पलामूः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को पलामू कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बाबूलाल मरांडी को बरी किया है. 29 अप्रैल 2011 को बाबूलाल मरांडी पर मेदिनीनगर के टाउन थाना में धारा 144 का उल्लंघन करने के मामले में एफआइआर दर्ज की गई थी. इसी मामले में सोमवार को बाबूलाल मरांडी पलामू के एमपी एमएलए कोर्ट में प्रस्तुत हुए.
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कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी को बरी कर दिया है. बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता अनिल पांडेय ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में पलामू कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी को बरी किया है. वे निर्दोष थे. झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी पर 2011 में तत्कालीन एडीएम मुकुल पांडेय ने एफआईआर दर्ज कराई थी. बाबूलाल मरांडी पर बिना अनुमति धरना देने और आंदोलन करने का आरोप है.
2011 में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए थे. दर्जनों लोगों की दुकान टूटी थी. अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित लोगों को राहत और उन्हें मुआवजा देने को लेकर बाबूलाल मरांडी ने आंदोलन शुरू किया था. आंदोलन के क्रम में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र साहित्य समाज के मैदान में महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बिना अनुमति महाधरना देने और भीड़ इकट्ठा करने के आरोप में तत्कालीन एडीएम लॉ एंड ऑर्डर मुकुल पांडेय ने एफआईआर दर्ज करवाई थी.
बता दें कि 2021 से पहले तक झारखंड में रांची और धनबाद में ही एमपी एमएलए कोर्ट था. बाद में पलामू में कोर्ट में भी एमपी एमएलए कोर्ट शुरू हो गया था. जिस वक्त बाबूलाल मरांडी पर एफआईआर दर्ज की गई थी, उस वक्त वह झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो हुआ करते थे.