पलामू: लोकसभा में पलामू संसदीय क्षेत्र में सोन नदी से कटाव का मामला उठा है. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में नियम 377 के तहत इस मामले को उठाया है. लोकसभा में बोलते हुए पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि पलामू संसदीय क्षेत्र में सोन नदी से देवरी खुर्द, दंगवार, बडेपुर, बुधवा एवं आसपास के इलाकों में जबरदस्त कटाव हो रहा है. इसके कटाव से कई गांव नदी में विलीन हो गए हैं और कई गांव के सैकड़ों एकड़ जमीन पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. इलाके के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और कटाव से बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
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लोकसभा में बोलते हुए पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि सोन नदी के कटाव को लेकर मंत्रालय कारगर कदम उठाए. भारत में आधा दर्जन के करीब नदी है जिसमें एक सोन भी शामिल है. पलामू देश के सूखा प्रभावित जिलों में एक है, यहां के किसान सिंचाई के लिए प्राकृतिक तौर पर नदियों और बारिश पर निर्भर हैं. पलामू से होकर गुजरने वाले सोन में प्रतिवर्ष दर्जनों एकड़ जमीन को खुद में समा ले रही है. कई इलाको में कटाव और बाढ़ के कारण जमीन बंजर हो गई है. पलामू में सोन नदी से हैदरनगर और हुसैनाबाद का इलाका प्रभावित है. 2008 में हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में नदियों से हो रहे कटाव को लेकर सर्वे किया गया था. उस दौरान कई इलाकों में पत्थर से तटबंध बनाया गया था, लेकिन उसके बाद से बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
किसान कई स्तर पर लगा चुके हैं गुजार: पलामू के हैदरनगर हुसैनाबाद के इलाके में सोन नदी के कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन नदी में समा गई है. किसान कई स्तर पर गुहार लगा चुके हैं. किसान इच्छा मृत्यु भी मांग चुके हैं. पलामू के कई इलाकों में कोयल नदी पिछले एक दशक से अपनी धारा बदल चुकी है, लगातार कटाव जारी है. प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी अपने साथ रेत को उठाकर किसानों के खेतों में छोड़ देता. हुसैनाबाद और हैदरनगर के करीब 30 किलोमीटर के इलाके में सोन नदी गुजरती है. प्रतिवर्ष चार से पांच मीटर जमीन को नदी खुद में समा ले रही है. कटाव को लेकर किसान बड़े पैमाने पर आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन उनके आंदोलनों की कोई सुनवाई नहीं हुई.