पलामू: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई जारी है. यह लड़ाई कितने दिनों तक जारी रहेगी कहना मुश्किल है. नक्सलियों की मांद में प्रशासनिक तंत्र ने विकास की सेंध लगानी शुरू कर दी है. नतीजा है कि हाल के दिनों में नक्सलियों के गढ़ में बदलाव शुरू हुए है.
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नक्सलियों के गढ़ में सड़कों का जाल बिछने वाला है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क संपर्क योजना के तहत 09 सड़क और 08 पूल निर्माण की स्वीकृत मिली है. यह सभी रोड और पूल नक्सलियों के सबसे सुरक्षित मांद में हैं. झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बूढ़ापहाड़ के कोर एरिया में रोड बनाया जाना है. माओवादियों के गढ़ बूढ़ापहाड़ से बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर में आधा दर्जन रोड की स्वीकृति मिली है.
नक्सलियों के गढ़ बूढ़ापहाड में भंडरिया से परो, कुल्ही से हेसातू, अतिनक्सल प्रभावित इलाका डगरा से साल्वे, झलदाग से ढकचा, डगरा से नवगढ़, तुरी से लांगुराही, गिद्दी से करमलेवा परसलेवा, कालापाहाड़ से महूदण्ड रोड बनाया जाना है. रोड के लिए 64.60 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. सभी रोड नक्सलियों के अभियान के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं.
फिलहाल, सभी रोड कच्ची हालात में है. इन सभी रोड पर नक्सल अभियान के दैरान एक दर्जन से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं. 2015-16 में कालापाहाड़ महूदण्ड रोड के पास हुए नक्सल हमले में 07 जवान शहीद हुए थे. 2018-19 में कुल्ही हेसातू रोड में नक्सल हमले में 06 जवान शहीद हुए थे. सूची में शामिल सभी रोड पर कई बड़े नक्सल हमले हुए हैं.
पलामू सांसद सह झारखंड के पूर्व डीजीपी विष्णु दयाल ने नक्सलियों के सुरक्षित ठिकानों में रोड और पूल की योजना को लेकर पहल की थी. सांसद विष्णु दयाल ने बताया कि सड़क और पूल विकास के द्वार को खोलती है. सड़क और पूल बन जाने से सुरक्षाबलों को अभियान के दौरान आसानी होगी साथ ही साथ एक बड़ी आबादी मुख्यधारा में शामिल हो जाएगी. सांसद ने कहा कि जल्द ही सभी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. सड़क बन जाने से नक्सलियों के खिलाफ अभियान आसान हो जाएगी और दर्जनों गांवों के लोगों को इससे लाभ मिलेगा.
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि रोड बन जाने से नक्सलियों के खिलाफ आधी लड़ाई ऐसे ही जीत ली जाएगी. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी बताते हैं कि इलाके को नक्सल मुक्त बनाने की पहल जारी है. रोड और पूल बन जाने से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ विकास योजनाओं का क्रियान्वयन भी तेज हो जाएगा.
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इलाके में टॉप कमांडरों का लगा रहता है जमावड़ा
जिस इलाके में रोड और पूल बनाए जाने उस इलाके में माओवादियों के टॉप कमांडरों का जमावड़ा लगा रहता है. बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का यूनीफाइड कमांड है. इलाके में आधा दर्जन से अधिक कैंप है.