पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए भाड़े के गुर्गों का इस्तेमाल कर रहा है. नक्सली संगठन टीएसपीसी ने हाल के दिनों में पलामू के इलाके में भाड़े के गुर्गों का इस्तेमाल किया है. एक सप्ताह पहले पलामू के नौडीहा बाजार के इलाके में एक ग्रामीण डॉक्टर पर फायरिंग हुई थी. ग्रामीण डॉक्टर ठेकेदारी का भी कार्य करता था. इस फायरिंग की घटना में नक्सली संगठन टीएसपीसी ने भाड़े के गुर्गों का इस्तेमाल किया था. इस घटना को अंजाम देने के लिए कोई भी दस्ता इलाके में नहीं आया था, बल्कि तीन की संख्या में गुर्गे पहुंचे थे.
हिंसक घटनाओं के लिए गुर्गों का इस्तेमाल कर रही टीएसपीसीः टीएसपीसी के टॉप कमांडर शशिकांत, नगीना, नेपाली आदि भाड़े के गुर्गे का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया के माध्यम से टीएसपीसी प्राइवेट गुर्गों से संपर्क कर रहे हैं और उनसे घटनाओं को अंजाम दिलवा रहा हैं. कई प्राइवेट गुर्गे ग्रामीण इलाके के छोटे-मोटे अपराधी हैं, जिनसे टीएसपीसी फायरिंग की घटना को अंजाम दिलवा रही है. लेवी के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
पलामू के कुछ इलाकों में ही टीएसपीसी का प्रभावः पलामू के कई इलाकों में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का प्रभाव कम हो गया है. टीएसपीसी का प्रभाव मनातू, छत्तरपुर, बिश्रामपुर, नावाबाजार, तरहसी, पिपराटांड़ और पांकी के इलाके में है. पिछले एक वर्ष में टीएसपीसी के दो दर्जन से अधिक नक्सली पकड़े गए हैं और बड़ी संख्या में हथियार जब्त किए गए हैं.
टीएसपीसी के खिलाफ चलाया जा रहा अभियानः इस संबंध में पलामू पुलिस का कहना है कि टीएसपीसी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. संगठन और उनके समर्थकों को रडार पर लिया गया है. पुलिस की जांच में या पता चला है कि प्राइवेट गुर्गों को नक्सली संगठन टीएसपीसी की ओर से छोटी-मोटी रकम भी दे रही है.
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