पलामू: जिले के मेदिनीराय मेडीकल कॉलेज एडं हॉस्पिटल के डॉक्टर बीमार मरीजों की देखभाल में कोताही देखी जा रही है. यहां सुबह नौ बजे से एक बजे तक पहली ओपीडी जबकि शाम चार से छह बजे तक दूसरी ओपीडी की समय सारणी निर्धारित की गयी है. सुबह के ओपीडी में डॉक्टर बैठते हैं लेकिन शाम के ओपीडी में डॉक्टर नहीं रहते हैं. जिससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में डॉक्टर खुद को बेंच से छुपा लेते हैं और मरीजों को लक्षण के आधार पर प्रिस्क्रिप्शन को लिखते हैं. मरीज और डॉक्टर के बीच में एक बेंच होती है, मरीज करीब पांच से छह फीट की दूरी से डॉक्टर को अपनी बीमारी और उसके लक्षण के बारे में बताते हैं.
शाम के वक्त आजसू नेता इम्तियाज अहमद नजमी ने बताया कि दोपहर बाद ओपीडी में डॉक्टर का ना होना बेहद ही गंभीर मामला है. मामले में सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है. एमएमसीएच पर लाखो लोगों का स्वाथ्य निर्भर है. एमएमसीएच के हालात को लेकर सुपरिटेंडेंट डॉ डीके सिंह ने कहा कि शाम में ओपीडी चलाने के मामले में पत्र जारी किया जा रहा है. डॉक्टरों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. एमएमसीएच में मरीजों की काफी भीड़ होती है, जिससे डॉक्टरों को परेशानी होती है, कई बार स्थिति धक्का मुक्की की तरह हो जाती है. जिसके कारण डॉक्टरों के आगे बेंच लगा दी जाती है. अब कोविड 19 का दौर भी खत्म हो गया है, डॉक्टर मरीजों का इलाज करें इसका प्रयास किया जा रहा है.
हर रोज करीब 600 मरीजों का इलाज: मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में पलामू गढ़वा और लातेहार का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से भी मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं. एनएमसीएच के ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों का इलाज किया जाता है. मौसम बदलने या संक्रमण काल में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़कर 700 से अधिक हो जाती है. वहीं शाम में ओपीडी की सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को लगातार परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है.