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नक्सलियों ने मंदिर पर भी लिख डाला फरमान, ग्रामीणों को मानसिक और सामाजिक तौर पर कर रहा है प्रभावित - पलामू में नक्सली

पलामू में अब नक्सली मंदिर की दीवार पर भी फरमान लिखने लगे हैं. पहले नक्सली स्कूल या सरकारी भवनों पर ही फरमान लिखा करते थे. इस तरह के फरमान ग्रामीणों के मानसिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं.

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नक्सलियों ने मंदिर पर भी लिख डाला फरमान
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Published : Aug 12, 2021, 1:40 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 1:45 PM IST

पलामूः जिले के कई क्षेत्रों में नक्सलियों ने किसी जमाने में सरकारी तंत्र के समानांतर अपना साम्राज्य चलाया है. हालांकि पिछले पांच से छह वर्षो में काफी चीजें बदल गई और नक्सली बेहद कमजोर हो गए हैं. अब उनका दस्ता गांव में खुलेआम नहीं घूमता है. लेकिन पलामू के कई ऐसे इलाके हैं, जहां नक्सलियों के फरमान आज भी लिखे हुए हैं, जो ग्रामीणों के मानसिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पलामूः मारा गया कुख्यात नक्सली कमांडर रामसुंदर, बरामद हुए अत्याधुनिक हथियार


पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से 45 किलोमीटर दूर रामगढ़ के कोकाडु के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन TSPC ने अपना फरमान मंदिर पर ही लिख डाला है. यहां फरमान में लिखा गया है किसी को भी जानकारी नहीं है. जिस इलाके में यह फरमान लिखा गया है उस जगह से एक किलोमीटर की दूरी पर JJMP-TSPC आपस में भिड़ गए थे और उसमें एक कमांडर भी मारा गया है.

देखें पूरी खबर
मंदिर पर पहली बार लिखा गया है फरमान

रामगढ़ थाना क्षेत्र के कोकाडू में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) ने शिव मंदिर पर फरमान लिखा है. मंदिर की दीवार पर लिखे गए फरमान में कई सरकारी योजनाओं को लेकर ग्रामीण और सरकारी तंत्र को धमकी दी गई है. जबकि टीएसपीसी ने अपने नारों को भी लिखा है. नक्सली संगठन पहले स्कूल या सरकारी भवनों में अपने फरमान को लिखते थे, लेकिन पहली बार यह देखने को मिला है कि मंदिर पर भी अपना फरमान लिखा है.

जिस मंदिर पर फरमान लिखा गया है, उस जगह से गांव में घुसने का मुख्य रास्ता है. इस फरमान से ग्रामीणों को मानसिक और सामाजिक तौर पर सीधे प्रभावित होना पड़ रहा है. पूरे मामले पर कोई भी ग्रामीण बोलना नहीं चाहता है. यह इलाका नक्सल संगठनों का काफी प्रभाव वाला है. टीएसपीसी का गठन 2004-05 में हुआ था. चैनपुर के इलाके में टीएसपीसी का प्रभाव 2010-11 के बाद शुरू हुआ था. टीएसपीसी का कोई भी बड़ा दस्ता इलाके में सक्रिय नहीं है. लेकिन उनके फरमान कई जगह लिखे हुए हैं.

पलामूः जिले के कई क्षेत्रों में नक्सलियों ने किसी जमाने में सरकारी तंत्र के समानांतर अपना साम्राज्य चलाया है. हालांकि पिछले पांच से छह वर्षो में काफी चीजें बदल गई और नक्सली बेहद कमजोर हो गए हैं. अब उनका दस्ता गांव में खुलेआम नहीं घूमता है. लेकिन पलामू के कई ऐसे इलाके हैं, जहां नक्सलियों के फरमान आज भी लिखे हुए हैं, जो ग्रामीणों के मानसिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं.

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पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से 45 किलोमीटर दूर रामगढ़ के कोकाडु के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन TSPC ने अपना फरमान मंदिर पर ही लिख डाला है. यहां फरमान में लिखा गया है किसी को भी जानकारी नहीं है. जिस इलाके में यह फरमान लिखा गया है उस जगह से एक किलोमीटर की दूरी पर JJMP-TSPC आपस में भिड़ गए थे और उसमें एक कमांडर भी मारा गया है.

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मंदिर पर पहली बार लिखा गया है फरमान

रामगढ़ थाना क्षेत्र के कोकाडू में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) ने शिव मंदिर पर फरमान लिखा है. मंदिर की दीवार पर लिखे गए फरमान में कई सरकारी योजनाओं को लेकर ग्रामीण और सरकारी तंत्र को धमकी दी गई है. जबकि टीएसपीसी ने अपने नारों को भी लिखा है. नक्सली संगठन पहले स्कूल या सरकारी भवनों में अपने फरमान को लिखते थे, लेकिन पहली बार यह देखने को मिला है कि मंदिर पर भी अपना फरमान लिखा है.

जिस मंदिर पर फरमान लिखा गया है, उस जगह से गांव में घुसने का मुख्य रास्ता है. इस फरमान से ग्रामीणों को मानसिक और सामाजिक तौर पर सीधे प्रभावित होना पड़ रहा है. पूरे मामले पर कोई भी ग्रामीण बोलना नहीं चाहता है. यह इलाका नक्सल संगठनों का काफी प्रभाव वाला है. टीएसपीसी का गठन 2004-05 में हुआ था. चैनपुर के इलाके में टीएसपीसी का प्रभाव 2010-11 के बाद शुरू हुआ था. टीएसपीसी का कोई भी बड़ा दस्ता इलाके में सक्रिय नहीं है. लेकिन उनके फरमान कई जगह लिखे हुए हैं.

Last Updated : Aug 12, 2021, 1:45 PM IST
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