पलामूः बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों के ऑक्टोपस अभियान से निकल कर भागे टॉप माओवादी झारखंड-बिहार सीमा पर अपना ठिकाना बनाना चाहते हैं. जबकि कई कमांडर लातेहार-लोहरदगा सीमावर्ती क्षेत्र में पनाह लेना चाहते हैं. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में अपनी निगरानी बढ़ा दी है. गौरतलब हो कि बूढ़ापहाड़ पर सितंबर से सुरक्षाबल अभियान ऑक्टोपस चला रहे हैं. इस कारण माओवादियों के टॉप कमांडर इलाके को छोड़ कर भाग गए हैं. बूढ़ापहाड़ से टॉप माओवादी नवीन यादव झारखंड-बिहार सीमा पर, मृत्युंजय भुइयां और छोटू खरवार समेत कई टॉप कमांडर लातेहार-लोहरदगा सीमा की तरफ भाग गए थे. जिसमें बाद में नवीन यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया.
भागे हुए नक्सली मिल फिर से खड़ा करना चाहते हैं संगठनः बूढ़ापहाड़ से निकलकर भागे टॉप माओवादी झारखंड-बिहार सीमा पर अपने ठिकाना बनाना चाहते हैं. पिछले एक माह के अंदर झारखंड-बिहार सीमा और पलामू-चतरा पर माओवादियों के साथ तीन बार मुठभेड़ हुई है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नवीन यादव के साथ बूढ़ापहाड़ से करीब आधा दर्जन कमांडर झारखंड-बिहार सीमा पर पहुंचे थे और वे इसी इलाके में ठिकाना बनाना चाहते थे. ये सभी लोग छकरबंधा से निकल कर भागे माओवादियों के साथ मिलकर संगठन को खड़ा करना चाहते हैं.
बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा के माओवादियों में हुआ मतभेदः सुरक्षा एजेंसी के अनुसार बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा से निकल कर भागे माओवादियों में आपसी मतभेद हुआ है. छकरबंधा के कमांडर नहीं चाहते हैं कि झारखंड-बिहार सीमा पर बूढ़ापहाड़ का वर्चस्व हो. आत्मसमर्पण करने वाले नवीन यादव ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि कई बिंदुओं पर मतभेद है. झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य गौतम पासवान, अजित उर्फ चार्लीस और मनोहर गंझु नहीं चाहते कि बूढ़ापहाड़ के इलाके से निकल कर भागे खास कमांडरों का इलाके जमावड़ा लगे.
नवीन इलाके में वर्चस्व कायम करना चाहता थाः नवीन यादव ने इलाके में वर्चस्व कायम करने की कोशिश की थी, लेकिन बाकी के कमांडरों ने उसकी मदद नहीं की. आपसी मतभेद के बाद टॉप माओवादी नितेश यादव, संजय गोदराम भी इलाके से भाग गया है. संदीप यादव की मौत के बाद माओवादियों ने कई कमांडर बदल दिया है. गौतम पासवान को छकरबंधा, जबकि मारकुस उर्फ सौरव को बूढ़ापहाड़ की जिम्मेदारी दी गई है.