पलामू: सतबरवा के बकोरिया में तीन वर्षीय बच्ची की हत्या का मामला एक बार फिर चर्चा में आया है. सरकार ने इस मुकदमे की जांच सीआईडी से करवाने का फैसला किया है. पलामू पुलिस जल्द ही इससे जुड़े दस्तावेज सीआईडी को सौंप देगी. घटना 25 अगस्त 2019 की है. पिछले एक वर्ष में पुलिस ने कई बिंदुओं पर अनुसंधान किया. पलामू पुलिस के अनुसंधान में इस घटना की एकमात्र चश्मदीद गवाह बच्ची की मां ही सामने आई. ग्रामीणों ने मां के हवाले से ही पुलिस को बात बताई है.
बच्ची के पिता विनोद सिंह पर 17 सीएलए एक्ट के तहत पलामू में एक मामला दर्ज है. पूरे अनुसंधान में पुलिस को मनिका थानेदार और सीआरपीएफ के जवानों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला, न ही उन्हें क्लीनचिट दी गई. बता दें कि 25 अगस्त 2019 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में एक 3 वर्षीय बच्ची की कथित तौर पर पटक-पटककर हत्या कर दी गई थी. मामले में बच्ची के परिजनों ने सीआरपीएफ के जवान और मनिका थानेदार पर बच्ची को पटक-पटककर हत्या करने का आरोप लगाया था. मामले में सीआरपीएफ के 20 से 25 जवान और मनिका थानेदार पर सतबरवा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.
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पलामू पुलिस के अनुसंधान का रिजल्ट
घटना के बाद पलामू पुलिस ने इस मुकदमे की अनुसंधान की जिम्मेवारी इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को दी. अनुसंधान में यह बात निकल कर सामने आई थी कि घटना की रात मनिका थाना की पुलिस और सीआरपीएफ की एक टीम बकोरिया में विनोद सिंह के यंहा गई थी, लेकिन अभियान में शामिल जवान और विनोद सिंह के परिजनों के बयान में विरोधाभास है. बच्ची की मां ने पुलिस को बताया कि एक जवान रौशनदान से घर में दाखिल हुआ था, विनोद सिंह के नहीं मिलने पर उसने बच्ची को पटक पटककर मार डाला, जबकि जवान ने अनुसंधान पदाधिकारी को बयान दिया है कि वे जैसे ही बिनोद सिंह के घर के पास पंहुचे वैसे ही अंदर से किसी को पीटने की आवाज आ रही थी. घर के अंदर कोई दाखिल नहीं हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की मौत का कारण सिर में चोट लगने से बताया गया है.
बच्ची की कथित हत्या मामले में पुलिस के आलाधिकारियों ने कई बिंदुओं पर अनुसंधान का आदेश जारी किया था. अनुसंधान में इस बात को उठाया गया गया था कि एफआईआर में मनिका थानेदार के पिता का नाम दर्ज नहीं है. पूरे घटना का एकमात्र चश्मदीद बच्ची की मां ही निकल कर सामने आई है. पुलिस अधिकारियों ने मामले में और लोगों का बयान लेने को कहा है, जबकि मामले में पलामू सदर एसडीएम की जांच रिपोर्ट को भी जोड़ने को कहा गया. अनुसंधान को और आगे ले जाते हुए घटना के दिन का सीआरपीएफ और मनिका थानेदार का ऑपरेशन प्लान को लेने को कहा गया था, जबकि मामले में और गुप्तचरों से सूचना लेने को कहा गया था.