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नक्सल इलाके के बच्चों का भविष्य गढ़ रहे 'पुलिस अंकल', 'टीचर बैंक' तैयार कर हौसलों को दे रहे नई उड़ान - पलामू के नक्सली इलाकों में छात्रों की शिक्षा

पलामू के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस ने वैसे बच्चों के लिए पहल की है जो कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सके. पलामू पुलिस ने 'पुलिस अंकल ट्यूटोरियल' शुरू किया है जिसमें इस साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्र पढ़ने आ रहे हैं. छात्रों को परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पलामू में सिर्फ 26 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं.

initiative by palamu police to teach children
बच्चों के लिए पलामू पुलिस की पहल.
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Published : Feb 9, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 10:46 PM IST

पलामू: ठीक ही लिखा है किसी ने-"मेरे जुनून का नतीजा जरूर निकलेगा..इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा". कुछ इसी जुनून के साथ लाल आतंक के गढ़ में बच्चों का भविष्य बना रही है पलामू पुलिस. पहले तो कोरोना ने बच्चों की पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित किया. दूसरी गरीबी ने भी कमर तोड़ दी. सैकड़ों बच्चे ऐसे थे जो मोबाइल नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाए. ऐसे में छात्रों का भविष्य संवारने के लिए पलामू पुलिस ने ठानी.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

'पुलिस अंकल ट्यूटोरियल' में बनेगा बच्चों का भविष्य

गरीब छात्रों खासकर लड़कियों की पढ़ाई के लिए पलामू पुलिस ने 'पुलिस अंकल ट्यूटोरियल' के नाम से पहल की है. पुलिस ने एक टीचर बैंक तैयार किया है जिसके माध्यम से 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. इसमें पुलिस अधिकारी, रिटायर्ड अधिकारी और शिक्षक शामिल हैं. पलामू में इस बार करीब 40 हजार छात्र मैट्रिक की परीक्ष देने वाले हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन में पलामू के सिर्फ 26 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं.

ऐसे हालात में मुख्यधारा से बिछड़ सकते थे बच्चे

एसपी संजीव कुमार का कहना है अभी एक क्लास चल रही है. अगले कुछ दिनों में 6-7 जगहों पर क्लास शुरू करने जा रहे हैं. इसमें खासकर वैसे बच्चे शामिल हैं जो नक्सल प्रभावित इलाकों में रहते हैं और कोरोना की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए. थाना प्रभारी शेखर कुमार ने बताया कि कोरोना काल में कई बच्चे पढ़ाई से दूर हो गए थे. इस तरह के हालात में बच्चे मुख्यधारा से बिछड़ जाते. ऐसे बच्चों के लिए हमने पहल की. कई ऐसे बच्चे हैं जो क्लास नहीं आते हैं तो उनके घर जाकर समस्याओं को सुनते हैं और उसे दूर करने की कोशिश करते हैं.

यह भी पढ़ें: राज्य सभा से चार सांसदों की विदाई, वक्तव्य के दौरान भावुक हुए पीएम मोदी

पुलिस अधिकारियों की पहल से बच्चे काफी खुश हैं. इस बार मैट्रिक की परीक्षा देने वाली छात्रा शाइस्ता परवानी का कहना है कि इस क्लास से उसे काफी मदद मिल जाएगी. परीक्षा की तैयारियों में काफी सहूलियत होगी. शिक्षक भी इस मुहिम का हिस्सा बनकर खुश हैं. शिक्षिका जया कुमारी का कहना है कि बच्चों के भविष्य के लिए एक सार्थक प्रयास में योगदान देकर काफी खुशी हो रही है. पलामू पुलिस की एक पहल वाकई कई गरीब छात्रों की जिंदगी बदल सकती है. उनके लिए नया सवेरा ला सकती है और उनके हौसलों को एक नया उड़ान दे सकती है.

पलामू: ठीक ही लिखा है किसी ने-"मेरे जुनून का नतीजा जरूर निकलेगा..इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा". कुछ इसी जुनून के साथ लाल आतंक के गढ़ में बच्चों का भविष्य बना रही है पलामू पुलिस. पहले तो कोरोना ने बच्चों की पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित किया. दूसरी गरीबी ने भी कमर तोड़ दी. सैकड़ों बच्चे ऐसे थे जो मोबाइल नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाए. ऐसे में छात्रों का भविष्य संवारने के लिए पलामू पुलिस ने ठानी.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

'पुलिस अंकल ट्यूटोरियल' में बनेगा बच्चों का भविष्य

गरीब छात्रों खासकर लड़कियों की पढ़ाई के लिए पलामू पुलिस ने 'पुलिस अंकल ट्यूटोरियल' के नाम से पहल की है. पुलिस ने एक टीचर बैंक तैयार किया है जिसके माध्यम से 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. इसमें पुलिस अधिकारी, रिटायर्ड अधिकारी और शिक्षक शामिल हैं. पलामू में इस बार करीब 40 हजार छात्र मैट्रिक की परीक्ष देने वाले हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन में पलामू के सिर्फ 26 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं.

ऐसे हालात में मुख्यधारा से बिछड़ सकते थे बच्चे

एसपी संजीव कुमार का कहना है अभी एक क्लास चल रही है. अगले कुछ दिनों में 6-7 जगहों पर क्लास शुरू करने जा रहे हैं. इसमें खासकर वैसे बच्चे शामिल हैं जो नक्सल प्रभावित इलाकों में रहते हैं और कोरोना की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए. थाना प्रभारी शेखर कुमार ने बताया कि कोरोना काल में कई बच्चे पढ़ाई से दूर हो गए थे. इस तरह के हालात में बच्चे मुख्यधारा से बिछड़ जाते. ऐसे बच्चों के लिए हमने पहल की. कई ऐसे बच्चे हैं जो क्लास नहीं आते हैं तो उनके घर जाकर समस्याओं को सुनते हैं और उसे दूर करने की कोशिश करते हैं.

यह भी पढ़ें: राज्य सभा से चार सांसदों की विदाई, वक्तव्य के दौरान भावुक हुए पीएम मोदी

पुलिस अधिकारियों की पहल से बच्चे काफी खुश हैं. इस बार मैट्रिक की परीक्षा देने वाली छात्रा शाइस्ता परवानी का कहना है कि इस क्लास से उसे काफी मदद मिल जाएगी. परीक्षा की तैयारियों में काफी सहूलियत होगी. शिक्षक भी इस मुहिम का हिस्सा बनकर खुश हैं. शिक्षिका जया कुमारी का कहना है कि बच्चों के भविष्य के लिए एक सार्थक प्रयास में योगदान देकर काफी खुशी हो रही है. पलामू पुलिस की एक पहल वाकई कई गरीब छात्रों की जिंदगी बदल सकती है. उनके लिए नया सवेरा ला सकती है और उनके हौसलों को एक नया उड़ान दे सकती है.

Last Updated : Feb 9, 2021, 10:46 PM IST
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