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टूट रही नक्सलियों की रीढ़! झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर कोई नहीं एक करोड़ का इनामी - Jharkhand News

झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर (Jharkhand Bihar and Chhattisgarh border) अब नक्सली कमजोर होते दिख रहे है. नक्सली संगठनों के इनामी कमांडरों की सूची देखें तो झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर अब एक भी 1 करोड़ का इनामी नक्सली नहीं बचा है. ये वही इलाका है जहां कभी माओवादियों के पास सबसे अधिक कैडर थे.

Naxalites weakened in Jharkhand
Naxalites weakened in Jharkhand
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Published : Nov 13, 2022, 8:20 AM IST

पलामू: झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों की रीढ़ कमजोर हो गई है (Jharkhand Bihar and Chhattisgarh border). अब माओवादियों के पास टॉप नेतृत्वकर्ता भी नहीं बचे हैं. कभी इस इलाके में माओवादियों के टॉप कमांडर पूरे बिहार और झारखंड में नक्सल संगठनों का नेतृत्व करते थे. झारखंड गठन के बाद इस इलाके में माओवादियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चले हैं. नतीजा है कि अब इस इलाके में कोई भी एक करोड़ का इनामी नक्सली नहीं बचा है (Naxalites weakened in Jharkhand).

ये भी पढ़ें: 80 के दशक में शुरू हुआ नक्सलवाद अब झारखंड में तोड़ रहा दम, दो वर्षों में सबसे ज्यादा हुआ नुकसान

27 अक्टूबर 2022 को नक्सली संगठनों के इनामी कमांडरों को लेकर सूची जारी हुई है. इस सूची में इस इलाके में कोई भी सक्रिय टॉप माओवादी कमांडर एक करोड़ का इनामी नहीं है. माओवादियों की झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमिटी में देश, दूसरा सबसे अधिक हथियार बंद कैडर था. उससे अधिक सिर्फ बस्तर के इलाके में ही माओवादियों के पास कैडर मौजूद थे. कभी इस इलाके में एक करोड़ का इनामी माओवादी अरविंद, सुधाकरण और प्रशांत बोस सक्रिय थे. 2018 में अरविंद की मौत हो गई थी, जबकि 2019 में सुधाकरण ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया था, वहीं 2021 में प्रशांत बोस को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

देखें पूरी खबर


झारखंड में 128 नक्सलियों की सूची में तीन हैं एक करोड़ के इनामी: झारखंड सरकार ने 128 नक्सलियों पर इनाम की घोषणा की है. इनमें से तीन नक्सली ही एक करोड़ के इनामी हैं. मिसिर बेसरा, असीम मंडल और पतिराम मांझी वे तीन नक्सली हैं जिनपर एक करोड़ रुपये का इनाम है. तीनों ही झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे सीमावर्ती इलाके में सक्रिय नहीं हैं.

घट गई इनामी नक्सली कमांडर्स की संख्या, कई पर इनाम बढ़े तो कई पर घटे: बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे हुए पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में पिछले 5 वर्षों में इनामी नक्सल कमांडरों की संख्या घट गई है. दो वर्ष पहले तक इलाके में 70 से अधिक इनामी नक्सली सक्रिय थे. अब इनकी संख्या घटकर 39 तक पहुंच गई है. इलाके में सक्रिय नक्सली कमांडर पर अधिकतम इनाम की राशि 25 लाख रुपये है. पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि नक्सल संगठनों खिलाफ अभियान चल रहा है, उनके खिलाफ इनाम की राशि की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण करें, नहीं तो सुरक्षाबलों की फौजी कार्रवाई लगातार जारी है.

कौन-कौन से नक्सली कमांडर बचे हैं और कितना है इनाम: माओवादी अजीत उराव उर्फ चार्लिस 25 लाख, छोटू खरवार 15 लाख, रविंद्र गंझू 15 लाख, मृत्युंजय भूइयां 10 लाख, मुनेश्वर गंझू 10 लाख, मनोहर गंझू 10 लाख, नीरज सिंह खरवार, अभिजीत यादव, संजय गोदराम चंदन सिंह खरवार पर 10-10 लाख रुपये का इनाम घोषित है. मनोहर और नीरज पर इनाम की राशि घटाई गई है. जबकि अभिजीत और संजय गोदराम पर इनाम की राशि को बढ़ाया गया है. जेजेएमपी के पप्पू लोहरा, मनोहर, बीरबल, रबिन्द्र यादव पर भी इनाम की घोषणा की गई है. जबकि TSPC के छह नक्सली आक्रमण, शशिकांत, प्रभात, वीरेंद्र, बैजनाथ, रामचंद्र यादव पर इनाम की घोषणा की गई है.

पलामू: झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों की रीढ़ कमजोर हो गई है (Jharkhand Bihar and Chhattisgarh border). अब माओवादियों के पास टॉप नेतृत्वकर्ता भी नहीं बचे हैं. कभी इस इलाके में माओवादियों के टॉप कमांडर पूरे बिहार और झारखंड में नक्सल संगठनों का नेतृत्व करते थे. झारखंड गठन के बाद इस इलाके में माओवादियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चले हैं. नतीजा है कि अब इस इलाके में कोई भी एक करोड़ का इनामी नक्सली नहीं बचा है (Naxalites weakened in Jharkhand).

ये भी पढ़ें: 80 के दशक में शुरू हुआ नक्सलवाद अब झारखंड में तोड़ रहा दम, दो वर्षों में सबसे ज्यादा हुआ नुकसान

27 अक्टूबर 2022 को नक्सली संगठनों के इनामी कमांडरों को लेकर सूची जारी हुई है. इस सूची में इस इलाके में कोई भी सक्रिय टॉप माओवादी कमांडर एक करोड़ का इनामी नहीं है. माओवादियों की झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमिटी में देश, दूसरा सबसे अधिक हथियार बंद कैडर था. उससे अधिक सिर्फ बस्तर के इलाके में ही माओवादियों के पास कैडर मौजूद थे. कभी इस इलाके में एक करोड़ का इनामी माओवादी अरविंद, सुधाकरण और प्रशांत बोस सक्रिय थे. 2018 में अरविंद की मौत हो गई थी, जबकि 2019 में सुधाकरण ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया था, वहीं 2021 में प्रशांत बोस को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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झारखंड में 128 नक्सलियों की सूची में तीन हैं एक करोड़ के इनामी: झारखंड सरकार ने 128 नक्सलियों पर इनाम की घोषणा की है. इनमें से तीन नक्सली ही एक करोड़ के इनामी हैं. मिसिर बेसरा, असीम मंडल और पतिराम मांझी वे तीन नक्सली हैं जिनपर एक करोड़ रुपये का इनाम है. तीनों ही झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे सीमावर्ती इलाके में सक्रिय नहीं हैं.

घट गई इनामी नक्सली कमांडर्स की संख्या, कई पर इनाम बढ़े तो कई पर घटे: बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे हुए पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में पिछले 5 वर्षों में इनामी नक्सल कमांडरों की संख्या घट गई है. दो वर्ष पहले तक इलाके में 70 से अधिक इनामी नक्सली सक्रिय थे. अब इनकी संख्या घटकर 39 तक पहुंच गई है. इलाके में सक्रिय नक्सली कमांडर पर अधिकतम इनाम की राशि 25 लाख रुपये है. पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि नक्सल संगठनों खिलाफ अभियान चल रहा है, उनके खिलाफ इनाम की राशि की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण करें, नहीं तो सुरक्षाबलों की फौजी कार्रवाई लगातार जारी है.

कौन-कौन से नक्सली कमांडर बचे हैं और कितना है इनाम: माओवादी अजीत उराव उर्फ चार्लिस 25 लाख, छोटू खरवार 15 लाख, रविंद्र गंझू 15 लाख, मृत्युंजय भूइयां 10 लाख, मुनेश्वर गंझू 10 लाख, मनोहर गंझू 10 लाख, नीरज सिंह खरवार, अभिजीत यादव, संजय गोदराम चंदन सिंह खरवार पर 10-10 लाख रुपये का इनाम घोषित है. मनोहर और नीरज पर इनाम की राशि घटाई गई है. जबकि अभिजीत और संजय गोदराम पर इनाम की राशि को बढ़ाया गया है. जेजेएमपी के पप्पू लोहरा, मनोहर, बीरबल, रबिन्द्र यादव पर भी इनाम की घोषणा की गई है. जबकि TSPC के छह नक्सली आक्रमण, शशिकांत, प्रभात, वीरेंद्र, बैजनाथ, रामचंद्र यादव पर इनाम की घोषणा की गई है.

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