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Palamu News: अवैध उत्खनन के माइंस को खुला छोड़ने वालों की अब खैर नहीं, उपायुक्त ने शुरू की कार्रवाई - action against illegal mining

पलामू में पिछले दिनों कई लोगों की मौत खुले खदानों में डूबने से हो गई है. अब ऐसे खदानों पर पलामू डीसी ए दोड्डे ने कार्रवाई शुरू कर दी है. अब इन पर नकेल कसी जा रही है.

Palamu DC Taking Action against illegal Mining
पलामू डीसी माइंसों के विरूध कार्रवाई शुरू कर दी
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Published : May 13, 2023, 12:37 PM IST

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पलामू: अवैध उत्खनन के बाद खुला छोड़ दिया गया माइंस लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. पलामू के विभिन्न्न इलाकों में पिछले दो वर्षों में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत माइंस में डूबने से हुई है. दरअसल पलामू के विभिन्न इलाकों में स्टोन, ग्रेफाइट, कोयला की माइनिंग होती है. स्टोन की तीन दर्जन से अधिक माइंस हैं जबकि ग्रेफाइट की दो माइंस है. इनमें से आधा दर्जन के करीब खदानें बंद हो गयी हैं या वहां उत्खनन कार्य बंद हो गया है या रूका है. पलामू डीसी ऐसे माइंसों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: Palamu News: दो युवकों का अपहरण समझ पुलिस रही परेशान, जानिए क्या थी वजह

इन लोगों ने गंवाई जान: खुले और बंद माइंस में पानी भर गया है, जिसमें डूबने से लोगों की मौत हो रही है. पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के अगस्त 2021 में बंद ग्रेफाइट माइंस में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. सभी बच्चे माइंस में नहाने गए थे. इसी क्रम में डूबने से सभी की मौत हो गई थी. वहीं 2020-21 में छतरपुर थाना क्षेत्र के करमवाटांड़ सिलदाग माइंस में डूबने से साकेत सिंह नामक युवक की मौत हो गई थी. पलामू के पिपरा थाना क्षेत्र के चपरवार माइंस में डूबने 12 वर्षीय रवि रंजन नामक बच्चे की मौत हो गई थी. पलामू के छतरपुर, सतबरवा, नौडीहा बाजार, पिपरा और हरिहरगंज के इलाके में बंद माइंस को भरा नहीं गया है जबकि चालू माइंस की भी घेराबंदी नहीं की गई है.

माइंस को खुला रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई: अवैध माइनिंग और माइंस को खुला रखने वालों के खिलाफ पलामू जिला प्रशासन सख्त होते जा रही है. पिछले एक सप्ताह के अंदर पलामू जिला प्रशासन ने पिपरा और हरिहरगंज के इलाके में संचालित आधा दर्जन से अधिक स्टोन क्रशरों को सील किया है. एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की गई है. पलामू डीसी ए दोड्डे ने बताया कि अवैध माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में टास्क फोर्स और अन्य कमेटी छापेमारी कर रही है. उन्होंने बताया कि मामले में स्पेशल टीम का भी गठन किया गया है, जो छापेमारी कर कार्रवाई करेगी. उन्होंने बताया कि माइंस खुला रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

कई इलाकों में बड़े पैमाने पर होती है स्टोन माइनिंग: पलामू के विभिन्न इलाकों में 36 से अधिक बड़े स्टोन माइंस है. जबकि 150 से अधिक स्टोन क्रशर है. पलामू के छतरपुर अनुमंडल के इलाके मे सबसे अधिक माइनिंग होती है. मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर के रामगढ़ और नौडीहा बाजार के इलाके के कई माइंस खुले में है. हाईकोर्ट के निर्देश पर पलामू प्रमंडल में माइनिंग की जांच हो रही है. मामले में पीआईएल दायर किया गया था. पीआईएल के बाद राज्य सरकार ने माइनिंग की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था.

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पलामू: अवैध उत्खनन के बाद खुला छोड़ दिया गया माइंस लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. पलामू के विभिन्न्न इलाकों में पिछले दो वर्षों में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत माइंस में डूबने से हुई है. दरअसल पलामू के विभिन्न इलाकों में स्टोन, ग्रेफाइट, कोयला की माइनिंग होती है. स्टोन की तीन दर्जन से अधिक माइंस हैं जबकि ग्रेफाइट की दो माइंस है. इनमें से आधा दर्जन के करीब खदानें बंद हो गयी हैं या वहां उत्खनन कार्य बंद हो गया है या रूका है. पलामू डीसी ऐसे माइंसों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है.

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इन लोगों ने गंवाई जान: खुले और बंद माइंस में पानी भर गया है, जिसमें डूबने से लोगों की मौत हो रही है. पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के अगस्त 2021 में बंद ग्रेफाइट माइंस में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. सभी बच्चे माइंस में नहाने गए थे. इसी क्रम में डूबने से सभी की मौत हो गई थी. वहीं 2020-21 में छतरपुर थाना क्षेत्र के करमवाटांड़ सिलदाग माइंस में डूबने से साकेत सिंह नामक युवक की मौत हो गई थी. पलामू के पिपरा थाना क्षेत्र के चपरवार माइंस में डूबने 12 वर्षीय रवि रंजन नामक बच्चे की मौत हो गई थी. पलामू के छतरपुर, सतबरवा, नौडीहा बाजार, पिपरा और हरिहरगंज के इलाके में बंद माइंस को भरा नहीं गया है जबकि चालू माइंस की भी घेराबंदी नहीं की गई है.

माइंस को खुला रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई: अवैध माइनिंग और माइंस को खुला रखने वालों के खिलाफ पलामू जिला प्रशासन सख्त होते जा रही है. पिछले एक सप्ताह के अंदर पलामू जिला प्रशासन ने पिपरा और हरिहरगंज के इलाके में संचालित आधा दर्जन से अधिक स्टोन क्रशरों को सील किया है. एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की गई है. पलामू डीसी ए दोड्डे ने बताया कि अवैध माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में टास्क फोर्स और अन्य कमेटी छापेमारी कर रही है. उन्होंने बताया कि मामले में स्पेशल टीम का भी गठन किया गया है, जो छापेमारी कर कार्रवाई करेगी. उन्होंने बताया कि माइंस खुला रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

कई इलाकों में बड़े पैमाने पर होती है स्टोन माइनिंग: पलामू के विभिन्न इलाकों में 36 से अधिक बड़े स्टोन माइंस है. जबकि 150 से अधिक स्टोन क्रशर है. पलामू के छतरपुर अनुमंडल के इलाके मे सबसे अधिक माइनिंग होती है. मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर के रामगढ़ और नौडीहा बाजार के इलाके के कई माइंस खुले में है. हाईकोर्ट के निर्देश पर पलामू प्रमंडल में माइनिंग की जांच हो रही है. मामले में पीआईएल दायर किया गया था. पीआईएल के बाद राज्य सरकार ने माइनिंग की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था.

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