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ठंड के दौरान यहां लगता है प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा, अब तक 140 प्रजाति के पक्षी किए गए चिन्हित - पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष

विदेशी मेहमानों का आगमन पलामू में हो चुका है. हर साल विदेशी मेहमान हजारों मील की दूरी तय कर पहुंचते हैं और पूरे ठंड पलामू में ही प्रवास करते हैं. ठंड के बाद अपने देश के लिए उड़ जाते हैं. इसको लेकर पीटीआर ने तैयारी पूरी कर ली है. Migratory birds gathered in Palamu.

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Migratory Birds Gathered In Palamu
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 10, 2023, 6:22 PM IST

पलामू: ठंड की शुरुआत हो गई है. इस ठंड के दौरान कुछ खास मेहमान पलामू पहुंचते हैं. यह मेहमान हैं प्रवासी पक्षी. ठंड के दौरान पलामू प्रमंडल के इलाके में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है. इलाके में अब तक 150 अलग-अलग प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों को चिन्हित किया गया है. यह प्रवासी पक्षी साइबेरिया समेत कई देशों तक पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें-पीटीआर में दो बाघ की मौजूदगी के मिले साक्ष्य, मार्च और नवंबर में देखे गए बाघों के पद चिन्ह अलग-अलग

भारत में प्रवासी पक्षियों का बड़ा जमावड़ा लगता है. जिसमें झारखंड के पलामू के इलाके में भी प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व का कामलदल झील विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के जमावड़े का बड़ा केंद्र है. जबकि कोयल, सोन और अमानत नदी के साथ-साथ सुखलदरी समेत कई स्थानों पर प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं.

कौन कौन से पक्षियों का लगता है जमावड़ा और कहां से आते हैं पक्षीः पलामू प्रमंडल के इलाके में ठंड के दौरान विलुप्ति के कगार पर साइबेरियन क्रेन ग्रेटर फ्लैमिंगो, मिस क्रेन रूडी, सेलड, यूरेशियन गौरैया, रोजी पेलिकन, नॉर्थन पिनटेल, लेजर विसिल डक, कॉटन पिगमी ग्रूस, भारतीय पनडुब्बी यानी लिटिल ग्रीव, बेयर हेड गुस, वाटर हेन पूच पहुंचते हैं. यह पक्षी साइबेरिया और नार्थ ईस्ट के देशों से पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में प्रवासी पक्षियों का एक डाटा भी तैयार किया है. कॉविड-19 काल के बाद प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व में 180 सभी अधिक प्रकार के पक्षी पहले से मौजूद हैं.

पीटीआर फिर से कराएगा सर्वे, पक्षियों की सुरक्षा को लेकर तैयार की गई योजनाः पलामू टाइगर रिजर्व ने एक बार फिर से पक्षियों के सर्वे को लेकर योजना तैयार किया है. इस बार के सर्वे में दोबारा आकलन किया जाएगा की कौन-कौन से पक्षी इलाके में मौजूद हैं और किन का पहली बार आगमन हुआ है. पक्षियों की सुरक्षा को लेकर पलामू टाइगर रिजर्व के कमलदह के इलाके में निगरानी बढ़ाई गई है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पीटीआर प्रबंधन ने खास तैयारी की है. कामलदह के इलाके में साफ-सफाई करायी गई है.

पलामू: ठंड की शुरुआत हो गई है. इस ठंड के दौरान कुछ खास मेहमान पलामू पहुंचते हैं. यह मेहमान हैं प्रवासी पक्षी. ठंड के दौरान पलामू प्रमंडल के इलाके में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है. इलाके में अब तक 150 अलग-अलग प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों को चिन्हित किया गया है. यह प्रवासी पक्षी साइबेरिया समेत कई देशों तक पहुंचते हैं.

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भारत में प्रवासी पक्षियों का बड़ा जमावड़ा लगता है. जिसमें झारखंड के पलामू के इलाके में भी प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व का कामलदल झील विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के जमावड़े का बड़ा केंद्र है. जबकि कोयल, सोन और अमानत नदी के साथ-साथ सुखलदरी समेत कई स्थानों पर प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं.

कौन कौन से पक्षियों का लगता है जमावड़ा और कहां से आते हैं पक्षीः पलामू प्रमंडल के इलाके में ठंड के दौरान विलुप्ति के कगार पर साइबेरियन क्रेन ग्रेटर फ्लैमिंगो, मिस क्रेन रूडी, सेलड, यूरेशियन गौरैया, रोजी पेलिकन, नॉर्थन पिनटेल, लेजर विसिल डक, कॉटन पिगमी ग्रूस, भारतीय पनडुब्बी यानी लिटिल ग्रीव, बेयर हेड गुस, वाटर हेन पूच पहुंचते हैं. यह पक्षी साइबेरिया और नार्थ ईस्ट के देशों से पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में प्रवासी पक्षियों का एक डाटा भी तैयार किया है. कॉविड-19 काल के बाद प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व में 180 सभी अधिक प्रकार के पक्षी पहले से मौजूद हैं.

पीटीआर फिर से कराएगा सर्वे, पक्षियों की सुरक्षा को लेकर तैयार की गई योजनाः पलामू टाइगर रिजर्व ने एक बार फिर से पक्षियों के सर्वे को लेकर योजना तैयार किया है. इस बार के सर्वे में दोबारा आकलन किया जाएगा की कौन-कौन से पक्षी इलाके में मौजूद हैं और किन का पहली बार आगमन हुआ है. पक्षियों की सुरक्षा को लेकर पलामू टाइगर रिजर्व के कमलदह के इलाके में निगरानी बढ़ाई गई है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पीटीआर प्रबंधन ने खास तैयारी की है. कामलदह के इलाके में साफ-सफाई करायी गई है.

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