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पलामू में किसान हैं परेशान, बिचौलिए कम कीमत पर खरीद रहे धान

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Published : Dec 28, 2020, 1:31 PM IST

पलामू में धान की बिक्री नहीं होने से किसान परेशान हैं. पलामू, गढ़वा और लातेहार में धान खरीद की जिम्मेदारी इस बार भारतीय खाद निगम को दी गई है, लेकिन धान की खरीद नहीं होने के कारण किसान मजबूरन 10 से 11 रुपये किलो धान बिचौलिए के हाथों बेच रहे हैं. देखिए पूरी रिपोर्ट...

Farmers upset due to no sale of paddy
पलामू में धान की बिक्री

पलामू: इस बार जिले में धान की अच्छी पैदावार हुई है. लॉकडाउन में वापस लौटे मजदूरों ने पूरा ध्यान खेती पर लगाया. धान की अच्छी पैदावार भी हुई, लेकिन अब किसानों को सरकारी लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. पलामू में किसान कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. यही हालत गढ़वा और लातेहार के इलाके में भी है. पलामू में इस बार 102 प्रतिशत धनरोपनी हुई थी. 52,431 हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपनी हुई थी. दिसंबर का महीना खत्म होने के कगार पर है, लेकिन तीन प्रखंड को छोड़ किसी भी प्रखंड में धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. पलामू, गढ़वा और लातेहार में धान खरीद की जिम्मेदारी इस बार भारतीय खाद निगम (एफसीआई) को दी गई है.

देखिए पूरी खबर

पलामू के किसान परेशान

धान की बिक्री नहीं होने से पलामू के किसान परेशान हैं. 25 हजार से अधिक किसानों ने धान की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन अभी तक 500 किसानों से भी धान की खरीद नहीं हो पाई है. सरकार किसानों से 18.68 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से धान खरीद कर रही है, जबकि राज्य सरकार किसानों को प्रतिक्विंटल 182 रुपये बोनस देगी. पलामू के चैनपुर धान क्रय केंद्र पर धान बेचने पहुंचे किसान पप्पू कुमार ने बताया कि वह दो दिनों से धान को लेकर केंद्र है, लेकिन केंद्र बंद है. धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. वहीं, करीब 20 बोरा धान चोरी भी हो गए. वह दो रातों से क्रय केंद्र पर ही सो रहा है. किसान विवेक चौरसिया ने बताया कि मजबूरी में कई किसानों ने कम कीमत पर धान को बेचा है. बिहार से सटे हुए किसानों ने 10 से 11 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से धान बेच दिया. हरिहरगंज, हुसैनाबाद, हैदरनगर, छतरपुर, नौडिहा बाजार, सतबरवा, लेस्लीगंज, चैनपुर के किसानों ने मजबूरी में कम कीमत पर धान बेचा है.

ये भी पढे़ं: लापरवाहीः मोतियाबिंद वाली आंख को छोड़कर दूसरी आंख का किया ऑपरेशन, मरीज परेशान

धान को लेकर राजनीति

पलामू में धान की बिक्री को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. पलामू सांसद विष्णुदयाल राम का कहना है कि सरकार को इससे पहले देखना चाहिए था कि राज्य में इससे पहले कब धान की खरीद शुरू हई थी. धान के खरीद में देरी से किसानों को नुकशान हो रहा है. राज्य सरकार ने धान की खरीद पर रोक लगाई थी. पलामू दौरे पर कुछ दिनों पहले आए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना था कि पलामू के इलाके में एफसीआई को धान खरीद की जिम्मेदारी थी, अब एफसीआई क्यों देरी कर रहा. मामले में वे बात करेंगे.

धान की खरीद शुरू होने की उम्मीद

एफसीआई के एरिया मैनेजर अभिषेक कुमार बताते हैं कि सोमवार से पलामू के सभी 16 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो जाएगी. शनिवार को छह जगह शुरू हुई है, जबकि तीन पहले से चालू है. इस बार पड़वा, उंटारी रोड और पाटन में पहली बार धान क्रय केंद्र खोला जा रहा है. कई जगह गोदाम खाली नहीं होने की समस्या आ रही है. एफसीआई को दिसंबर के शुरुआत में आधिकारिक तौर पर धान की खरीद की जिम्मेदारी दी गई है.

पलामू: इस बार जिले में धान की अच्छी पैदावार हुई है. लॉकडाउन में वापस लौटे मजदूरों ने पूरा ध्यान खेती पर लगाया. धान की अच्छी पैदावार भी हुई, लेकिन अब किसानों को सरकारी लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. पलामू में किसान कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. यही हालत गढ़वा और लातेहार के इलाके में भी है. पलामू में इस बार 102 प्रतिशत धनरोपनी हुई थी. 52,431 हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपनी हुई थी. दिसंबर का महीना खत्म होने के कगार पर है, लेकिन तीन प्रखंड को छोड़ किसी भी प्रखंड में धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. पलामू, गढ़वा और लातेहार में धान खरीद की जिम्मेदारी इस बार भारतीय खाद निगम (एफसीआई) को दी गई है.

देखिए पूरी खबर

पलामू के किसान परेशान

धान की बिक्री नहीं होने से पलामू के किसान परेशान हैं. 25 हजार से अधिक किसानों ने धान की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन अभी तक 500 किसानों से भी धान की खरीद नहीं हो पाई है. सरकार किसानों से 18.68 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से धान खरीद कर रही है, जबकि राज्य सरकार किसानों को प्रतिक्विंटल 182 रुपये बोनस देगी. पलामू के चैनपुर धान क्रय केंद्र पर धान बेचने पहुंचे किसान पप्पू कुमार ने बताया कि वह दो दिनों से धान को लेकर केंद्र है, लेकिन केंद्र बंद है. धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. वहीं, करीब 20 बोरा धान चोरी भी हो गए. वह दो रातों से क्रय केंद्र पर ही सो रहा है. किसान विवेक चौरसिया ने बताया कि मजबूरी में कई किसानों ने कम कीमत पर धान को बेचा है. बिहार से सटे हुए किसानों ने 10 से 11 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से धान बेच दिया. हरिहरगंज, हुसैनाबाद, हैदरनगर, छतरपुर, नौडिहा बाजार, सतबरवा, लेस्लीगंज, चैनपुर के किसानों ने मजबूरी में कम कीमत पर धान बेचा है.

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धान को लेकर राजनीति

पलामू में धान की बिक्री को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. पलामू सांसद विष्णुदयाल राम का कहना है कि सरकार को इससे पहले देखना चाहिए था कि राज्य में इससे पहले कब धान की खरीद शुरू हई थी. धान के खरीद में देरी से किसानों को नुकशान हो रहा है. राज्य सरकार ने धान की खरीद पर रोक लगाई थी. पलामू दौरे पर कुछ दिनों पहले आए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना था कि पलामू के इलाके में एफसीआई को धान खरीद की जिम्मेदारी थी, अब एफसीआई क्यों देरी कर रहा. मामले में वे बात करेंगे.

धान की खरीद शुरू होने की उम्मीद

एफसीआई के एरिया मैनेजर अभिषेक कुमार बताते हैं कि सोमवार से पलामू के सभी 16 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो जाएगी. शनिवार को छह जगह शुरू हुई है, जबकि तीन पहले से चालू है. इस बार पड़वा, उंटारी रोड और पाटन में पहली बार धान क्रय केंद्र खोला जा रहा है. कई जगह गोदाम खाली नहीं होने की समस्या आ रही है. एफसीआई को दिसंबर के शुरुआत में आधिकारिक तौर पर धान की खरीद की जिम्मेदारी दी गई है.

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