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घोर लापरवाहीः फायरप्रूफ नहीं हैं पलामू के अस्पताल, सिर्फ कागजों पर है फायर सेफ्टी

लापरवाही की फितरत ऐसी कि लोग हादसों से भी सबक नहीं लेते हैं. देशभर में अस्पतालों में आग की घटना से कई लोगों ने जान गंवाई. लेकिन इनको फायरप्रूफ बनाने की दिशा में कार्रवाई सिर्फ कागजी प्रक्रिया तक ही सिमट जाती है. पलामू के अस्पतालों के पास आग से लड़ने की क्षमता नहीं है. अग्निशमन विभाग के मापदंड पर कोई भी अस्पताल खरा नहीं उतर रहा. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, यहां कैसी है फायर सेफ्टी की स्थिति?

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Published : May 23, 2022, 8:54 AM IST

Updated : May 23, 2022, 11:25 AM IST

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पलामू

पलामूः जिला के इलाके में देश का अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है. इन सबके बीच पलामू में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जिला के अस्पतालों के पास आग से लड़ने की क्षमता नहीं है. ऐसा हम नहीं कह रहे है बल्कि पलामू अग्निशमन विभाग का सरकारी दस्तावेज बता रहा है. अग्निशमन विभाग के मापदंड पर कोई भी अस्पताल खरा नहीं उतर रहा.

इसे भी पढ़ें- चेन्नई : राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में लगी आग, कोई हताहत नहीं

पलामू में संचालित निजी और सरकारी अस्पतालों ने अग्निशमन विभाग से फायर सेफ्टी लाइसेंस नहीं लिया है. कोई भी अस्पताल मानकों को पूरा नहीं कर रहा है. पलामू अग्निशामक पदाधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पलामू के किसी भी अस्पताल के पास फायर सेफ्टी का लाइसेंस नहीं है. लाइसेंस लेने के लिए बेहद कम लोगों ने आवेदन दिया है. कई अस्पतालों और सिर्फ एडवाइजरी लिया है लेकिन लाइसेंस नहीं लिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
सरकारी और निजी अस्पताल के पास लाइसेंस नहींः पलामू में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है. लेकिन मेडिकल कॉलेज के पास भी फायर सेफ्टी का लाइसेंस नहीं है. पलामू के विभिन्न इलाकों में लगातार निजी अस्पताल खुल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पलामू में 165 से भी अधिक सरकारी और निजी अस्पताल संचालित हैं. एक भी अस्पताल के पास लाइसेंस नहीं है. स्वास्थ्य मामले को लेकर आवाज उठाने वाले राहुल दुबे ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर मामला है, आग लगने की हालात में लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा. प्रशासनिक तंत्र को मामले में पहल करने की जरूरत है ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके.

7 से 15 दिन में मिलेगा लाइसेंसः सरकारी और निजी अस्पतालों के पास फायर सेफ्टी लाइसेंस के मामले में बोलते हुए पलामू सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि विभाग मामले को लेकर गंभीर है. एक सप्ताह से 15 दिनों के अंदर सभी अस्पतालों फायर सेफ्टी का लाइसेंस मिल जाएगा. देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में आग लगने से मरीज समेत कई लोगों की जान गयी है. पलामू के विभिन्न इलाकों में पिछले 3 महीने में 30 से अधिक जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुई हैं. पलामू अग्निशमन विभाग के पास मात्र 3 गाड़ियां ही मौजूद हैं जिसके माध्यम से करीब 21 लाख आबादी को आग से बचाने की जिम्मेदारी है.

इसे भी पढ़ें- अहमदनगर : जिला अस्पताल के ICU में लगी आग, 11 की मौत, पीएम मोदी ने दुख जताया

5 मार्च 2022, जम्मू-कश्मीर, श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल बरजुला में शुक्रवार को एक आपरेशन थियेटर में अचानक आग लग गयी. इस आग में अस्पताल परिसर के तीन ब्लॉक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. सभी मरीजों और परिजनों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भेजा गया. इस दौरान कई सिलेंडरों में भी जोरदार धमाके हुए. इस अस्पताल में करीब 150 मरीज भर्ती थे. आग लगने के बारे में बताया जा रहा है कि संभवत: आपरेशन थियेटर में शाट सर्किट हुआ और आग लग गयी.

15 मार्च 2022, रायबरेली, उत्तर प्रदेशः उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला में यहां के जिला अस्‍पताल में भीषण आग लग गई. आग लगने से अस्‍पताल में भर्ती मरीजों और परिजनों में अफरा-तफरी मच गयी. अस्‍पताल प्रशासन ने आग लगने की घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड की टीम को दी. मौके पर पहुंची अग्निशमन विभाग की टीम ने घंटों की मशक्‍कत के बाद आग पर काबू पाया. आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. जानकारी के अनुसार, जिला अस्‍पताल के गोदाम में भीषण आग लगी. यह गोदाम अस्‍पताल के महिला हड्डी और सर्जिकल वार्ड के ठीक बगल में है. इस आग से गोदाम में रखे पुराने गद्दे, व्‍हीलचेयर समेत अन्‍य समान जलकर राख हो गए. राहत की बात यह रही कि मरीजों को इस घटना से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.

28 अप्रैल, 2022 हरियाणा, रेवाड़ीः हरियाणा के रेवाड़ी में जिला में गुरुवार देर रात नागरिक अस्पताल में आग लग गयी थी. ये आग बच्चों के वार्ड में ICU में AC का ब्लोअर फटने से लगी. आग लगने के बाद नागरिक अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर को पूरी तरह से खाली कराया गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने आग पर काबू पाया. राहत ये रही कि इस आगजनी में कोई हताहत नहीं हुआ है.

14 मई 2022, पंजाब, अमृतसरः पंजाब में अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल की ओपीडी के पिछली ओर शनिवार दोपहर आग लग गयी. ट्रांसफार्मर में हुई लीकेज के बाद यह आग लगी. आग इतनी भयानक थी कि लपटें बहुत दूर से ही दिखाई दे रही थी. इस आग का धुआं अस्पताल के सभी वार्ड में भर गया. प्रबंधन और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मरीजों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला. फायर कर्मचारियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. इस आग में कोई भी हताहत नहीं हुआ.

साल 2021 में अस्पताल में आग लगने की बड़ी घटनाएं, भोपाल, मध्य प्रदेशः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया कैंपस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल है. इसमें 8 नवंबर 2021 रात करीब 9 बजे आग लगी थी. अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शिशु वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग का सबसे अधिक नुकसान हुआ है. घटना को लेकर बताया जा रहा कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार बच्चों की मौत हुई है. एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए.

6 नवंबर 2021, अहमदनगर, महाराष्ट्रः महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला अस्पताल की आईसीयू यूनिट में 6 नवंबर 2021 को अचानक आग लग गयी. इस हादसे में 11 मरीजों की मौत हो गयी. इस घटना में 6 मरीज झुलस गए थे. अस्पताल के आईसीयू वार्ड में कोरोना संक्रमित करीब 20 रोगियों का इलाज चल रहा था. यहां वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर 15 मरीज थे, उन्हें बचाने के दौरान ही यह आग और भड़क उठी और बचाव दल वॉर्ड के अंदर नहीं घुस पाए.

1 मई 2021, भरूच, गुजरातः गुजरात के भरूच में इसी साल एक मई को एक कोविड अस्पताल में आग लग गयी. इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई. मृतकों में कोरोना मरीजों के साथ कुछ नर्सिंग स्टाफ भी शामिल थे. करीब 50 लोगों का रेस्क्यू कर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इस घटना की वजह शॉर्ट सर्किट थी.

28 अप्रैल 2021 मुंब्रा, महाराष्ट्रः 28 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के ठाणे के नजदीक मुंब्रा इलाके के काउसा स्थित निजी क्रिटीकेयर हॉस्पिटल में भी आग लगी, जिसमें चार मरीज की मौत हो गयी थी. घटना के वक्त आईसीयू में कुल 8 मरीज भर्ती थे. प्रथम दृष्टया आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया गया.

26 अप्रैल 2021 सूरत, गुजरातः गुजरात के सूरत में इसी साल 26 अप्रैल को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में आग लग गयी. इसके बाद कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार कम से कम चार मरीजों की मौत हो गयी. यहां राहत और बचाव में 16 अत्यंत गंभीर मरीजों को बाहर निकाला गया और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

इसे भी पढ़ें- भोपाल : सरकारी अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में लगी आग, 8 बच्चों की मौत

23 अप्रैल 2021 विरार, महाराष्ट्रः महाराष्ट्र में पालघर के वसई स्थित एक कोविड अस्पताल में इसी साल 23 अप्रैल 2021 को बड़ा हादसा हुआ. 90 बेड के इस कोविड अस्पताल के आईसीयू में तड़के आग लग गयी. जिससे 15 कोरोना मरीजों की जिंदा जलने से मौत हो गयी. ये आग एसी यूनिट में लगी और आईसीयू तक फैल गयी. इस मामले में पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया. बाद में कोविड केयर अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

17 अप्रैल 2021 रायपुर, छत्तीसगढ़ः छत्तीसगढ़ के रायपुर में 17 अप्रैल 2021 को एक निजी अस्पताल में आग लग गयी. इस अस्पताल में करीब 50 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था. इस आग में पांच मरीजों की मौत की बात सामने आई थी. इस घटना की वजह आईसीयू में शॉर्ट सर्किट बताई गयी.

26 मार्च 2021 भांडुप, महाराष्ट्रः 26 मार्च 2021 को मुंबई के पूर्वी उपनगर भांडुप में भी बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें 10 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी. यह आग ड्रीम मॉल में लगी थी, जिसे कोविड अस्पताल में तब्दील किया था. यहां लगी आग की लपटें करीब 40 घंटे तक उठती रही. मृतकों में वो मरीज शामिल थे जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

9 जनवरी 2021 भंडारा, महाराष्ट्रः इस साल अस्पतालों में दर्दनाक हादसों की शुरुआत 9 जनवरी 2021 को हुई. जब भंडारा के जिला अस्पताल में नवजात देखभाल केंद्र इकाई में आग लगने से मौत 10 शिशुओं की हो गयी. हादसे के समय उस वार्ड में एक से तीन महीने के उम्र के कुल 17 नवजात भर्ती थे.

27 नवंबर 2020 राजकोट, गुजरातः गुजरात के राजकोट में 27 नवंबर को 2020 सुबह एक निजी कोविड अस्पताल में भीषण आग लगने से पांच मरीजों की जिंदा जलकर मौत हो गयी थी. कई अन्य मरीज भी झुलस गए. इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों समेत पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया. प्रारंभिक जांच में घोर लापरवाही बरते जाने का खुलासा हुआ था.

पलामूः जिला के इलाके में देश का अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है. इन सबके बीच पलामू में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जिला के अस्पतालों के पास आग से लड़ने की क्षमता नहीं है. ऐसा हम नहीं कह रहे है बल्कि पलामू अग्निशमन विभाग का सरकारी दस्तावेज बता रहा है. अग्निशमन विभाग के मापदंड पर कोई भी अस्पताल खरा नहीं उतर रहा.

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पलामू में संचालित निजी और सरकारी अस्पतालों ने अग्निशमन विभाग से फायर सेफ्टी लाइसेंस नहीं लिया है. कोई भी अस्पताल मानकों को पूरा नहीं कर रहा है. पलामू अग्निशामक पदाधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पलामू के किसी भी अस्पताल के पास फायर सेफ्टी का लाइसेंस नहीं है. लाइसेंस लेने के लिए बेहद कम लोगों ने आवेदन दिया है. कई अस्पतालों और सिर्फ एडवाइजरी लिया है लेकिन लाइसेंस नहीं लिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
सरकारी और निजी अस्पताल के पास लाइसेंस नहींः पलामू में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है. लेकिन मेडिकल कॉलेज के पास भी फायर सेफ्टी का लाइसेंस नहीं है. पलामू के विभिन्न इलाकों में लगातार निजी अस्पताल खुल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पलामू में 165 से भी अधिक सरकारी और निजी अस्पताल संचालित हैं. एक भी अस्पताल के पास लाइसेंस नहीं है. स्वास्थ्य मामले को लेकर आवाज उठाने वाले राहुल दुबे ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर मामला है, आग लगने की हालात में लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा. प्रशासनिक तंत्र को मामले में पहल करने की जरूरत है ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके.

7 से 15 दिन में मिलेगा लाइसेंसः सरकारी और निजी अस्पतालों के पास फायर सेफ्टी लाइसेंस के मामले में बोलते हुए पलामू सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि विभाग मामले को लेकर गंभीर है. एक सप्ताह से 15 दिनों के अंदर सभी अस्पतालों फायर सेफ्टी का लाइसेंस मिल जाएगा. देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में आग लगने से मरीज समेत कई लोगों की जान गयी है. पलामू के विभिन्न इलाकों में पिछले 3 महीने में 30 से अधिक जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुई हैं. पलामू अग्निशमन विभाग के पास मात्र 3 गाड़ियां ही मौजूद हैं जिसके माध्यम से करीब 21 लाख आबादी को आग से बचाने की जिम्मेदारी है.

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5 मार्च 2022, जम्मू-कश्मीर, श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल बरजुला में शुक्रवार को एक आपरेशन थियेटर में अचानक आग लग गयी. इस आग में अस्पताल परिसर के तीन ब्लॉक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. सभी मरीजों और परिजनों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भेजा गया. इस दौरान कई सिलेंडरों में भी जोरदार धमाके हुए. इस अस्पताल में करीब 150 मरीज भर्ती थे. आग लगने के बारे में बताया जा रहा है कि संभवत: आपरेशन थियेटर में शाट सर्किट हुआ और आग लग गयी.

15 मार्च 2022, रायबरेली, उत्तर प्रदेशः उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला में यहां के जिला अस्‍पताल में भीषण आग लग गई. आग लगने से अस्‍पताल में भर्ती मरीजों और परिजनों में अफरा-तफरी मच गयी. अस्‍पताल प्रशासन ने आग लगने की घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड की टीम को दी. मौके पर पहुंची अग्निशमन विभाग की टीम ने घंटों की मशक्‍कत के बाद आग पर काबू पाया. आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. जानकारी के अनुसार, जिला अस्‍पताल के गोदाम में भीषण आग लगी. यह गोदाम अस्‍पताल के महिला हड्डी और सर्जिकल वार्ड के ठीक बगल में है. इस आग से गोदाम में रखे पुराने गद्दे, व्‍हीलचेयर समेत अन्‍य समान जलकर राख हो गए. राहत की बात यह रही कि मरीजों को इस घटना से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.

28 अप्रैल, 2022 हरियाणा, रेवाड़ीः हरियाणा के रेवाड़ी में जिला में गुरुवार देर रात नागरिक अस्पताल में आग लग गयी थी. ये आग बच्चों के वार्ड में ICU में AC का ब्लोअर फटने से लगी. आग लगने के बाद नागरिक अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर को पूरी तरह से खाली कराया गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने आग पर काबू पाया. राहत ये रही कि इस आगजनी में कोई हताहत नहीं हुआ है.

14 मई 2022, पंजाब, अमृतसरः पंजाब में अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल की ओपीडी के पिछली ओर शनिवार दोपहर आग लग गयी. ट्रांसफार्मर में हुई लीकेज के बाद यह आग लगी. आग इतनी भयानक थी कि लपटें बहुत दूर से ही दिखाई दे रही थी. इस आग का धुआं अस्पताल के सभी वार्ड में भर गया. प्रबंधन और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मरीजों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला. फायर कर्मचारियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. इस आग में कोई भी हताहत नहीं हुआ.

साल 2021 में अस्पताल में आग लगने की बड़ी घटनाएं, भोपाल, मध्य प्रदेशः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया कैंपस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल है. इसमें 8 नवंबर 2021 रात करीब 9 बजे आग लगी थी. अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शिशु वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग का सबसे अधिक नुकसान हुआ है. घटना को लेकर बताया जा रहा कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार बच्चों की मौत हुई है. एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए.

6 नवंबर 2021, अहमदनगर, महाराष्ट्रः महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला अस्पताल की आईसीयू यूनिट में 6 नवंबर 2021 को अचानक आग लग गयी. इस हादसे में 11 मरीजों की मौत हो गयी. इस घटना में 6 मरीज झुलस गए थे. अस्पताल के आईसीयू वार्ड में कोरोना संक्रमित करीब 20 रोगियों का इलाज चल रहा था. यहां वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर 15 मरीज थे, उन्हें बचाने के दौरान ही यह आग और भड़क उठी और बचाव दल वॉर्ड के अंदर नहीं घुस पाए.

1 मई 2021, भरूच, गुजरातः गुजरात के भरूच में इसी साल एक मई को एक कोविड अस्पताल में आग लग गयी. इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई. मृतकों में कोरोना मरीजों के साथ कुछ नर्सिंग स्टाफ भी शामिल थे. करीब 50 लोगों का रेस्क्यू कर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इस घटना की वजह शॉर्ट सर्किट थी.

28 अप्रैल 2021 मुंब्रा, महाराष्ट्रः 28 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के ठाणे के नजदीक मुंब्रा इलाके के काउसा स्थित निजी क्रिटीकेयर हॉस्पिटल में भी आग लगी, जिसमें चार मरीज की मौत हो गयी थी. घटना के वक्त आईसीयू में कुल 8 मरीज भर्ती थे. प्रथम दृष्टया आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया गया.

26 अप्रैल 2021 सूरत, गुजरातः गुजरात के सूरत में इसी साल 26 अप्रैल को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में आग लग गयी. इसके बाद कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार कम से कम चार मरीजों की मौत हो गयी. यहां राहत और बचाव में 16 अत्यंत गंभीर मरीजों को बाहर निकाला गया और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

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23 अप्रैल 2021 विरार, महाराष्ट्रः महाराष्ट्र में पालघर के वसई स्थित एक कोविड अस्पताल में इसी साल 23 अप्रैल 2021 को बड़ा हादसा हुआ. 90 बेड के इस कोविड अस्पताल के आईसीयू में तड़के आग लग गयी. जिससे 15 कोरोना मरीजों की जिंदा जलने से मौत हो गयी. ये आग एसी यूनिट में लगी और आईसीयू तक फैल गयी. इस मामले में पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया. बाद में कोविड केयर अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

17 अप्रैल 2021 रायपुर, छत्तीसगढ़ः छत्तीसगढ़ के रायपुर में 17 अप्रैल 2021 को एक निजी अस्पताल में आग लग गयी. इस अस्पताल में करीब 50 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था. इस आग में पांच मरीजों की मौत की बात सामने आई थी. इस घटना की वजह आईसीयू में शॉर्ट सर्किट बताई गयी.

26 मार्च 2021 भांडुप, महाराष्ट्रः 26 मार्च 2021 को मुंबई के पूर्वी उपनगर भांडुप में भी बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें 10 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी. यह आग ड्रीम मॉल में लगी थी, जिसे कोविड अस्पताल में तब्दील किया था. यहां लगी आग की लपटें करीब 40 घंटे तक उठती रही. मृतकों में वो मरीज शामिल थे जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

9 जनवरी 2021 भंडारा, महाराष्ट्रः इस साल अस्पतालों में दर्दनाक हादसों की शुरुआत 9 जनवरी 2021 को हुई. जब भंडारा के जिला अस्पताल में नवजात देखभाल केंद्र इकाई में आग लगने से मौत 10 शिशुओं की हो गयी. हादसे के समय उस वार्ड में एक से तीन महीने के उम्र के कुल 17 नवजात भर्ती थे.

27 नवंबर 2020 राजकोट, गुजरातः गुजरात के राजकोट में 27 नवंबर को 2020 सुबह एक निजी कोविड अस्पताल में भीषण आग लगने से पांच मरीजों की जिंदा जलकर मौत हो गयी थी. कई अन्य मरीज भी झुलस गए. इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों समेत पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया. प्रारंभिक जांच में घोर लापरवाही बरते जाने का खुलासा हुआ था.

Last Updated : May 23, 2022, 11:25 AM IST
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