पलामू: 20 लाख से अधिक की आबादी के बीच प्लेटलेट्स चढ़ाने या निकालने की व्यवस्था नहीं है. इसके लिए जो जरूरी होता है, वह ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट ही इलाके में मौजूद नहीं है. जबकि इलाके में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भी मौजूद है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के इलाके की. झारखंड में तेजी से डेंगू पांव पसार रहा है, पलामू के इलाके में भी डेंगू के मरीज मिले हैं. डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन पलामू के इलाके में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट मौजूद ही नहीं है, जिस कारण प्लेटलेट्स को चढ़ाया नहीं जा सकता.
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पलामू से नजदीक रांची में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट मौजूद है. वहां तक पहुंचने में पलामू के मरीजों को चार से पांच घंटे लगते हैं. दरअसल, पलामू का इलाका मलेरिया जोन में भी है. जिले में ब्लड बैंक भी मौजूद है. लेकिन इसके बावजूद भी आज तक ब्लड सेपरेशन यूनिट की स्थापना नहीं हो पाई है. पलामू के अकेले मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रतिदिन 600 के करीब मरीज प्रतिदिन पहुंचते हैं. एक दर्जन के करीब मरीजों को प्रतिदिन रांची के लिए रेफर किया जाता है. प्लेटलेट्स के जरूरतमंद मरीजों को भी रिम्स रेफर किया जाता है.
ब्लड सेपरेशन यूनिट की स्थापना करने की है योजना: पलामू के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह बताते हैं कि 100 बेड के अस्पताल का नया भवन बनकर तैयार है. इसी भवन में ब्लड सेपरेशन यूनिट की स्थापना करने की योजना है. स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने मामले में निर्देश भी दिया है. सिविल सर्जन ने बताया कि मामले में लाइसेंस की भी जरूरत होगी तो लाइसेंस भी लिया जाएगा.