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नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों का हौसला बढ़ा रहे अधिकारी, बूढ़ापहाड़ और झारखंड बिहार सीमा पर खास निगरानी

नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों का अधिकारी लगातार हौसला बढ़ाते रहे हैं. इसके लिए कई अधिकारी दुर्गम इलाके में तैनात जवानों से मिलते हैं. झारखंड में बूढ़ापहाड़ और बिहार की सीमा पर जवानों को तैनात किया गया है.

Officers are encouraging soldiers deployed in anti Naxal campaign In Jharkhand
Officers are encouraging soldiers deployed in anti Naxal campaign In Jharkhand
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Published : May 13, 2023, 9:14 PM IST

पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा

पलामू: नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों का सीनियर अधिकारी लगातार हौसला बढ़ा रहे हैं. सितंबर 2022 से झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. वहीं झारखंड बिहार सीमा पर भी लगातार माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. माओवादियों के खिलाफ इस अभियान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सीआरपीएफ के डीजी, झारखंड के डीजीपी समेत कई टॉप अधिकारी जवानों का हौसला बढ़ा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Naxalites In Latehar: लातेहार में सीआरपीएफ को सर्च ऑपरेशन में मिली सफलता, भारी संख्या में नक्सलियों के हथियार बरामद

नक्सल विरोधी अभियान में जिन इलाकों में जवान तैनात हैं वह इलाका आबादी और नेटवर्क से काफी दूर है. जवानों के शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी निगरानी रखी जा रही है. यही वजह है कि झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी लगातार इलाके में जवानों के साथ बातचीत कर रहे हैं और उनके हौसला को बढ़ा रहे हैं. बूढ़ापहाड़ और झारखंड बिहार सीमा पर सीआरपीएफ झारखंड पुलिस के आईजी रैंक के अधिकारी हर सप्ताह दौरा करते हैं.

पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि दूरस्थ इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान में जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि लगातार दौरा करने से जवानों के हौसले बुलंद रहते हैं. राजकुमार लकड़ा खुद लगातार बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों के कैंपों में जा रहे हैं. इस दौरान जवान पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याओं को भी रखते हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है.

नक्सल विरोधी अभियान में 10 हजार से अधिक जवान तैनात: झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ और बिहार सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान में 10 हजार से भी अधिक जवानों को तैनात किया गया है. अभियान में छह बटालियन सीआरपीएफ, कोबरा, जगुआर, जैप, आईआरबी के जवानों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ के एक बटालियन में एक हजार से 1200 तक जवान शामिल रहते हैं. बूढ़ापहाड़ छकरबंधा कॉरीडोर में 40 से अधिक पुलिस कैम्प स्थापित हैं. कैंपों में जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के काउंसलिंग भी की जाती है. झारखंड के कई हिस्सों में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवान ने आत्महत्या की है, जिसके बाद जवानों पर खास निगरानी रखी जा रही है. जवानों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए कई स्तर पर पहल की गई है. जवानों को कैंपों में मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. जिस इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं उन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध करवाने की भी कोशिश की जा रही है.

पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा

पलामू: नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों का सीनियर अधिकारी लगातार हौसला बढ़ा रहे हैं. सितंबर 2022 से झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. वहीं झारखंड बिहार सीमा पर भी लगातार माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. माओवादियों के खिलाफ इस अभियान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सीआरपीएफ के डीजी, झारखंड के डीजीपी समेत कई टॉप अधिकारी जवानों का हौसला बढ़ा चुके हैं.

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नक्सल विरोधी अभियान में जिन इलाकों में जवान तैनात हैं वह इलाका आबादी और नेटवर्क से काफी दूर है. जवानों के शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी निगरानी रखी जा रही है. यही वजह है कि झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी लगातार इलाके में जवानों के साथ बातचीत कर रहे हैं और उनके हौसला को बढ़ा रहे हैं. बूढ़ापहाड़ और झारखंड बिहार सीमा पर सीआरपीएफ झारखंड पुलिस के आईजी रैंक के अधिकारी हर सप्ताह दौरा करते हैं.

पलामू जोन के आईजी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि दूरस्थ इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान में जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि लगातार दौरा करने से जवानों के हौसले बुलंद रहते हैं. राजकुमार लकड़ा खुद लगातार बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों के कैंपों में जा रहे हैं. इस दौरान जवान पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याओं को भी रखते हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है.

नक्सल विरोधी अभियान में 10 हजार से अधिक जवान तैनात: झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ और बिहार सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान में 10 हजार से भी अधिक जवानों को तैनात किया गया है. अभियान में छह बटालियन सीआरपीएफ, कोबरा, जगुआर, जैप, आईआरबी के जवानों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ के एक बटालियन में एक हजार से 1200 तक जवान शामिल रहते हैं. बूढ़ापहाड़ छकरबंधा कॉरीडोर में 40 से अधिक पुलिस कैम्प स्थापित हैं. कैंपों में जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के काउंसलिंग भी की जाती है. झारखंड के कई हिस्सों में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवान ने आत्महत्या की है, जिसके बाद जवानों पर खास निगरानी रखी जा रही है. जवानों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए कई स्तर पर पहल की गई है. जवानों को कैंपों में मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. जिस इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं उन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध करवाने की भी कोशिश की जा रही है.

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