पलामूः कोविड-19 वायरस संक्रमण की रफ्तार पर अंकुश लगने से पलामू टाइगर रिजर्व समेत देश भर के अभ्यारण्य में पर्यटक लौटने लगे हैं. इससे पहले दो वर्ष तक यहां पर्यटन गतिविधियों पर रोक से इलाके में उदासी छा गई थी. इधर पलामू टाइगर रिजर्व का रुख देशी-विदेशी सैलानियों ने किया है. Palamu Tiger Reserve इलाके में बिहार, पश्चिमी बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ ,यूपी ,दिल्ली के साथ बीते दिनों फ्रांस और जर्मनी के पर्यटक भी पहुंचे.
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पीटीआर इलाके में अक्टूबर और नवंबर में फ्रांस और जर्मनी के पर्यटकों ने पीटीआर में जानवरों को करीब से देखा. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क इलाके में सबसे अधिक पर्यटक आए.
बेतला नेशनल पार्क में अक्टूबर-नवंबर 2019 में आठ हजार के करीब पर्यटक पहुंचे थे. कोविड-19 के चलते अक्टूबर-नवंबर 2021 में पर्यटकों का आंकड़ा 11 से हजार से अधिक बढ़ गया है. पलामू टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी देखने आए रांची के युवक शिवम राज ने कहा कि वह बड़ी उम्मीद के साथ इलाके में आए हैं.
कोविड-19 के बाद उन्हें थोड़ी राहत महसूस हो रही है, घूम फिर कर वे अपनी मनोदशा को बदल रहे हैं. उसने बताया कि पीटीआर के इलाके का नाम काफी सुना है जिस कारण वे और उसके दोस्त इस इलाके में घूमने आए हैं. बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की निगरानी में तैनात गार्ड ने बताया कि पर्यटक लौटने लगे हैं, पीटीआर गुलजार हो रहा है. इससे इलाके के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
पर्यटकों के लिए गाइडलाइन
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष बताते हैं कि पर्यटकों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. पीटीआर के इलाके में कई सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं. कोविड-19 को लेकर पर्यटकों के लिए प्रोटोकॉल भी जारी किया गया है. जारी प्रोटोकॉल के माध्यम से ही घूमने की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि यह काफी सुखद है कि पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में सभी इलाके के पर्यटक पहुंच रहे हैं. पर्यटकों के आगमन से पलामू टाइगर रिजर्व को भी आय होगी.
इको टूरिज्म के लिए देश भर में चर्चित है पीटीआर
पलामू टाइगर रिजर्व पूरे देश भर में इको टूरिज्म के लिए चर्चित रहा है. यहां लोग बाघ, हिरण, सांभर, हाथी आदि देखने के लिए पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क, मिर्चइया फॉल, लोध फॉल,पलामू किला फॉरेस्ट बंगला, लोध फॉल, नेतरहाट के कई इलाके शामिल हैं, जो इको टूरिज्म के लिए काफी मशहूर हैं.