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बकोरिया मुठभेड़ः FIR दर्ज कराने वाले दरोगा ने CBI के सामने बदला बयान, सरकारी गवाह बनाने का फैसला नहीं

पलामू में कथित बकोरिया मुठभेड़ में FIR दर्ज करवाने वाले दरोगा मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई के समक्ष बयान को बदल दिया है. उनका नए बयान में कहना है कि वो इस मुठभेड़ में शामिल नहीं थे. फिलहाल सीबीआई ने मोहम्मद रुस्तम को सरकारी गवाह बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है.

bakoria encounter in palamu
बकोरिया मुठभेड़
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Published : Dec 21, 2020, 2:21 PM IST

पलामूः कथित बकोरिया मुठभेड़ में एफआईआर दर्ज करवाने वाले दरोगा मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई के समक्ष बयान को बदल दिया है. सीबीआई ने मोहम्मद रुस्तम से घंटों पूछताछ की थी. जिसके बाद उसने बयान को बदल दिया है. वहीं सीबीआई ने मोहम्मद रुस्तम को सरकारी गवाह बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है. कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई कर रही और सीबीआई की टीम पलामू में कैंप कर रही है. सीबीआई ने कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच लगभग 70 प्रतिशत कर ली है.

कथित बकोरिया मुठभेड़ के वक्त मोहम्मद रुस्तम का बयान
एसआई सह तत्कालीन सतबरवा ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम ने बयान दिया था कि 8 जून 2015 को रात 9:40 बजे सूचना मिली कि माओवादियों का एक दस्ता मनिका सतबरवा सीमा से गुजरने वाला है. इसी सूचना के आलोक में एनएच-75 पर भलुवाही पहुंचे. वहां पहले से कोबरा के अधिकारी और जवान थे. कोबरा की टीम के साथ मिलकर वाहन चेकिंग शुरू की गई. इसी दौरान कुछ जवानों को स्टोन क्रशर के कच्चे रास्ते में लगाया गया. रात करीब 11 बजे एक स्कॉर्पियो वहां पहुंची. जवानों को देख उसमें से कुछ उतर कर स्टोन क्रशर के तरफ भागने लगे. स्कॉर्पियो चालक पुलिस को देख स्टोन क्रशर के तरफ कच्चे रास्ते से भागने लगा.

इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बंगाल के तारापीठ मंदिर में की पूजा, की झारखंडवासियों की सुख-समृद्धि की कामना

चलाया गया था सर्च अभियान
मौके पर तैनात जवानों ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन स्कॉर्पियो में बैठे लोगों ने फायरिंग की. इस दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने चिल्लाकर स्कॉर्पियो सवार लोगों को कहा कि वह पुलिस फायरिंग नहीं करें बावजूद फायरिंग जारी रही. फिर जवानों ने आत्मसमर्पण करने को कहा बावजूद स्कॉर्पियो से उतर कर सभी ने फायरिंग की. आदेश के बाद जवानों ने सीमित फायरिंग की. रात 12:15 में एसपी को सूचना देकर अतिरक्त बल की मांग की गई. रात एक बजे सीआरपीएफ 134 की टीम पंहुची और इलाके में सर्च अभियान चलाया गया. जिसमें गोली लगे हुए लोगों को बरामद किया गया है. ऐसा माना जा रहा था कि अधिक खून गिरने के कारण सभी की मौत हो गई.

बयान में बदलाव
मोहम्मद रुस्तम के बयान के आधार पर ही पलामू के सदर थाना में एफआईआर दर्ज किया गया था. जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई को बयान दिया है कि उसके भलुवाही पहुंचने से पहले सब कुछ हो चुका था. वह मुठभेड़ में शामिल नहीं था. सीबीआई मोहम्मद रुस्तम को सरकारी गवाह बनाने पर फैसला नहीं ली. तकनीकी बिंदुओं मोहम्मद रुस्तम से इस जांच में कई और बिंदुओं पर पूछताछ की जानी है. बकोरिया मुठभेड की जांच कर रही सीबीआई टीम पलामू में कैंप कर रही है. जल्द ही सीबीआई टॉप अधिकारी पलामू पहुंचने वाले है और घटनास्थल का जायजा लेने वाले है. जांच टीम का नेतृत्व एएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे है.

पलामूः कथित बकोरिया मुठभेड़ में एफआईआर दर्ज करवाने वाले दरोगा मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई के समक्ष बयान को बदल दिया है. सीबीआई ने मोहम्मद रुस्तम से घंटों पूछताछ की थी. जिसके बाद उसने बयान को बदल दिया है. वहीं सीबीआई ने मोहम्मद रुस्तम को सरकारी गवाह बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है. कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई कर रही और सीबीआई की टीम पलामू में कैंप कर रही है. सीबीआई ने कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच लगभग 70 प्रतिशत कर ली है.

कथित बकोरिया मुठभेड़ के वक्त मोहम्मद रुस्तम का बयान
एसआई सह तत्कालीन सतबरवा ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम ने बयान दिया था कि 8 जून 2015 को रात 9:40 बजे सूचना मिली कि माओवादियों का एक दस्ता मनिका सतबरवा सीमा से गुजरने वाला है. इसी सूचना के आलोक में एनएच-75 पर भलुवाही पहुंचे. वहां पहले से कोबरा के अधिकारी और जवान थे. कोबरा की टीम के साथ मिलकर वाहन चेकिंग शुरू की गई. इसी दौरान कुछ जवानों को स्टोन क्रशर के कच्चे रास्ते में लगाया गया. रात करीब 11 बजे एक स्कॉर्पियो वहां पहुंची. जवानों को देख उसमें से कुछ उतर कर स्टोन क्रशर के तरफ भागने लगे. स्कॉर्पियो चालक पुलिस को देख स्टोन क्रशर के तरफ कच्चे रास्ते से भागने लगा.

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चलाया गया था सर्च अभियान
मौके पर तैनात जवानों ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन स्कॉर्पियो में बैठे लोगों ने फायरिंग की. इस दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने चिल्लाकर स्कॉर्पियो सवार लोगों को कहा कि वह पुलिस फायरिंग नहीं करें बावजूद फायरिंग जारी रही. फिर जवानों ने आत्मसमर्पण करने को कहा बावजूद स्कॉर्पियो से उतर कर सभी ने फायरिंग की. आदेश के बाद जवानों ने सीमित फायरिंग की. रात 12:15 में एसपी को सूचना देकर अतिरक्त बल की मांग की गई. रात एक बजे सीआरपीएफ 134 की टीम पंहुची और इलाके में सर्च अभियान चलाया गया. जिसमें गोली लगे हुए लोगों को बरामद किया गया है. ऐसा माना जा रहा था कि अधिक खून गिरने के कारण सभी की मौत हो गई.

बयान में बदलाव
मोहम्मद रुस्तम के बयान के आधार पर ही पलामू के सदर थाना में एफआईआर दर्ज किया गया था. जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई को बयान दिया है कि उसके भलुवाही पहुंचने से पहले सब कुछ हो चुका था. वह मुठभेड़ में शामिल नहीं था. सीबीआई मोहम्मद रुस्तम को सरकारी गवाह बनाने पर फैसला नहीं ली. तकनीकी बिंदुओं मोहम्मद रुस्तम से इस जांच में कई और बिंदुओं पर पूछताछ की जानी है. बकोरिया मुठभेड की जांच कर रही सीबीआई टीम पलामू में कैंप कर रही है. जल्द ही सीबीआई टॉप अधिकारी पलामू पहुंचने वाले है और घटनास्थल का जायजा लेने वाले है. जांच टीम का नेतृत्व एएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे है.

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