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डूब गया 'सूरज': कोयल नदी के तट पर हुआ जवान का अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी विदाई - नेवी जवान सूरज कुमार दुबे

नेवी के जवान सूरज कुमार दुबे का पलामू के चैनपुर में कोयल नदी के तट पर सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार से पहले आर्मी और नेवी के जवानों ने सूरज को सलामी दी. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जवान के परिजनों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. परिवार को वृद्धा पेंशन देने की घोषणा की.

funeral of jawan suraj kumar in palamu
नेवी जवान सूरज कुमार को अंतिम विदाई.
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Published : Feb 8, 2021, 6:04 PM IST

पलामू: नेवी जवान सूरज कुमार दुबे का पलामू के चैनपुर में कोयल नदी के तट पर सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार से पहले आर्मी और नेवी के जवानों ने सूरज को सलामी दी. पिता मिथिलेश दुबे ने बेटे को मुखाग्नि दी. हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी. अंतिम संस्कार के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी मौजूद थे. सूरज का शव रविवार देर रात पलामू के चैनपुर स्थित कोल्हुआ गांव में पंहुचा था.

देखिये पूरी खबर

परिजनों को 10 लाख, परिवार को वृद्धा पेंशन

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जवान के परिजनों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. परिवार को वृद्धा पेंशन देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जवान के परिवार के साथ हमारी सहानुभूति है. सरकार की तरफ से परिवार को हरसंभव सहायता दी जाएगी. जवान की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

चिता से नहीं हटाया कॉफीन, 6 घंटे तक नेवी का इंतजार करते रहे लोग

सेना और नेवी के जवानों ने राजकीय सम्मान के दौरान भी कॉफीन को नहीं खोला. परिजन लगातार आग्रह कर रहे थे कि कॉफीन को हटा दिया जाए. वे अंतिम दर्शन करना चाहते हैं. लेकिन, परिजनों और ग्रामीणों की बात किसी ने नहीं सुनी. अंतिम संस्कार सुबह आठ बजे होना था लेकिन परिजनों को फोन आया कि नेवी और सेना की टीम आने वाली है. नेवी और सेना की टीम दोपहर दो बजे पहुंची और इसके बाद जवान का अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने सूरज को न्याय दिलाने और जांच की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: नेवी के जवान सूरज का पार्थिव शरीर लाया गया रांची, अपहरणकर्ताओं ने महाराष्ट्र के पालघर में उन्हें जला दिया था जिंदा

अपहरणकर्ताओं ने महाराष्ट्र के पालघर में जला दिया था जिंदा

बता दें कि एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद सूरज 30 जनवरी को वापस ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए अपने गांव पूर्वडीहा से कोयंबटूर जाने के लिए निकले थे. सूरज इसी दिन फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचे. हैदराबाद से उन्हें चेन्नई और फिर कोयंबटूर के लिए रवाना होना था. लेकिन, हैदराबाद हवाई अड्डे से बाहर निकलने के थोड़ी देर बाद उनका अपहरण हो गया. 5 दिनों बाद महाराष्ट्र के पालघर में जली अवस्था में गंभीर रूप से घायल मिले थे. 5 फरवरी को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

पलामू: नेवी जवान सूरज कुमार दुबे का पलामू के चैनपुर में कोयल नदी के तट पर सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार से पहले आर्मी और नेवी के जवानों ने सूरज को सलामी दी. पिता मिथिलेश दुबे ने बेटे को मुखाग्नि दी. हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी. अंतिम संस्कार के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी मौजूद थे. सूरज का शव रविवार देर रात पलामू के चैनपुर स्थित कोल्हुआ गांव में पंहुचा था.

देखिये पूरी खबर

परिजनों को 10 लाख, परिवार को वृद्धा पेंशन

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जवान के परिजनों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. परिवार को वृद्धा पेंशन देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जवान के परिवार के साथ हमारी सहानुभूति है. सरकार की तरफ से परिवार को हरसंभव सहायता दी जाएगी. जवान की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

चिता से नहीं हटाया कॉफीन, 6 घंटे तक नेवी का इंतजार करते रहे लोग

सेना और नेवी के जवानों ने राजकीय सम्मान के दौरान भी कॉफीन को नहीं खोला. परिजन लगातार आग्रह कर रहे थे कि कॉफीन को हटा दिया जाए. वे अंतिम दर्शन करना चाहते हैं. लेकिन, परिजनों और ग्रामीणों की बात किसी ने नहीं सुनी. अंतिम संस्कार सुबह आठ बजे होना था लेकिन परिजनों को फोन आया कि नेवी और सेना की टीम आने वाली है. नेवी और सेना की टीम दोपहर दो बजे पहुंची और इसके बाद जवान का अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने सूरज को न्याय दिलाने और जांच की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे.

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बता दें कि एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद सूरज 30 जनवरी को वापस ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए अपने गांव पूर्वडीहा से कोयंबटूर जाने के लिए निकले थे. सूरज इसी दिन फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचे. हैदराबाद से उन्हें चेन्नई और फिर कोयंबटूर के लिए रवाना होना था. लेकिन, हैदराबाद हवाई अड्डे से बाहर निकलने के थोड़ी देर बाद उनका अपहरण हो गया. 5 दिनों बाद महाराष्ट्र के पालघर में जली अवस्था में गंभीर रूप से घायल मिले थे. 5 फरवरी को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

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