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कौन है माओवादियों का टॉप कमांडर मृत्युंजय भुइयां, जिसकी गिरफ्तारी की है चर्चा

Maoist commander Mrityunjay Bhuinya arrested. माओवादी कमांडर मृत्युंजय भुइंया के गिरफ्तार होने की खबर आ रही है. मृत्युंजय पर 70 से अधिक नक्सली घटना के आरोप हैं.

Maoist commander Mrityunjay Bhuinya arrested
Maoist commander Mrityunjay Bhuinya arrested
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 3, 2024, 7:44 PM IST

पलामू: माओवादियों का टॉप कमांडर मृत्युंजय भुइयां उर्फ फरेश भुइयां झारखंड और छत्तीसगढ़ के इलाके में 70 से अधिक नक्सल घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. मृत्युंजय बूढापहाड़ के इलाके में माओवादियों का रीढ़ रहा है और दो दशक तक इलाके में एक छत्र राज किया है. मृत्युंजय भुइयां की गिरफ्तारी की चर्चा इलाके में जोरों पर है.

खबर है कि पुलिस ने एक सर्च अभियान के दौरान मृत्युंजय को गिरफ्त में लिया है. हालांकि पुलिस एवं किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है ना इससे जुड़ी कोई जानकारी को साझा किया है. मृत्युंजय भुइयां लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र के नावाटोली के छोटकाटोला का रहने वाला है. झारखंड की सरकार ने मृत्युंजय भैया पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है. अभियान ऑक्टोपस के बाद बूढापहाड़ के इलाके को माओवादी छोड़ कर भाग गए थे, मृत्युंजय भुइयां भी इलाके को छोड़ कर भाग गया था. उसके बाद से वह टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवार के साथ हो गया था.

70 से अधिक बड़े नक्सल हमले का आरोपी है मृत्युंजय: मृत्युंजय भुइयां झारखंड और छत्तीसगढ़ में 70 से अधिक बड़े नक्सल हमले करने का आरोपी है. बूढ़ापहाड़ से सटे हुए गढ़वा और लातेहार के बरवाडीह के इलाके में माओवादियों ने मृत्युंजय के नेतृत्व में ही घटनाओं को अंजाम दिया था. 2012-13 में गढ़वा के भंडरिया में हुए नक्सली हमले में 13 पुलिस के जवान शहीद हुए थे, 2013-14 में लातेहार के कटिया में हुए नक्सल हमले में 17 जवान शहीद हुए थे, 2017-18 में गढ़वा में हुए नक्सल हमले में जगुआर के छह जवान शहीद हुए थे, इन हमलों में मृत्युंजय भुइयां शामिल रहा है.

मृत्युंजय भुइयां पर पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, चाईबासा और छत्तीसगढ़ के इलाके नक्सल हमलों को अंजाम देने का आरोप है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के कमजोर होने के बाद मृत्युंजय ने ही इलाके की कमान संभाली थी. नक्सल मामलों के जानकार देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मृत्युंजय बूढापहाड़ के इलाके में माओवादियों की रीढ़ रहा है. उसी की बदौलत माओवादी बूढापहाड़ के इलाके में सक्रिय रहे हैं, उसके पकड़े जाने के बाद इलाके में एक तरह से नक्सल गतिविधि पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

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खबर है कि पुलिस ने एक सर्च अभियान के दौरान मृत्युंजय को गिरफ्त में लिया है. हालांकि पुलिस एवं किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है ना इससे जुड़ी कोई जानकारी को साझा किया है. मृत्युंजय भुइयां लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र के नावाटोली के छोटकाटोला का रहने वाला है. झारखंड की सरकार ने मृत्युंजय भैया पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है. अभियान ऑक्टोपस के बाद बूढापहाड़ के इलाके को माओवादी छोड़ कर भाग गए थे, मृत्युंजय भुइयां भी इलाके को छोड़ कर भाग गया था. उसके बाद से वह टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवार के साथ हो गया था.

70 से अधिक बड़े नक्सल हमले का आरोपी है मृत्युंजय: मृत्युंजय भुइयां झारखंड और छत्तीसगढ़ में 70 से अधिक बड़े नक्सल हमले करने का आरोपी है. बूढ़ापहाड़ से सटे हुए गढ़वा और लातेहार के बरवाडीह के इलाके में माओवादियों ने मृत्युंजय के नेतृत्व में ही घटनाओं को अंजाम दिया था. 2012-13 में गढ़वा के भंडरिया में हुए नक्सली हमले में 13 पुलिस के जवान शहीद हुए थे, 2013-14 में लातेहार के कटिया में हुए नक्सल हमले में 17 जवान शहीद हुए थे, 2017-18 में गढ़वा में हुए नक्सल हमले में जगुआर के छह जवान शहीद हुए थे, इन हमलों में मृत्युंजय भुइयां शामिल रहा है.

मृत्युंजय भुइयां पर पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, चाईबासा और छत्तीसगढ़ के इलाके नक्सल हमलों को अंजाम देने का आरोप है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के कमजोर होने के बाद मृत्युंजय ने ही इलाके की कमान संभाली थी. नक्सल मामलों के जानकार देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मृत्युंजय बूढापहाड़ के इलाके में माओवादियों की रीढ़ रहा है. उसी की बदौलत माओवादी बूढापहाड़ के इलाके में सक्रिय रहे हैं, उसके पकड़े जाने के बाद इलाके में एक तरह से नक्सल गतिविधि पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

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