पलामू: हाई कोर्ट के आदेश के बाद पलामू प्रमंडल में अवैध बालू, पत्थर और कोयला के कारोबार की जांच शुरू हो गई है. जांच टीम 17 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जांच टीम का नेतृत्व आईजी असीम विक्रांत मिंज कर रहे हैं. दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज यादव ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया था. पीआईएल के माध्यम से उन्होंने पलामू प्रमंडल में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होने की बात कही थी. पूरे मामले में हाईकोर्ट में संज्ञान लेते हुए आईजी असीम विक्रांत मिंज के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था.
आईजी के नेतृत्व में चल रही है जांचः आईजी असीम विक्रांत मिंज के नेतृत्व में जांच टीम ने गढ़वा के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के पाचाडुमर में बालूघाट का जायजा लिया था. वहीं पलामू के छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र में कई स्टोन माइंस की भी जांच की थी. साथ ही पलामू, गढ़वा और लातेहार के खनन पदाधिकारियों से माइनिंग से संबंधित कागजात भी लिए हैं. कागजात लेने के बाद जांच टीम ने कई बिंदुओं पर खनन पदाधिकारियों से जानकारी भी मांगी है. अभी टीम कई इलाकों का दौरा करेगी और माइनिंग से संबंधित कार्यों को देखेगी.
टीम 17 अप्रैल को हाईकोर्ट में सौंपेगी रिपोर्टः टीम 17 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट में पूरी रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट आगे का रूख तय करेगा और अन्य एजेंसियां से इसकी जांच करवानी है या नहीं इस बिंदु पर भी फैसला कर सकता है.बताते चलें कि पलामू प्रमंडल में बड़े पैमाने पर बालू और अवैध स्टोन माइनिंग के आरोप लगते रहे हैं. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहली बार माइनिंग को लेकर किसी कमेटी जांच शुरू की है. यह टीम पलामू के छतरपुर में स्टोन माइनिंग, गढ़वा के इलाके में बालू माइनिंग और लातेहार के इलाके में कोयला की माइनिंग की जांच कर रही है.