पलामू: झारखंड के कई इलाकों में अप्रैल से लेकर मानसून के आगमन तक केंदु पता का करोड़ों का कारोबार होता है. इस कारोबार पर नक्सली और आपराधिक संगठनों की सीधी नजर होती है. नक्सली और आपराधिक संगठनों को केंदु पता से मोटी रकम लेवी के रूप में मिलती है. नक्सली और आपराधिक संगठन केंदु पता के ठेकेदार से प्रति बैग के हिसाब से लेवी वसूलते हैं. इस लेवी की रकम से नक्सली संगठन हथियार और गोला बारूद की खरीदारी करते हैं.
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लेवी वसूलने वालों पर कार्रवाई की योजना तैयार: नक्सली और आपराधिक संगठनों को मिलने वाले लेवी को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. कमजोर होने के बाद नक्सल संगठनों की निगाहें केंदु पता से मिलने वाली लेवी पर टिकी हुई है. इस बार पुलिस ने भी नक्सली संगठनों को मिलने वाली लेवी को रोकने के लिए योजना को तैयार किया है. पुलिस ने पलामू प्रमंडल को केंदु पता के कारोबार देखते हुए अलग अलग हिस्सों में बांटा है. उन हिस्सों पर पुलिस के अधिकारियों को निगाह रखने को कहा गया है.
पुलिस ने कारोबारीयो की सूची तैयार किया है. इलाके में नक्सल समर्थक और लेवी वसूलने वालो पर कार्रवाई की योजना तैयार किया गया है. पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस ने एक योजना तैयार किया है. और मामले में कार्रवाई कर रही है. लेवी वसूलने वालो के साथ साथ लेवी देने वालो पर भी कार्रवाई की जाएगी. आईजी ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस का अभियान जारी है जिससे सुरक्षित माहौल तैयार हुआ है.
केंदु पता का दक्षिण भारत और बंगाल में है डिमांड:पलामू प्रमंडल के केंदु पता की मांग दक्षिण भारत और बंगाल के इलाके में काफी अधिक है. इलाके से 40 लाख बैग केंदु पता दूसरे राज्यो में भेजे जाते है. नक्सली संगठनों में भाकपा माओवादी 70 से 80, टीएसपीसी 60 से 70 और अन्य संगठन 35 से 40 रुपये प्रति बैग रुपये वसूलते हैं. पलामू के इलाके से नक्सल संगठन 25 से 30 करोड़ रुपये की लेवी वसूलते हैं.
मजदूरों को केंदु पता के प्रति बैग मजदूरी 105 से 120 रुपये के दर मिलती है. पिछले कुछ महीनों में कई इलाकों से नक्सल संगठनों का सफाया हो गया है. नकल संगठन केंदु पत्ता से लेवी वसूलने के लिए कई इलाकों में आगजनी जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं. 2022 में केंदु पता से लेवी लेने के लिए नक्सलियों ने पलामू गढ़वा और लातेहार के 17 अलग-अलग जगहों पर आगजनी की घटना को अंजाम दिया था.