पलामूः 20 जुलाई की रात लातेहार के नेतरहाट थाना क्षेत्र में दवना गांव में पीटीआर के एक ट्रैकर की माओवादियों ने पीट-पीट कर हत्या कर डाली थी. माओवादियों ने ट्रैकर देव कुमार प्रजापति पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया था. तीन बेटियों के सामने ही पीट पीट कर मार डाला था. इस घटना के बाद इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है, लोगों को सुरक्षित माहौल देने के लिए पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी अंजनी अंजन ने इलाके का दौरा किया है.
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पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार देव कुमार प्रजापति मुखबिर नहीं पीटीआर का ट्रैकर था. उसकी तैनाती पीटीआर के बारेसाढ़ रेंज में थी. घटना के बाद पलामू टाइगर रिजर्व की ट्रैकरों की बैठक मारोमार में हुई है. इसी बैठक में कई बातें निकल कर सामने आई हैं. पीटीआर कर्मी संघ के अध्यक्ष सिद्धनाथ झा ने बताया कि देव कुमार प्रजापति हत्या के मामले में कई जानकारियां निकल कर सामने आई हैं. मामला मुखबिरी का नही हैं. उन्होंने बताया कि बैठक में ट्रैकरों ने अपनी पहचान को छुपाने के आग्रह पर बताया है कि देवकुमार प्रजापति ने कुछ विभागीय कार्य करवाया था, जिसकी लेवी से संबंधित मामला भी था. वहीं विभागीय कार्यों से देव कुमार प्रजापति लगातार स्थानीय थाना में जाता था, कुछ मामलों में पुलिस द्वारा नोटिस भी जारी किया गया था.
पुलिस ने कहा-मुखबिर नहीं था ट्रैकर देव कुमार प्रजापतिः पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ट्रैकर देव कुमार प्रजापति मुखबिर नहीं था. पीटीआर में उसकी तैनाती बूढ़ा पहाड़ और उसके आसपास के इलाकों में थी. घटना के बाद इलाके में माओवादियों खिलाफ बड़ा सर्च अभियान चलाया जा रहा है. पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि माओवादियों ने एक निर्दोष ग्रामीण की पीट-पीटकर हत्या की है, यह उनका हताशा भरा कदम है. देव कुमार कभी भी पुलिस का मुखबिर नहीं रहा है. आईजी ने बताया कि पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है और माओवादियों खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. आईजी ने कहा कि माओवादी आत्मसमर्पण कर दें, नहीं तो उनके खिलाफ फौजी कार्रवाई जारी रहेगी.
पीटीआर में पहली बार माओवादियों ने किसी कर्मी की हत्या की हैः पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में माओवादियो ने पहली बार किसी कर्मी की हत्या की है. 90 और 2000 के दशक में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में वनकर्मी लैंडमाइंस की चपेट में आए थे, लेकिन माओवादियों द्वारा वनकर्मियों और पीटीआरकर्मियों को पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने नहीं आया था. पीटीआर के इतिहास में पहली बार माओवादियों ने किसी की हत्या की है. पीटीआर की तरफ से देव कुमार प्रजापति के परिजनों को 10 हजार रुपये नगद और खाद सामग्री दी गई है.