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नेशनल हाइवे 98 ने बढ़ाई बिहार-झारखंड के किसानों की परेशानी, बटाने डैम से निकलने वाला मुख्य नहर बंद, 175 गांव में नहीं हो पाई धनरोपनी - jharkhand news

पलामू में नेशनल हाइवे 98 का चौड़ीकरण हुआ. लेकिन इस चौड़ीकरण ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. इससे एक दो नहीं पूरे 175 गांव के किसान परेशान हैं. किसान अपनी परेशानी को लेकर आंदोलन के मूड में हैं.

Palamu Batane Dam
Palamu Batane Dam
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Published : Jul 21, 2023, 4:23 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 5:46 PM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पलामूः नेशनल हाइवे 98 बिहार और झारखंड के किसानों के लिए अभिशाप बन गया है. नेशनल हाइवे के फोरलेन बनने के बाद बटाने डैम से निकलने वाला मुख्य नहर बंद हो गया है. मुख्य नहर के बंद होने से बिहार, झारखंड के 175 गांव के किसान प्रभावित हुए हैं. किसानों को मिलने वाला पानी बंद हो गया है. नहर का पानी बंद होने से किसानों ने धान रोपनी की शुरुआत भी नहीं की है.

ये भी पढ़ेंः Drought in Palamu: सुखाड़ के मुहाने पर पलामू! जून में औसत से कम हुई बारिश, कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुई खेती

दरअसल पलामू के हरिहरगंज स्थित बटाने डैम से हड़ियाही मुख्य नहर निकल कर बिहार के औरंगाबाद के नबीनगर, कुटुंबा, टंडवा आदि प्रखंडों तक जाती है. मुख्य नहर से झारखंड के पिपरा और हरिहरगंज प्रखंड में सिंचाई होती है. मुख्य नहर हरिहरगंज और पिपरा प्रखंड के बीच नेशनल हाइवे 98 से गुजरती है. नेशनल हाइवे के फोर लेन होने के बाद मुख्य नहर से पानी गुजरने के लिए पाइप लगा दिए गए हैं. यह पाइप गाद एवं कचरा से भर गया है. जिस कारण पानी गुजर नहीं पा रहा है.

सुखाड़ के बाद नहर के पानी से किसानों को है उम्मीदः पलामू और बिहार से सटे आस-पास के जिले सुखाड़ की चपेट में हैं. 80 के दशक में बटाने डैम का निर्माण हुआ है. हालांकि अभी भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है. हालांकि इस डैम में फिलहाल पर्याप्त मात्रा में पानी जमा है, जो सैकड़ों गांवों के किसानों की जरूरत को पूरी कर सकता है. बटाने डैम से निकलने वाले मुख्य नहर से करीब 60 कैनाल निकलते हैं. सभी कैनाल में पानी की सप्लाई बंद हो गई. किसान बीरेंद्र यादव ने बताया कि 2022 में अकाल की चपेट में थे, इस बार भी नहर से पानी नहीं मिल रहा है. जिस कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. बिहार के किसान बबलू सिंह ने बताया कि हालात को लेकर कई स्तर पर गुहार लगाई गई है लेकिन कहीं भी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है.

Palamu Batane Dam
बटाने डैम से जुड़ी समस्या की जानकारी

बिहार-झारखंड के किसान हुए एकजुट, आंदोलन की कर रहे तैयारीः नेशनल हाइवे 98 के फोर लेन मामले को लेकर बिहार-झारखंड के किसान एकजुट हुए हैं. किसान बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. किसान अगले कुछ दिनों में बड़ी बैठक करने वाले हैं. बैठक में किसान आंदोलन की रूप रेखा तय करेंगे. किसान शुरुआत में अधिकारियों को ज्ञापन देंगे उसके बाद हाइवे को जाम करेंगे. किसान विक्रांत सिंह यादव ने बताया की हड़ियाही नहर से पानी नही मिलने पर आंदोलन किया जाएगा. यह नहर इलाके की लाइफ लाइन है.

डीसी ने मामले पर लिया संज्ञानः बटाने डैम से निकलने वाले मुख्य नहर को लेकर पलामू डीसी ए दोड्डे का कहना है कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पूरे मामले का जल्द से समाधान करने को कहा गया है. एनएचएआई से मौके पर पाइप लगाने को कहा गया ताकि समस्या का समाधान तुरंत हो सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पलामूः नेशनल हाइवे 98 बिहार और झारखंड के किसानों के लिए अभिशाप बन गया है. नेशनल हाइवे के फोरलेन बनने के बाद बटाने डैम से निकलने वाला मुख्य नहर बंद हो गया है. मुख्य नहर के बंद होने से बिहार, झारखंड के 175 गांव के किसान प्रभावित हुए हैं. किसानों को मिलने वाला पानी बंद हो गया है. नहर का पानी बंद होने से किसानों ने धान रोपनी की शुरुआत भी नहीं की है.

ये भी पढ़ेंः Drought in Palamu: सुखाड़ के मुहाने पर पलामू! जून में औसत से कम हुई बारिश, कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुई खेती

दरअसल पलामू के हरिहरगंज स्थित बटाने डैम से हड़ियाही मुख्य नहर निकल कर बिहार के औरंगाबाद के नबीनगर, कुटुंबा, टंडवा आदि प्रखंडों तक जाती है. मुख्य नहर से झारखंड के पिपरा और हरिहरगंज प्रखंड में सिंचाई होती है. मुख्य नहर हरिहरगंज और पिपरा प्रखंड के बीच नेशनल हाइवे 98 से गुजरती है. नेशनल हाइवे के फोर लेन होने के बाद मुख्य नहर से पानी गुजरने के लिए पाइप लगा दिए गए हैं. यह पाइप गाद एवं कचरा से भर गया है. जिस कारण पानी गुजर नहीं पा रहा है.

सुखाड़ के बाद नहर के पानी से किसानों को है उम्मीदः पलामू और बिहार से सटे आस-पास के जिले सुखाड़ की चपेट में हैं. 80 के दशक में बटाने डैम का निर्माण हुआ है. हालांकि अभी भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है. हालांकि इस डैम में फिलहाल पर्याप्त मात्रा में पानी जमा है, जो सैकड़ों गांवों के किसानों की जरूरत को पूरी कर सकता है. बटाने डैम से निकलने वाले मुख्य नहर से करीब 60 कैनाल निकलते हैं. सभी कैनाल में पानी की सप्लाई बंद हो गई. किसान बीरेंद्र यादव ने बताया कि 2022 में अकाल की चपेट में थे, इस बार भी नहर से पानी नहीं मिल रहा है. जिस कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. बिहार के किसान बबलू सिंह ने बताया कि हालात को लेकर कई स्तर पर गुहार लगाई गई है लेकिन कहीं भी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है.

Palamu Batane Dam
बटाने डैम से जुड़ी समस्या की जानकारी

बिहार-झारखंड के किसान हुए एकजुट, आंदोलन की कर रहे तैयारीः नेशनल हाइवे 98 के फोर लेन मामले को लेकर बिहार-झारखंड के किसान एकजुट हुए हैं. किसान बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. किसान अगले कुछ दिनों में बड़ी बैठक करने वाले हैं. बैठक में किसान आंदोलन की रूप रेखा तय करेंगे. किसान शुरुआत में अधिकारियों को ज्ञापन देंगे उसके बाद हाइवे को जाम करेंगे. किसान विक्रांत सिंह यादव ने बताया की हड़ियाही नहर से पानी नही मिलने पर आंदोलन किया जाएगा. यह नहर इलाके की लाइफ लाइन है.

डीसी ने मामले पर लिया संज्ञानः बटाने डैम से निकलने वाले मुख्य नहर को लेकर पलामू डीसी ए दोड्डे का कहना है कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पूरे मामले का जल्द से समाधान करने को कहा गया है. एनएचएआई से मौके पर पाइप लगाने को कहा गया ताकि समस्या का समाधान तुरंत हो सके.

Last Updated : Jul 21, 2023, 5:46 PM IST
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