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पलामू: वन विभाग ने की पहल, हाई टेंशन तार के नीचे हरियाली के लिए लगाए जा रहे हजारों पौधे - वन विभाग लगा रहा हाई टेंशन तार के नीचे फलदार पौधे

पलामू जिले में वन विभाग की तरफ से एक पहल की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत हाई टेंशन तार के नीचे हरियाली के लिए हजारों पौधे लगाए जा रहे है. पौधे लगाए जाने के पहल से ग्रामीण काफी खुश है क्योंकि उन्हें रोजगार मिल रहा है और साथ ही पेड़ लगने से पर्यावरण को भी संरक्षण मिलेगा.

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वन विभाग
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Published : Jul 4, 2020, 8:26 PM IST

पलामू: वन विभाग ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. हाई टेंशन तार के निचे के जमीन का उपयोग करते हुए उसमें फलदार पौधे लगाए जा रहे है. बिहार के सासाराम से पलामू को 33000 केवीए लाइन के माध्यम से बिजली मिलती है, जिसके लिए बड़े-बड़े टावर लगाए गए हैं.

वन विभाग ने अनूठी पहल की शुरुआत
पलामू के हरिहरगंज और छतरपुर के इलाके से इस अभियान की शुरुआत की गई है. हाई टेंशन तार के दो टावर के बीच की जमीन को घेराबंदी कर उसमें पौधे लगाए जा रहे है. तार के नीचे फलदार जैसे अमरूद, आम, आंवला जैसे पौधे लगाए जा रहे है.

इसे भी पढ़ें-मोहम्मदगंज भीम बराज से नहीं हो रही है पानी की सप्लाई, किसानों में आक्रोश

इस पहल से होगा फायदा
छत्तरपुर के वन विभाग के रेंजर बताते है इससे दो तरह से फायदा होगा, ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा जबकि उत्पादन होने से बाजार में इसको बेचा जाएगा. सभी पौधे स्थानीय ग्रामीणों की निगरानी मे रहेंगे. पहले चरण में 9000 से अधिक पौधे लगाए जाने है. उसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा. छत्तरपुर के नक्सल हीट सुल्तानी घाटी से इसकी शुरुआत की गई है. पौधे लगाए जाने के पहल से ग्रामीण खुश है. उनका कहना है कि उन्हें रोजगार मिल रहा है, जबकि पेड़ लगने से पर्यावरण को भी संरक्षण मिलेगा.

पलामू: वन विभाग ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. हाई टेंशन तार के निचे के जमीन का उपयोग करते हुए उसमें फलदार पौधे लगाए जा रहे है. बिहार के सासाराम से पलामू को 33000 केवीए लाइन के माध्यम से बिजली मिलती है, जिसके लिए बड़े-बड़े टावर लगाए गए हैं.

वन विभाग ने अनूठी पहल की शुरुआत
पलामू के हरिहरगंज और छतरपुर के इलाके से इस अभियान की शुरुआत की गई है. हाई टेंशन तार के दो टावर के बीच की जमीन को घेराबंदी कर उसमें पौधे लगाए जा रहे है. तार के नीचे फलदार जैसे अमरूद, आम, आंवला जैसे पौधे लगाए जा रहे है.

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इस पहल से होगा फायदा
छत्तरपुर के वन विभाग के रेंजर बताते है इससे दो तरह से फायदा होगा, ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा जबकि उत्पादन होने से बाजार में इसको बेचा जाएगा. सभी पौधे स्थानीय ग्रामीणों की निगरानी मे रहेंगे. पहले चरण में 9000 से अधिक पौधे लगाए जाने है. उसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा. छत्तरपुर के नक्सल हीट सुल्तानी घाटी से इसकी शुरुआत की गई है. पौधे लगाए जाने के पहल से ग्रामीण खुश है. उनका कहना है कि उन्हें रोजगार मिल रहा है, जबकि पेड़ लगने से पर्यावरण को भी संरक्षण मिलेगा.

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