पलामूः पानी के सवाल पर झारखंड और बिहार के किसान एकजुट हो गए हैं. दोनों राज्यों के किसानों ने मिलकर आंदोलन की शुरुआत की है. दरअसल झारखंड बिहार सीमा पर नेशनल हाईवे 98 का चौड़ीकरण किया जा रहा है. चौड़ीकरण के दौरान बटाने डैम से निकलने वाला मुख्य नहर बंद हो गया है. नहर बंद होने से नाराज किसानों ने गुरुवार से आंदोलन की शुरुआत की है.
आंदोलन की पहली कड़ी में चौड़ीकरण का कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यालय और साइट पर किसानों ने धरना दिया है. इस दौरान किसानों ने कंस्ट्रक्शन कार्य को बंद करवा दिया. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी और कर्मियों के आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन को 15 दिनों के लिए स्थगित किया है. कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनएचएआई की तरफ से कहा गया है कि 15 दिनों में समस्या को समाधान कर लिया जाएगा.
दरअसल पलामू के हरिहरगंज के बटाने डैम के मुख्य नहर से पानी निकल कर हरिहरगंज, पिपरा और बिहार के औरंगाबाद के कई प्रखंडों में जाता है. नहर का पानी बंद होने से झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में करीब 175 गांव में धनरोपनी की शुरुआत नहीं हो पाई है. सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने के बावजूद किसानों को पानी नही मिल पाया है जिस कारण सभी नाराज हैं.
नेशनल हाइवे के फोर लेन होने के बाद मुख्य नहर से पानी गुजरने के लिए पाइप लगाए गए हैं, पाइप में गाद और कचरा भर गया है. जिस कारण नहर से पानी गुजर नहीं पा रहा है. किसान रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि 15 दिनों में मांग नहीं पूरी होने के बाद किसान नेशनल हाईवे को जाम करेंगे और बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे.