पलामू: जिला पिछले एक दशक से लगातार सुखाड़ की चपेट में था. इस बार अच्छी बारिश होने की वजह से लक्ष्य से अधिक यानी 107 प्रतिशत से भी अधिक धान की रोपनी हुई है. जिला कृषि विभाग ने इस बार 52 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य राखा था, जबकि पलामू में 54,714 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है, जो की रिकॉर्ड है.ं 2019 में लक्ष्य का 50 प्रतिशत से कुछ अधिक धान की रोपनी हुई थी.
कई इलाकों में पहली बार हुई धान की रोपनी
पलामू के 60 प्रतिशत से अधिक इलाके में धान की रोपनी बरसात के पानी पर निर्भर है. बारिश अच्छी होने के बाद कई इलाकों में पहली बार धान की रोपनी की गई. छत्तरपुर, नौडीहा बाजार, चैनपुर, सतबरवा, पांडु और बिश्रामपुर के इलाके में कई गांव में पहली बार धान की रोपनी हुई है. पलामू में इस बार बारिश काफी अच्छी हुई है. सितंबर महीने के अंत मे 206 एमएम बारिश हुई. बरसात के दौरान सामान्य से 17.4 फीसदी अधिक बारिश हुई. मानसून के दौरान जिले में 844 एमएम बारिश हुई है.
किसान धान क्रय केंद्र को बेहतर संचालन कराने की मांग
धान की अच्छी फसल होने की उम्मीद के साथ किसानों में खुशी देखी जी रही है. किसान सरकार और तंत्र के तरफ धान की बिक्री के लिए देख रहे हैं. किसान इम्तियाज अहमद बताते हैं कि वे खुश है कि इस बार बारिश के कारण धान की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है. ऐसा दशकों बाद हुआ है. सरकार किसानों को प्रोत्साहित करें. वहीं किसान संतान मेहता ने बताया कि धान की फसल अच्छी होने वाली है. सरकार धान क्रय के केंद्र के तरफ ध्यान दे, ताकि फसलों को बेचा जा सके.
इसे भी पढ़ें-रांची नगर निगम में 50 से ज्यादा कर्मी हो चुके हैं कोरोना संक्रमित, कार्यालय में दहशत का माहौल
धान के बाद अन्य फसलों पर भी पड़ेगा असर
पलामू जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार बताते हैं इस बार लक्ष्य से अधिक धान की रोपनी हुई है. बारिश अच्छी होने के कारण यह संभव हो पाया है. वह बताते हैं कि अच्छी बारिश का असर धान के बाद होने वाली फसलों पर भी पड़ेगा. कृषि विभाग धान के बाद अन्य फसलों को लगाने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने में लगा हुआ है. धान क्रय केंद्र को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है.