पलामू: जिला के पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु घटना का हाई कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया गया है. जानकारी के मुताबिक पूरे मामले में न्यायिक पदाधिकारी की एक टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया. इसके बाद न्यायिक पदाधिकारी इस मामले में एक रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट को सौंपेंगे. मालूम हो सोमवार को पलामू के पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु में विशेष समुदाय के लोगों ने महादलित बस्ती को उजाड़ दिया (Demolition of Mahadalit basti in Palamu). यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जो अब हाई कोर्ट पहुंच चुका है.
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डीसी ने सभी को बसाए जाने का दिया भरोसा: न्यायिक पदाधिकारी की एक टीम से पहले पलामू डीसी ए दोड्डे ने भी घटनास्थल का जायजा लिया. घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पलामू डीसी ए दोड्डे ने पीड़ित दलित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को भी सुना. दोनों पक्ष के लोगों से पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद डीसी के कहा कि यह पूरी तरह से जमीन विवाद का मामला है. यह कोई कम्युनल या अन्य विवाद नहीं है. पूरे मामले में प्रशासनिक तंत्र जांच कर रही है. मौके पर धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महादलितों को जमीन दी जाएगी और उन्हें बसाया जाएगा. उन्हें आवास योजना का लाभ भी दिया जाएगा.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, बीते सोमवार को विशेष समुदाय के लोग भीड़ की शक्ल में पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु के महादलित टोला में पहुंचे. यहां भीड़ ने महादलित समुदाय के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर, दलित परिवारों का घर वहां से उजाड़ दिया. उनकी झुग्गी झोपड़ियों को गिरा दिया. बाद में लोगों ने हर परिवार के लोगों के सामान को गाड़ियों में लोड कर छतरपुर के लोटो के इलाके में भेज दिया. घटना के बाद से कुछ महादलित परिवार के लोग आशियाने के लिए भटक रहे हैं. इधर विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की. जबकि महादलित परिवारों का कहना है कि सोमवार को विशेष समुदाय के लोगों ने बस्ती को घेर लिया था. उसके बाद लोगों के साथ मारपीट की गई और जबरन समझौता के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया. इस दौरान महादलितों के साथ मारपीट की गई और गांव से बेदखल कर दिया गया. महादलित परिवार का कहना है कि पिछले कई वर्षों से वे इस इलाके में रह रहे थे. वहीं विशेष समुदाय के लोग ने कहा कि जिस जगह पर महादलित रह रहे थे, वह मदरसा की जमीन है.