पलामू: सेंट्रल जेल में मंगलवार की शाम छापेमारी हुई है. छापेमारी में कुछ भी आपत्तिजनक सामग्री जेल से बरामद नहीं हुआ है. सदर एसडीएम राजेश कुमार शाह और एएसपी ऋषभ गर्ग के नेतृत्व में यह छापेमारी हुई थी. छापेमारी में 20 से अधिक पुलिस अधिकारी और डंडा अधिकारी मौजूद थे. एटीएम राजेश कुमार शाह और एएसपी ऋषभ गर्ग के नेतृत्व में छापेमारी टीम करीब एक घंटे तक सेंट्रल जेल के विभिन्न वार्डों का जायजा लिया है.
ये भी पढ़ें: पांकी हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिले रघुवर दास, कहा- बिरसा की धरती को नहीं बनने देंगे इस्लामिक स्टेट
छापेमारी में नहीं मिली कोई भी सामग्री: छापेमारी में टाउन थाना, सदर थाना, चैनपुर, सतबरवा, लेस्लीगंज, पड़वा थाना के पुलिस अधिकारी शामिल थे. समय सेंट्रल जेल के एक एक वार्ड की तलाशी ली गई है. कैदियों की सामग्री के भी जांच की गई है. छापेमारी के क्रम में सेंट्रल जेल कैदियों के पास से कोई भी सामग्री नहीं मिली है, जो आपत्तिजनक हो. कोल्हापुर सेंट्रल जेल में करीब 1050 विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी बंद है. सेंट्रल जेल में कई कुख्यात अपराधी और नक्सली भी बंद है.
पलामू सेंट्रल जेल में तीन बार छापेमारी: छापेमारी की पुष्टि करते हुए एसपी ऋषभ गर्ग ने बताया कि यह रूटीन छापेमारी थी. इस छापेमारी में कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है. दरअसल कुछ दिनों पहले धनबाद जेल में कैदियों का दो गुट आपस में भिड़ गया था. कैदियों के बीच में मारपीट के बाद विभिन्न जिलों को लेकर अलर्ट जारी किया गया था. इसी कड़ी में मंगलवार की देर शाम पलामू सेंट्रल जेल में भी छापेमारी हुई है. पिछले एक वर्ष के अंदर पलामू सेंट्रल जेल में तीन बार छापेमारी हुई है. पलामू सेंट्रल जेल की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध भी किए गए. सेंट्रल जेल में समय-समय पर सुरक्षा की भी समीक्षा की जाती है. वार्डो की जांच की जाती है.
केंद्रीय कारागार में औचक निरीक्षण: हजारीबाग लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार मगंलवार को देर शाम पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे, उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित एवं सदर एसडीएम विधा भूषण कुमार ने संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण किया. यह निरीक्षण लगभग 2 घंटे तक चला. इस औचक निरीक्षण की कारवाई में जिला प्रशासन के 15 टीम मौजूद रही. इस दौरान केंद्रीय कारागार के अस्पताल, कैंटीन, बैरक व अन्य जगहों का निरीक्षण किया गया. मौके पर कुछ अपतिजनक सामग्री जैसे कैंची, खैनी, आदि सामग्री बरामद किए गए. एसपी ने बताया की यह रूटीन जांच प्रक्रिया है, जो हर एक या दो माह में की जाती है.