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New Naxal Commander: माओवादियों ने मिसिर बेसरा को बनाया गया ईआरबी का सुप्रीम कमांडर, नक्सली प्रशांत बोस की ली जगह

माओवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाबलों को कई अहम जानकारी और दस्तावेज मिले हैं. मिसिर बेसरा को माओवादियों ने ईआरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया है. इससे पहले प्रशांत बोस ईआरबी का सुप्रीम कमांडर था.

Misir Besra Supreme Commander of ERB
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Published : Feb 28, 2023, 5:53 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 5:13 PM IST

पलामू: एक करोड़ के इनामी कमांडर मिसिर बेसरा को माओवादियों ने अपने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का सुप्रीम कमांडर बनाया है. माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के अंतर्गत झारखंड, बिहार, बंगाल, यूपी और पूर्वी भारत के राज्य आते हैं. ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय सारंडा है. सुरक्षाबल और एजेंसियों को माओवादियों के खिलाफ अभियान के दौरान के दौरान कुछ दस्तावेज और जानकारी भी मिली है.

ये भी पढ़ें: Chaibasa News: चाईबासा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, भाकपा माओवादी विस्फोटक के साथ गिरफ्तार

सारंडा के इलाके के एक टॉप माओवादी ने सुरक्षाबलों को बताया है कि हाल के दिनों में सारंडा के इलाके में सभी सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की बैठक हुई थी. इसी बैठक में मिसिर बेसरा को ईआरबी का सुप्रीम कमांडर चुना गया है. इस बैठक के बाद टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा सारंडा के इलाके से निकलकर बाहर चला गया है. इससे पहले चर्चा थी कि प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने ईआरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया है.

इससे पहले प्रशांत बोस था कमांडर: मिसिर बेसरा से पहले प्रशांत बोस माओवादियों के ईआरबी का सुप्रीम कमांडर हुआ करता था. डेढ़ साल पहले प्रशांत बोस पकड़ा गया. टॉप माओवादी ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि सारे टॉप माओवादी सारंडा के इलाके में जमे हुए हैं. सारंडा में एक जगह चार से पांच दस्तों को मिला दिया गया है.

माओवादियों का बंद हुआ छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ से सारंडा कॉरिडोर: सुरक्षबलों के अभियान के बाद माओवादियों का छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ से सारंडा कॉरिडोर बंद हो गया है. इस कॉरिडोर में 50 से भी अधिक पुलिस कैंप स्थापित हैं, जिस कारण इस कॉरिडोर में माओवादियों की गतिविधि लगभग बंद हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सारंडा के इलाके में मिसिर बेसरा के नेतृत्व में 110 से 120 माओवादी सक्रिय हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में मारकुस बाबा के नेतृत्व में 10 से 15, उत्तरी लातेहार में रबींद्र गंझू के नेतृत्व में 5 से 7, पलामू चतरा और लातेहार सीमा पर मनोहर गंझू के नेतृत्व में 15 से 20, चतरा-गया सीमा पर गौतम पासवान के नेतृत्व में 15 से 20, पलामू औरंगाबाद गया सीमा पर संजय गोदराम और सीताराम रजवार के नेतृत्व में 8 से 10 माओवादी सक्रिय हैं. सुरक्षाबलों की मौजूदगी के कारण माओवादी इस इलाके में अपनी गतिविधि संचालित नहीं कर पा रहे हैं. किसी जमाने में इस कॉरिडोर पर माओवादी अपने बेखौफ गतिविधि का संचालन करते थे, लेकिन पिछले 7 से 8 वर्षों में सुरक्षाबलों ने इस कॉरिडोर पर अपनी पकड़ को मजबूत कर ली. सुरक्षाबलों ने पुलिस कैंपों के माध्यम से पूरे कॉरिडोर को बंद कर दिया है.

पलामू: एक करोड़ के इनामी कमांडर मिसिर बेसरा को माओवादियों ने अपने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का सुप्रीम कमांडर बनाया है. माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के अंतर्गत झारखंड, बिहार, बंगाल, यूपी और पूर्वी भारत के राज्य आते हैं. ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय सारंडा है. सुरक्षाबल और एजेंसियों को माओवादियों के खिलाफ अभियान के दौरान के दौरान कुछ दस्तावेज और जानकारी भी मिली है.

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सारंडा के इलाके के एक टॉप माओवादी ने सुरक्षाबलों को बताया है कि हाल के दिनों में सारंडा के इलाके में सभी सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की बैठक हुई थी. इसी बैठक में मिसिर बेसरा को ईआरबी का सुप्रीम कमांडर चुना गया है. इस बैठक के बाद टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा सारंडा के इलाके से निकलकर बाहर चला गया है. इससे पहले चर्चा थी कि प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने ईआरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया है.

इससे पहले प्रशांत बोस था कमांडर: मिसिर बेसरा से पहले प्रशांत बोस माओवादियों के ईआरबी का सुप्रीम कमांडर हुआ करता था. डेढ़ साल पहले प्रशांत बोस पकड़ा गया. टॉप माओवादी ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि सारे टॉप माओवादी सारंडा के इलाके में जमे हुए हैं. सारंडा में एक जगह चार से पांच दस्तों को मिला दिया गया है.

माओवादियों का बंद हुआ छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ से सारंडा कॉरिडोर: सुरक्षबलों के अभियान के बाद माओवादियों का छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ से सारंडा कॉरिडोर बंद हो गया है. इस कॉरिडोर में 50 से भी अधिक पुलिस कैंप स्थापित हैं, जिस कारण इस कॉरिडोर में माओवादियों की गतिविधि लगभग बंद हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सारंडा के इलाके में मिसिर बेसरा के नेतृत्व में 110 से 120 माओवादी सक्रिय हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में मारकुस बाबा के नेतृत्व में 10 से 15, उत्तरी लातेहार में रबींद्र गंझू के नेतृत्व में 5 से 7, पलामू चतरा और लातेहार सीमा पर मनोहर गंझू के नेतृत्व में 15 से 20, चतरा-गया सीमा पर गौतम पासवान के नेतृत्व में 15 से 20, पलामू औरंगाबाद गया सीमा पर संजय गोदराम और सीताराम रजवार के नेतृत्व में 8 से 10 माओवादी सक्रिय हैं. सुरक्षाबलों की मौजूदगी के कारण माओवादी इस इलाके में अपनी गतिविधि संचालित नहीं कर पा रहे हैं. किसी जमाने में इस कॉरिडोर पर माओवादी अपने बेखौफ गतिविधि का संचालन करते थे, लेकिन पिछले 7 से 8 वर्षों में सुरक्षाबलों ने इस कॉरिडोर पर अपनी पकड़ को मजबूत कर ली. सुरक्षाबलों ने पुलिस कैंपों के माध्यम से पूरे कॉरिडोर को बंद कर दिया है.

Last Updated : Mar 1, 2023, 5:13 PM IST
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