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नाबालिगों को सोशल मीडिया का ग्लैमर दिखा कर धकेला जा रहा सेक्स रैकेट में, एक महीने बाद दर्ज हुई एफआईआर - सोशल मीडिया का ग्लैमर

गढ़वा और पलामू जिले में कई नाबालिगों को आर्केस्ट्रा, यूट्यूब और शॉर्ट फिल्म के बहाने सेक्स रैकेट में धकेला जा रहा है. आर्केस्ट्रा में काम करने वाली एक नाबालिग गर्भवती हो गई थी, जिसके बाद कई खुलासे हो रहे हैं. 22 फरवरी को गढ़वा में आर्केस्ट्रा में काम करने जा रही पांच नाबालिग लड़कियों को रिकवर किया गया था.

No FIR yet filed in case of Sax racket case in Palamu
पलामू में सेक्स रैकेट
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Published : Mar 18, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 5:47 PM IST

पलामू: गढ़वा और पलामू के इलाके में नाबालिगों को सोशल मीडिया का ग्लैमर दिखाकर सेक्स रैकेट में धकेला जा रहा है. आर्केस्ट्रा में काम करने वाली एक नाबालिग के गर्भवती होती होने के बाद सेक्स रैकेट से जुड़े कई राज सामने आ रहे हैं. मामले में गंभीरता को देखते हुए स्पेशल ब्रांच ने अलर्ट जारी करते हुए राज्य के आला अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. 22 फरवरी को गढ़वा में आर्केस्ट्रा में काम करने जा रही पांच नाबालिग लड़कियों को रिकवर किया गया था. सभी को पलामू उज्जवलागृह लाया गया था. 23 फरवरी को मेडिकल जांच में यह बात सामने आई कि एक नाबालिग गर्भवती है.

पलामू में सेक्स रैकेट
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यूट्यूब, शॉर्ट फिल्म में काम करने और आर्केस्ट्रा में काम करने का दिया जा रहा लालच
सेक्स रैकेट में धकेली जा रही नाबालिगों को यूट्यूब एल्बम, शॉर्ट फिल्म और आर्केस्ट्रा में काम करने के लिए लालच दिया जाता है. उसके बाद धीरे-धीरे उन्हें सेक्स रैकेट में धकेल दिया जाता है. इस पूरे ग्रुप में पलामू और गढ़वा के सीमावर्ती इलाके के लोग सक्रिय हैं. मालिकों ने सीडब्ल्यूसी को करीब 15 नाम बताएं हैं, जो इस धंधे का संचालन कर रहे हैं, उसमें चार लोग आपस में रिश्तेदार भी हैं. नाबालिगों ने बताया है कि वो ईंट भट्ठा में काम करते थे, जहां प्रतिदिन उन्हें 250 दिहाड़ी मिलती थी. उसके बाद उन्हें आर्केस्ट्रा और यूट्यूब एल्बम में काम करवाने के नाम पर ले जाया गया. वहां उन्हें प्रतिदिन हजार रुपए दिए जाते थे.



नाबालिगों ने पलामू और गढ़वा में कई ठिकानों की दी है जानकारी
नाबालिगों ने प्रशासनिक अधिकारियों ने पलामू और गढ़वा के इलाकों की जानकारी दी है, जहां इस धंधे में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है. कई लड़कियां ईंट-भट्ठा में काम कर रही हैं, जहां से उन्हें लालच देकर लाया जा रहा है. गढ़वा के मेराल, रंका, पलामू के चैनपुर और रामगढ़ के इलाके के नाबालिगों को रैकेट निशाना बना रहे हैं. चैनपुर थाना के पास का भी एक बड़ा नाम इस रैकेट से जुड़ा हुआ है.


इसे भी पढे़ं: वाराणसी, रांची से जुड़ा है पलामू सेक्स रैकेट का तार, पुलिस कर रही कार्रवाई की तैयारी



मामले में एक महीने बाद दर्ज हुआ है एफआईआर
पूरे मामले में पलामू और गढ़वा के अधिकारियों के बीच करीब एक महीने तक पत्राचार का सिलसिला जारी है. पत्राचार के बाद मामले में गढ़वा में आरोपियों खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जबकि लड़कियों ने सारे आरोपियों के नाम और पते अधिकारियों को बता दिए हैं. पूरे मामले में जांच करने वाली बाल निरीक्षण जिला कमेटी की तरफ से इंदु भगत बताती हैं कि लड़कियों को गलत राह पर धकेला गया है, आर्केस्ट्रा के नाम पर लड़कियों का शोषण होता था, मामले में सख्त कानूनी कदम उठाने की जरूरत है.

पलामू: गढ़वा और पलामू के इलाके में नाबालिगों को सोशल मीडिया का ग्लैमर दिखाकर सेक्स रैकेट में धकेला जा रहा है. आर्केस्ट्रा में काम करने वाली एक नाबालिग के गर्भवती होती होने के बाद सेक्स रैकेट से जुड़े कई राज सामने आ रहे हैं. मामले में गंभीरता को देखते हुए स्पेशल ब्रांच ने अलर्ट जारी करते हुए राज्य के आला अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. 22 फरवरी को गढ़वा में आर्केस्ट्रा में काम करने जा रही पांच नाबालिग लड़कियों को रिकवर किया गया था. सभी को पलामू उज्जवलागृह लाया गया था. 23 फरवरी को मेडिकल जांच में यह बात सामने आई कि एक नाबालिग गर्भवती है.

पलामू में सेक्स रैकेट
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यूट्यूब, शॉर्ट फिल्म में काम करने और आर्केस्ट्रा में काम करने का दिया जा रहा लालच
सेक्स रैकेट में धकेली जा रही नाबालिगों को यूट्यूब एल्बम, शॉर्ट फिल्म और आर्केस्ट्रा में काम करने के लिए लालच दिया जाता है. उसके बाद धीरे-धीरे उन्हें सेक्स रैकेट में धकेल दिया जाता है. इस पूरे ग्रुप में पलामू और गढ़वा के सीमावर्ती इलाके के लोग सक्रिय हैं. मालिकों ने सीडब्ल्यूसी को करीब 15 नाम बताएं हैं, जो इस धंधे का संचालन कर रहे हैं, उसमें चार लोग आपस में रिश्तेदार भी हैं. नाबालिगों ने बताया है कि वो ईंट भट्ठा में काम करते थे, जहां प्रतिदिन उन्हें 250 दिहाड़ी मिलती थी. उसके बाद उन्हें आर्केस्ट्रा और यूट्यूब एल्बम में काम करवाने के नाम पर ले जाया गया. वहां उन्हें प्रतिदिन हजार रुपए दिए जाते थे.



नाबालिगों ने पलामू और गढ़वा में कई ठिकानों की दी है जानकारी
नाबालिगों ने प्रशासनिक अधिकारियों ने पलामू और गढ़वा के इलाकों की जानकारी दी है, जहां इस धंधे में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है. कई लड़कियां ईंट-भट्ठा में काम कर रही हैं, जहां से उन्हें लालच देकर लाया जा रहा है. गढ़वा के मेराल, रंका, पलामू के चैनपुर और रामगढ़ के इलाके के नाबालिगों को रैकेट निशाना बना रहे हैं. चैनपुर थाना के पास का भी एक बड़ा नाम इस रैकेट से जुड़ा हुआ है.


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मामले में एक महीने बाद दर्ज हुआ है एफआईआर
पूरे मामले में पलामू और गढ़वा के अधिकारियों के बीच करीब एक महीने तक पत्राचार का सिलसिला जारी है. पत्राचार के बाद मामले में गढ़वा में आरोपियों खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जबकि लड़कियों ने सारे आरोपियों के नाम और पते अधिकारियों को बता दिए हैं. पूरे मामले में जांच करने वाली बाल निरीक्षण जिला कमेटी की तरफ से इंदु भगत बताती हैं कि लड़कियों को गलत राह पर धकेला गया है, आर्केस्ट्रा के नाम पर लड़कियों का शोषण होता था, मामले में सख्त कानूनी कदम उठाने की जरूरत है.

Last Updated : Mar 18, 2021, 5:47 PM IST
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