सोन नदी के तट, भीम चूल्हा, गढ़वा के सुखलदरी, अनराज घाटी, बंशीधर नगर, सोन और कोयल का तटीय क्षेत्र शामिल है.