पलामू: पूरा विश्व गुरुवार 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मना रहा है. आज ही के दिन पूर्व विश्व में बाघों के संरक्षण की बातें हो रही हैं. एशिया के बड़े टाइगर प्रोजेक्ट में से एक पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) के इलाके में बाघों की मौजूदगी पर संशय है. इंटरनेशनल टाइगर डे पर पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघों की खोज के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है.
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गुरुवार को पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में गुरुवार को इंटरनेशनल टाइगर डे पर एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में पीटीआर के निदेशक कुमार आशुतोष, उपनिदेशक मुकेश कुमार और आशीष कुमार समेत कई टॉप अधिकारी मौजूद रहे.
शुरू हुई बाघों की खोज
इंटरनेशनल टाइगर डे(international tiger day) पर बेतला में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से बाबू की खोज के शुरुआत की गई. इंटरनेशनल टाइगर डे पर पीटीआर के इलाके में बाघों के स्कैट कलेक्शन और कैमरा ट्रैक्टर पर विशेष जोर देने को कहा गया. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन को लातेहार, लोहरदगा से सटे इलाके में बाघों के होने की जानकारी मिली है. लेकिन पीटीआर प्रबंधन के पास कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया है. इसी को ध्यान में रखकर प्रबंधन पूरी ताकत के साथ बाबू की खोज में लग गई है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) ने भी बाघों की जनगणना की शुरुआत की है.
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बाघों की जनगणना को लेकर पीटीआर के अधिकारियों ने रेंजर ट्रैक्टर और अन्य कर्मियों को कार टिप्स दिए. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों को देखने वालों को भी इनाम की घोषणा की है. पलामू टाइगर रिजर्व में आखिरी बार फरवरी 2020 को बाघ देखा गया था. उसके बाद से पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघों की मौजूदगी के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.