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गढ़वा एसपी के साथ अभद्र व्यवहार मामला: ददई दुबे को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में किया बरी

गढ़वा एसपी के साथ अभद्र व्यवहार के आरोपी पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. यह मामला साल 2015 का है.

Indecent behavior case with Garhwa SP
Dadai Dubey acquitted by court
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Published : Jul 28, 2023, 7:58 PM IST

पलामू: गढ़वा एसपी के साथ अभद्र व्यवहार करने और धमकी देने के आरोपी पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. पूर्व मंत्री सह धनबाद के पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे शुक्रवार को पलामू के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत हुए थे. जहां स्पेशल जज सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने चंद्रशेखर दुबे को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

ये भी पढ़ें- दुमका एमपी-एमएलए कोर्ट से सांसद निशिकांत दुबे और विधायक नारायण दास को बड़ी राहत, आचार संहिता उल्लंघन मामले हुए बरी

9 जुलाई 2015 को गढ़वा में किसी कार्य से चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे एसपी कार्यालय गए थे. जहां गढ़वा के तत्कालीन एसपी के साथ उनका विवाद हो गया था. विवाद के बाद एसपी आवास के गोपनीय रीडर सहायक अवर निरीक्षक काशीनाथ तिवारी ने चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी. ददई दुबे पर एसपी के साथ अभद्र व्यवहार करने, गाली गलौज करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने तथा धमकी देने का आरोप लगा था. चंद्रशेखर दुबे पर इस दौरान सरकारी कागजातों का पढ़ने का भी आरोप लगाया था.

पूरे मामले में चंद्रशेखर दूबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 448, 341, 353, 427, 504 एवं 506 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से आठ गवाह प्रस्तुत किए गए थे. लेकिन आरोप साबित नहीं हुआ. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को बरी कर दिया. पूरे मामले में आठ वर्षों तक सुनवाई चली, जिसके बाद शुक्रवार को पलामू कोर्ट ने चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को बरी किया है. कोर्ट से बरी होने के बाद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे क्षेत्र में रवाना हो गए.

पलामू: गढ़वा एसपी के साथ अभद्र व्यवहार करने और धमकी देने के आरोपी पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. पूर्व मंत्री सह धनबाद के पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे शुक्रवार को पलामू के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत हुए थे. जहां स्पेशल जज सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने चंद्रशेखर दुबे को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

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9 जुलाई 2015 को गढ़वा में किसी कार्य से चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे एसपी कार्यालय गए थे. जहां गढ़वा के तत्कालीन एसपी के साथ उनका विवाद हो गया था. विवाद के बाद एसपी आवास के गोपनीय रीडर सहायक अवर निरीक्षक काशीनाथ तिवारी ने चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी. ददई दुबे पर एसपी के साथ अभद्र व्यवहार करने, गाली गलौज करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने तथा धमकी देने का आरोप लगा था. चंद्रशेखर दुबे पर इस दौरान सरकारी कागजातों का पढ़ने का भी आरोप लगाया था.

पूरे मामले में चंद्रशेखर दूबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 448, 341, 353, 427, 504 एवं 506 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से आठ गवाह प्रस्तुत किए गए थे. लेकिन आरोप साबित नहीं हुआ. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को बरी कर दिया. पूरे मामले में आठ वर्षों तक सुनवाई चली, जिसके बाद शुक्रवार को पलामू कोर्ट ने चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को बरी किया है. कोर्ट से बरी होने के बाद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे क्षेत्र में रवाना हो गए.

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