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लॉकडाउन के दौरान 6.50 लाख टन पहुंचेगा अनाज, अप्रैल में पंहुचना है 25 रैक अनाज - no shortage of ration during lockdown in palamu

कोरोना लॉकडाउन को लेकर इस समय सबसे बड़ी समस्या खाद्य सामग्री को लेकर है. समाजसेवी जरुरतमंदों तक खाद्य सामग्री पंहुचाने में जुटे हुए है. वहीं, पलामू प्रमंडल में पर्याप्त मात्रा में खादय सामग्री उपलब्ध है.

no shortage of ration during lockdown in palamu
खाद्य सामग्री
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Published : Apr 9, 2020, 7:16 PM IST

पलामू: कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में लोगों की सबसे बड़ी चिंता खाद्दान्न की सता रही है. पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों को मिला कर करीब 50 लाख की आबादी है. कई इलाकों में गरीब और असहाय लोगों के बीच राशन की कमी की खबर सामने आने लगी है. प्रशासनिक तंत्र और समाजसेवी जरुरतमंदों तक खादय सामग्री पंहुचाने में लगे हुए है. इसी बीच जो खबर निकल कर सामने आ रही है वो पलामू गढ़वा और लातेहार के लिए सुखद हैं.

देखें पूरी खबर

राशन की नहीं होगी कमी

बता दें कि पलामू प्रमंडल में खाद्यान की कमी नहीं होने वाली है. भारतीय खाद्य निगम ने गुरुवार तक 07 रैक अनाज मिल चुका था. जिसमें से एक रैक गेंहु का था जबकि छह रैक चावल का था. वहीं, औसतन एक रैक में 26 हजार टन अनाज होता है. पलामू प्रमंडल में औसतन हर महीने 07 रैक की जरूरत होती है. अप्रैल महीने में जो रैक आ रहा है उससे जून महीने तक राशन की कोई कमी नहीं होगी.

ये भी देखें- इस गांव में भूलकर भी मत जाना, वरना लग जाएगा जुर्माना

कितनी खपत होती है अनाज

पलामू में चार रैक जबकि गढ़वा और लातेहार में दो दो रैक अनाज की हर महीने खपत होती है. भारतीय खाद निगम ही जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को अनाज उपलब्ध करवाता है.

पलामू: कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में लोगों की सबसे बड़ी चिंता खाद्दान्न की सता रही है. पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों को मिला कर करीब 50 लाख की आबादी है. कई इलाकों में गरीब और असहाय लोगों के बीच राशन की कमी की खबर सामने आने लगी है. प्रशासनिक तंत्र और समाजसेवी जरुरतमंदों तक खादय सामग्री पंहुचाने में लगे हुए है. इसी बीच जो खबर निकल कर सामने आ रही है वो पलामू गढ़वा और लातेहार के लिए सुखद हैं.

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राशन की नहीं होगी कमी

बता दें कि पलामू प्रमंडल में खाद्यान की कमी नहीं होने वाली है. भारतीय खाद्य निगम ने गुरुवार तक 07 रैक अनाज मिल चुका था. जिसमें से एक रैक गेंहु का था जबकि छह रैक चावल का था. वहीं, औसतन एक रैक में 26 हजार टन अनाज होता है. पलामू प्रमंडल में औसतन हर महीने 07 रैक की जरूरत होती है. अप्रैल महीने में जो रैक आ रहा है उससे जून महीने तक राशन की कोई कमी नहीं होगी.

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कितनी खपत होती है अनाज

पलामू में चार रैक जबकि गढ़वा और लातेहार में दो दो रैक अनाज की हर महीने खपत होती है. भारतीय खाद निगम ही जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को अनाज उपलब्ध करवाता है.

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