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अंतरराष्ट्रीय नर्स डे: कलेजे के टुकड़े को छोड़ करती हैं मरीजों की सेवा, फिर भी तीमारदारों का व्यवहार दे रहा दर्द

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर पलामू में कई जगहों पर नर्सों के सम्मान के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जाहिर है संक्रमण के इस दौर में सम्मान की असली हकदार कोई है तो वो हैं हमारे स्वास्थ्यकर्मी, अस्पताल की नर्सें और वे डॉक्टर जो दिन रात अपने परिवार से दूर रहकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. लेकिन पलामू एमएमसीएच में तैनात नर्सें कोविड मरीजों के व्यवहार से काफी दुखी है, नर्स दिवस के मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए नर्सों ने नाराजगी व्यक्त की है.

Listen to the voice of the nurse on nurse's day
नर्स दिवस पर सुनो नर्स की आवाज
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Published : May 12, 2021, 6:40 PM IST

पलामू: 12 मार्च को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है, पलामू में भी कई नर्सें कोविड मरीजों की जान बचाने में जी जान से जुटी हैं. ईटीवी भारत ने मरीजों की सेवा में जुटी नर्सों से उनके सामने आ रही चुनौतियों पर बातचीत की है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- कोरोना काल में मरीजों के लिए देवदूत बनीं नर्सें, जज्बे को सलाम, अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

मारपीट की घटना से दुखी

मरीजों की सेवा में तैनात नर्सों ने नर्स दिवस पर ईटीवी भारत से बातचीत में काम के दौरान होने वाली दिक्कतों को बताया है, नर्स मर्लिन कुजूर की माने तो वो अपने छोटे छोटे बच्चों को घर में अकेला छोड़ अस्पताल में मरीजों की सेवा कर रही हैं, उन्होंने कहा उनकी पूरी कोशिश होती है की मरीजों की जान बचाई जाए, लेकिन महामारी ऐसी है की किसी के लिए कुछ भी कहना असंभव हैं. इसके साथ ही उन्होंने मरीज के परिजनों द्वारा किए जा रहे व्यवहार पर नाराजगी जताई, और कहा उनके इस व्यवहार से काफी दुख होता है.

मरीज के परिजन नहीं रखते हैं धैर्य

एमएमसीएच में तैनात नर्स ममता त्रिशूल ने भी मरीजों के व्यवहार पर दुख जताया, इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इस बीमारी को गंभीरता से लेने की अपील की, उन्होंने कहा लोग इसे हल्के में न लें और सरकार के गाइडलाइन का पालन करें, उन्होंने बताया की कैसे वे सक्रमण से खुद बचती हैं और अपने परिवार को बचाती हैं.

बड़ी संख्या मरीज हो रहे हैं ठीक

अस्पताल में मौजूद डीपीएम दीपक कुमार की माने तो पलामू में कोविड मरीजों काफी संख्या में ठीक हो रहे हैं, उनके मुताबिक एमएमसीएच में अब तक 550 मरीज भर्ती हुए थे, जिसमें से काफी संख्या में मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, इसके साथ ही उन्होंने नर्सों की भूमिका की सराहना की और कहा इनके बदौलत ही जिले में संक्रमण के खिलाफ इतना बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

पलामू: 12 मार्च को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है, पलामू में भी कई नर्सें कोविड मरीजों की जान बचाने में जी जान से जुटी हैं. ईटीवी भारत ने मरीजों की सेवा में जुटी नर्सों से उनके सामने आ रही चुनौतियों पर बातचीत की है.

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मरीज के परिजन नहीं रखते हैं धैर्य

एमएमसीएच में तैनात नर्स ममता त्रिशूल ने भी मरीजों के व्यवहार पर दुख जताया, इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इस बीमारी को गंभीरता से लेने की अपील की, उन्होंने कहा लोग इसे हल्के में न लें और सरकार के गाइडलाइन का पालन करें, उन्होंने बताया की कैसे वे सक्रमण से खुद बचती हैं और अपने परिवार को बचाती हैं.

बड़ी संख्या मरीज हो रहे हैं ठीक

अस्पताल में मौजूद डीपीएम दीपक कुमार की माने तो पलामू में कोविड मरीजों काफी संख्या में ठीक हो रहे हैं, उनके मुताबिक एमएमसीएच में अब तक 550 मरीज भर्ती हुए थे, जिसमें से काफी संख्या में मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, इसके साथ ही उन्होंने नर्सों की भूमिका की सराहना की और कहा इनके बदौलत ही जिले में संक्रमण के खिलाफ इतना बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

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