पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी कम्युनिकेशन के लिए तरीकों को बदल रहे हैं. माओवादियों के टॉप कमांडर कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल का कम इस्तेमाल कर रहे हैं. माओवादियों के टॉप कमांडर अपने समर्थकों से संपर्क के लिए पर्ची का इस्तेमाल कर रहे हैं. पर्ची पर काफी छोटे अक्षरों में लिखा होता है, जिस पर माओवादियो के टॉप कमांडर के संदेश होते हैं.
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बता दें कि पुलिस को माओवादियों की इस नई चाल के बारे में जानकारियां मिली हैं. जिसके बाद पुलिस ने हाई अलर्ट भी जारी किया है और निगरानी को बढ़ाया है. माओवादी अपने कम्युनिकेशन के लिए पुराने तरीकों को अपना रहे हैं. पर्ची के साथ-साथ देश के कई मुद्दों पर अपना बयान भी जारी कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले पलामू के छतरपुर से पुलिस ने लेवी के पांच लाख रुपयों के साथ दो माओवादियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार माओवादी हरिहर यादव और विनोद यादव के पास से पुलिस ने एक पत्र बरामद किया था. माओवादियों का यह पत्र पर्ची की तरह था, जिसमें हाल समाचार के साथ-साथ पैसों के लेनदेन का भी जिक्र था. तीन सितंबर को माओवादियो की सेंट्रल कमिटी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. एक वर्ष पहले पुलिस को माओवादियों का पर्चे के साथ एक पेन ड्राइव मिला था, जिसमे उनके कम्युनिकेशन के तरीकों के बारे में लिखा गया था.
माओवादी पत्र में कई नामों का जिक्र, खास समर्थकों के माध्यम से भेजे जाते हैं पत्रः पुलिस को माओवादियों के पत्र से कई जानकारी मिली है. इन पत्रों में कई नामों का जिक्र है. पुलिस पत्र में लिखे गए नामो का सत्यापन कर रही है. कई पत्र कोड में लिखे गए हैं. जिसे डिकोड किया जा रहा है. माओवादियो के टॉप कमांडर अपने खास लोगों से पर्ची को अपने समर्थकों को भेज रहे है. माओवादी के टॉप कमांडर बेहद ही गोपनीय तरीके से इस नीति को अपना रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल के इस्तेमाल के बाद बड़ी संख्या में माओवादियों के कमांडर पकड़े गए हैं. माओवादी के टॉप कमांडर मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर सतर्क हो गए है और बेहद ही कम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. माओवादी के टॉप कमांडर पर्ची में खास तरह के संदेशों को लिख रहे है, जिसमें पैसों के लेनदेन के बारे में जानकारी है.
पुलिस ने बढ़ाई है निगरानी, कम्युनिकेशन के हर तरीकों पर नजरः पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस माओवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त कर रही है. उनके समर्थक और टॉप कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. नक्सलियों के कम्युनिकेशन को तोड़ने के लिए कई बिंदुओं पर कार्य हुआ है और कार्य किया जा रहा है. पुलिस मामले में अलर्ट है और हर तरह की गतिविधि पर निगरानी बनाए हुए है. पुलिस का भी एक अपना सूचना तंत्र है जिससे कई जानकारी मिलती है और कार्रवाई की जाती है.