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बूढ़ापहाड़ पर बंद हुआ सुरक्षाबलों का मैराथन अभियान, भारी बारिश और खराब मौसम की वजह से लिया फैसला - पलामू न्यूज

बूढ़ापहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षाबलों का मैराथन अभियान बंद हो गया है. भारी बारिश की वजह से फिलहार यह अभियान बंद किया गया है. anti naxal operation in budhapahar

Marathon operation of security forces closed at Budhapahar
Marathon operation of security forces closed at Budhapahar
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Published : Aug 21, 2022, 9:29 PM IST

पलामूः भारी बारिश और खराब मौसम के कारण बूढ़ापहाड़ पर शुरू हुआ माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान बंद(Marathon campaign against Maoists called off) कर दिया गया है. इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को कितनी सफलता मिली है इसका पता नहीं चल पाया है. अभियान के बाद सुरक्षाबल अपने बेस कैंप की ओर लौटने लगे हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पिछले तीन दिनों से माओवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) शुरू किया गया था. इस अभियान के क्रम में माओवादियों ने तीन बार विस्फोट किया. जबकि दो जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ भी हुई है.

लगातार बारिश ने बंद कराया अभियानः बूढ़ापहाड़ अभियान में 40 कंपनी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. माओवादियों के खिलाफ अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी के जवानों को तैनात किया गया था. माओवादियों के खिलाफ इस अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) में छत्तीसगढ़ भी शामिल था. गढ़वा और लातेहार की तरफ से बूढ़ापहाड़ चढ़ाई के दौरान आधार दर्जन के करीब छोटी नदियों को पार करना पड़ता है. भारी बारिश और खराब मौसम के कारण जवानों को पहाड़ पर चढ़ाई करने और नदी को पार करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. लगातार बारिश के बाद अभियान को बंद कर दिया गया (Marathon campaign against Maoists called off).


टेंट और अन्य सामग्री लेकर बूढ़ापहाड़ पर चढ़ाई कर रहे थे जवानः करीब 52 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए बूढ़ापहाड़ को सुरक्षाबलों ने चारों तरफ से घेर कर रखा हुआ था. नक्सलियों को जहां जहां से लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलते थे उन इलाकों को पूरी तरह से सुरक्षाबलों ने अपनी निगरानी को बढ़ाया था. बूढ़ापहाड़ अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) के क्रम में इस बार सुरक्षा बल टेंट और अन्य सामग्री को अपने साथ लेकर चल रहे थे. बूढ़ापहाड़ के पीपरढाब, पुंदाग और तिसिया के इलाके में पुलिस कैंप की स्थापना की योजना थी. बूढ़ापहाड़ के इलाके में 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान शुरू किया गया था(anti naxal operation in budhapahar).

गढ़वा की तरफ से बहेराटोली, लातेहार के तरफ से तिसिया और छत्तीसगढ़ के तरफ से भुताहीमोड़ के पास पूरे अभियान की शुरुआत की गई थी. माओवादियों ने 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को झारखंड-बिहार-उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमांत एरिया स्पेशल कमेटी का मुख्यालय बनाया था. इसी इलाके से माओवादी झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में सारी गतिविधि का संचालन करते हैं. एक करोड़ के टॉप इनामी माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ापहाड़ को ठिकाना बनाया था. फिलहाल बूढ़ापहाड़ के इलाके में 25 लाख के इनामी माओवादी सौरव उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में माओवादी 30 से 35 की संख्या में कैंप कर रहे हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में नवीन यादव , रवींद्र गंझू, मृत्युंजय भुइयां, संतु भुईयां जैसे टॉप माओवादी सक्रिय है.

पलामूः भारी बारिश और खराब मौसम के कारण बूढ़ापहाड़ पर शुरू हुआ माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान बंद(Marathon campaign against Maoists called off) कर दिया गया है. इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को कितनी सफलता मिली है इसका पता नहीं चल पाया है. अभियान के बाद सुरक्षाबल अपने बेस कैंप की ओर लौटने लगे हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पिछले तीन दिनों से माओवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) शुरू किया गया था. इस अभियान के क्रम में माओवादियों ने तीन बार विस्फोट किया. जबकि दो जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ भी हुई है.

लगातार बारिश ने बंद कराया अभियानः बूढ़ापहाड़ अभियान में 40 कंपनी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. माओवादियों के खिलाफ अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी के जवानों को तैनात किया गया था. माओवादियों के खिलाफ इस अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) में छत्तीसगढ़ भी शामिल था. गढ़वा और लातेहार की तरफ से बूढ़ापहाड़ चढ़ाई के दौरान आधार दर्जन के करीब छोटी नदियों को पार करना पड़ता है. भारी बारिश और खराब मौसम के कारण जवानों को पहाड़ पर चढ़ाई करने और नदी को पार करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. लगातार बारिश के बाद अभियान को बंद कर दिया गया (Marathon campaign against Maoists called off).


टेंट और अन्य सामग्री लेकर बूढ़ापहाड़ पर चढ़ाई कर रहे थे जवानः करीब 52 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए बूढ़ापहाड़ को सुरक्षाबलों ने चारों तरफ से घेर कर रखा हुआ था. नक्सलियों को जहां जहां से लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलते थे उन इलाकों को पूरी तरह से सुरक्षाबलों ने अपनी निगरानी को बढ़ाया था. बूढ़ापहाड़ अभियान(anti naxal operation in budhapahar ) के क्रम में इस बार सुरक्षा बल टेंट और अन्य सामग्री को अपने साथ लेकर चल रहे थे. बूढ़ापहाड़ के पीपरढाब, पुंदाग और तिसिया के इलाके में पुलिस कैंप की स्थापना की योजना थी. बूढ़ापहाड़ के इलाके में 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान शुरू किया गया था(anti naxal operation in budhapahar).

गढ़वा की तरफ से बहेराटोली, लातेहार के तरफ से तिसिया और छत्तीसगढ़ के तरफ से भुताहीमोड़ के पास पूरे अभियान की शुरुआत की गई थी. माओवादियों ने 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को झारखंड-बिहार-उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमांत एरिया स्पेशल कमेटी का मुख्यालय बनाया था. इसी इलाके से माओवादी झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में सारी गतिविधि का संचालन करते हैं. एक करोड़ के टॉप इनामी माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ापहाड़ को ठिकाना बनाया था. फिलहाल बूढ़ापहाड़ के इलाके में 25 लाख के इनामी माओवादी सौरव उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में माओवादी 30 से 35 की संख्या में कैंप कर रहे हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में नवीन यादव , रवींद्र गंझू, मृत्युंजय भुइयां, संतु भुईयां जैसे टॉप माओवादी सक्रिय है.

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