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नक्सल संगठन टीएसपीसी का अपराधियों से गठजोड़, पुलिस की कार्रवाई में हुए कई खुलासे

नक्सल संगठन टीएसपीसी कमजोर होने के बाद अब अपराधिक गिरोहों के साथ साठगांठ कर रहा है. इसके जरिए वे कोयला क्षेत्र में लेवी और रंगदारी वसूल रहे हैं.

Palamu Crime News Naxalite organization TSPC alliance with criminals
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 22, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Aug 22, 2023, 5:11 PM IST

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पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का अपराधिक गिरोहों के साथ गठजोड़ हुआ है. हिसंक घटनाओं को अंजाम देने के लिए टीएसपीसी आपराधिक गुर्गों का सहारा ले रहा है. टीएसपीसी के अलावा पीएलएफआई ने भी आपराधिक गिरोहों के साथ साठगांठ किया है.

ये भी पढ़ें: Ranchi Crime News: टीपीसी-पीएलएफआई के नए दस्ते कारोबारियों को दे रहे धमकी, सफाए के लिए ऑपरेशन शुरू

पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है की टीएसपीसी नक्सली संगठन का कुख्यात डॉन अमन साव से भी संबंध है. समय-समय पर दोनों एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. दरसल कुछ दिनों पहले लातेहार के बालूमाथ में कोयला कारोबारी राजेंद्र साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राजेन्द्र साहू हत्याकांड का तार नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी से जुड़ा था. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए टीएसपीसी ने प्राइवेट शूटर का इस्तेमाल किया था. इन शूटरों को आपराधिक गिरोहों ने उपलब्ध करवाया था.

वारदात के बाद टीएसपीसी और आपराधिक गिरोह के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ. पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि पहले भी पुलिस की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि नक्सली संगठन का अपराधियों के साथ गठजोड़ है. बालूमाथ के इलाके में कई आपराधिक घटनाओं में टीएसपीसी और अपराधियों को एकजुट होने की बात निकल कर सामने आई है. कई सुरक्षा एजेंसियों ने भी कार्रवाई की और आपराधिक तत्वों को गिरफ्तार किया है. आईजी ने बताया कि टीएसपीसी ही नहीं पीएलएफआई का भी अपराधियों के साथ संबंध है. पुलिस सभी को रडार पर लेकर कार्रवाई कर रही है, इस गठजोड़ को ध्वस्त करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है.

कोयला क्षेत्र से लेवी और रंगदारी वसूलने के लिए गठजोड़: प्रतिबंधित नक्सली संगठन और अपराधी गिरोह के बीच गठजोड़ कोयला क्षेत्र से रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए हुआ है. पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि टीएसपीसी संगठन कमजोर होने के बाद प्राइवेट शूटरों का भी इस्तेमाल कर रहा. यह गठजोड़ लातेहार के बालूमाथ, चतरा के टंडवा, रांची के खलारी और हजारीबाग के सीमावर्ती इलाके में है. इस गठजोड़ के खिलाफ अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी कार्रवाई कर रहीं हैं.

2004-05 में टीएसपीसी का गठन, सुरक्षा एजेंसियों के दबाव में प्रभाव घटा: नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का गठन 2004-05 में हुआ था. संगठन का प्रभाव पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, रांची, हजारीबाग, गढ़वा, गुमला के इलाके तक था. सुरक्षाबलों के अभियान के बाद टीएसपीसी का प्रभाव पलामू, लातेहार, चतरा, रांची और हजारीबाग के सीमावर्ती क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी प्रभाव बचा है.

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पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का अपराधिक गिरोहों के साथ गठजोड़ हुआ है. हिसंक घटनाओं को अंजाम देने के लिए टीएसपीसी आपराधिक गुर्गों का सहारा ले रहा है. टीएसपीसी के अलावा पीएलएफआई ने भी आपराधिक गिरोहों के साथ साठगांठ किया है.

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पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है की टीएसपीसी नक्सली संगठन का कुख्यात डॉन अमन साव से भी संबंध है. समय-समय पर दोनों एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. दरसल कुछ दिनों पहले लातेहार के बालूमाथ में कोयला कारोबारी राजेंद्र साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राजेन्द्र साहू हत्याकांड का तार नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी से जुड़ा था. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए टीएसपीसी ने प्राइवेट शूटर का इस्तेमाल किया था. इन शूटरों को आपराधिक गिरोहों ने उपलब्ध करवाया था.

वारदात के बाद टीएसपीसी और आपराधिक गिरोह के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ. पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि पहले भी पुलिस की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि नक्सली संगठन का अपराधियों के साथ गठजोड़ है. बालूमाथ के इलाके में कई आपराधिक घटनाओं में टीएसपीसी और अपराधियों को एकजुट होने की बात निकल कर सामने आई है. कई सुरक्षा एजेंसियों ने भी कार्रवाई की और आपराधिक तत्वों को गिरफ्तार किया है. आईजी ने बताया कि टीएसपीसी ही नहीं पीएलएफआई का भी अपराधियों के साथ संबंध है. पुलिस सभी को रडार पर लेकर कार्रवाई कर रही है, इस गठजोड़ को ध्वस्त करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है.

कोयला क्षेत्र से लेवी और रंगदारी वसूलने के लिए गठजोड़: प्रतिबंधित नक्सली संगठन और अपराधी गिरोह के बीच गठजोड़ कोयला क्षेत्र से रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए हुआ है. पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि टीएसपीसी संगठन कमजोर होने के बाद प्राइवेट शूटरों का भी इस्तेमाल कर रहा. यह गठजोड़ लातेहार के बालूमाथ, चतरा के टंडवा, रांची के खलारी और हजारीबाग के सीमावर्ती इलाके में है. इस गठजोड़ के खिलाफ अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी कार्रवाई कर रहीं हैं.

2004-05 में टीएसपीसी का गठन, सुरक्षा एजेंसियों के दबाव में प्रभाव घटा: नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का गठन 2004-05 में हुआ था. संगठन का प्रभाव पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, रांची, हजारीबाग, गढ़वा, गुमला के इलाके तक था. सुरक्षाबलों के अभियान के बाद टीएसपीसी का प्रभाव पलामू, लातेहार, चतरा, रांची और हजारीबाग के सीमावर्ती क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी प्रभाव बचा है.

Last Updated : Aug 22, 2023, 5:11 PM IST
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