पलामू: मार्च के पहले पखवाड़े में ही पलामू का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. पलामू का एक बड़ा भाग घने जंगलों से घिरा है. हर साल गर्मियों के दिनों में यहां के जंगलों में आग लगती है. इस आग से बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकशान होता है. पलामू वन विभाग ने जंगलों में आग को लेकर अलर्ट जारी किया है. डीएफओ राहुल कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा, कि वे जंगलों में आग नहीं लगाएं, इससे काफी नुकशान होता है.
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डीएफओ ने बताया कि ग्रामीण अक्सर महुआ चुनने के लिए झाड़ियों की सफाई करते हैं, इसी दौरान आग लगाई जाती है, यही आग कभी-कभी बेकाबू हो कर जंगलों में फैल जाती है, ग्रामीणों से लगातार अपील की जा रही है कि वे जंगलों में आग नहीं लगाएं, कभी-कभी लोग सिगरेट पीने के बाद उसे जंगलों में फेंक देते है, जिसके कारण भी आग लग जाती है. उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों से लगातार संपर्क स्थापित कर उनसे वन संपदा को बचाने के लिए अपील कर रहे हैं.
सैटेलाइट से जंगल पर रखी जाती है निगरानी
डीएफओ राहुल कुमार ने बताया को फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया जंगलों पर निगरानी रखती है, आग लगने की सूचना विभाग को दी जाती है, उसके बाद टीम आग बुझाने के लिए पहल करती है, आग को बुझाने के लिए रेंज स्तर पर टीमों का गठन किया गया है. साल 2019 -20 के गर्मियों में पलामू के 12 से अधिक इलाकों में आग लगने की घटना को रिकॉर्ड किया गया. पलामू के मनातू, छतरपुर, नावाबाजार, चैनपुर, रामगढ़, पांकी, पिपराटांड़ लेस्लीगंज, तरहसी, हुसैनाबाद, पांडू, पाटन, हरिहरगंज के इलाके में अधिक जंगल है.