पलामूः नीलांबर पीतांबर वीर सपूत थे, स्वतंत्रता की लड़ाई में दोनों सगे भाइयों का अहम योगदान रहा है. नीलांबर पीतांबर की जीवनी से सीख लेने की जरूरत है. यह बात राज्यपाल रमेश बैस ने के नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कही(Governor Ramesh Bais attend convocation Ceremony). दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि आज के दौर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत है. प्रतियोगिता के इस जमाने में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही सफलता दिलाएगी.
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरतः राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि शिक्षा सर्वाधिक शक्तिशाली शस्त्र है. जिसके उपयोग से हम पूरी दुनिया की तस्वीर बदल सकते हैं. शिक्षा के साथ ही चरित्र निर्माण भी आवश्यक है. महात्मा गांधी के अनुसार चरित्र के बिना ज्ञान बुराई को पनपने की शक्ति देता है. चरित्रवान युवा ही देश के भविष्य हैं. यह सुखद तथ्य है कि भारत युवाओं का देश है. पूरे विश्व में युवाओं की सर्वाधिक आबादी भारत में ही है हमें युवा शक्ति पर गर्व है. दीक्षांत समारोह में राज्यपाल करीब दो घंटे तक रहे और टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल दिया.
नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी की स्थापना 17 जनवरी 2009 को हुई थी. यूनिवर्सिटी के अंतर्गत एक मेडिकल कॉलेज, एक डेंटल कॉलेज, चार नर्सिंग कॉलेज, 12 बीएड कॉलेज, एक लॉ कॉलेज 2 महिला कॉलेज हैं. इस दौरान यूनिवर्सिटी के कुलपति रामलखन सिंह, प्रतिकुलपति दीपनारायण यादव, कुलसचिव राकेश कुमार सिंह, विधायक रामचन्द्र सिंह, बैजनाथ राम, मेयर अरुणा शंकर, पलामू कमिश्नर जटा शंकर चौधरी, डीसी ए दोड्डे, एसपी चंदन कुमार सिन्हा मौजूद थे.
शहीद अनुराग शुक्ला को दिया गया गोल्ड मेडलः द्वितीय दीक्षांत समारोह में शहीद अनुराग शुक्ला को गोल्ड मेडल दिया गया. अनुराग शुक्ला 2019 में अर्थशास्त्र में टॉप रहे थे. अनुराग शुक्ला जवानों को प्रशिक्षण देने और उन्हें बचाने के क्रम में शहीद हो गए थे. उनके माता पिता ने गोल्ड मेडल लिया. कुलपति रामलखन सिंह ने कहा कि अनुराग शुक्ला का गोल्ड मेडल मिलना गौरान्वित करने वाला है.
पांच हजार छात्रों की बैठने की थी व्यवस्था, अधिकांश कुर्सियां रही खालीः द्वितीय दीक्षांत समारोह में पांच हजार छात्रों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई थी. लेकिन अधिकांश कुर्सियां खाली थीं. राज्यपाल अपने निर्धारित समय से 15 मिनट पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. राज्यपाल के आगमन को लेकर 500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. 3 डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर, 50 से अधिक सब इंस्पेक्टर की तैनाती की गई थी. राज्यपाल सड़क मार्ग द्वारा पलामू पंहुचे थे.