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Palamu News: पलामू में फूलों की खेती ने किसानों के जीवन में भरा रंग, किसान बन रहे संपन्न - पलामू के उद्यान पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार

पलामू प्रमंडल के पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले के कई किसान फूलों की खेती कर अपनी जीवन की बगिया को महका रहे हैं. इस कार्य में उनका सहयोग उद्यान विभाग और प्रशासन कर रहा है. फूलों की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा रहे हैं और आर्थिक रूप से संपन्न बन रहे हैं.

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Cultivation Of Flowers In Palamu Division
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Published : Jul 8, 2023, 8:38 PM IST

पलामू: गेहूं, मक्का और धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ पलामू प्रमंडल के किसान अब फूलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. लागत कम और मुनाफा अधिक होने की उम्मीद से क्षेत्र के किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती में रूचि ले रहे हैं. पलामू प्रमंडल के गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ किसानों ने फूलों की खेती कर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. किसान फूलों की खेती में ना केवल संभावनाएं तलाश रहे हैं, बल्कि अधिक मुनाफा कमाकर आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं. फूलों की खेती का सुखद परिणाम भी सामने आया है. खेतों में रंग-बिरंगे फूल अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं. किसानों की कड़ी मेहनत और प्रशासन के सहयोग से यह सब संभव हो पाया है. उद्यान विभाग की ओर से पलामू प्रमंडल के 459 किसानों के बीच फूलों के पौधे वितरित किए गए थे.

ये भी पढ़ें-जीवन बदल रहा फूलों की खेती, चार गुना हो रही किसानों की आमदनी!

पलामू में 130 किसानों ने की है फूलों की खेतीः पलामू के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कंकारी, बसरिया कला, सलतुआ, बंदुआ आदि पंचायत के 130 किसानों के बीच गेंदा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. चैनपुर के बसरिया कला की ललिता देवी, मंजू देवी, सोकरा की रीतू देवी, मीना देवी सहित अन्य महिला किसानों ने छोटे-छोटे पैच में फूलों की खेती की है.

लातेहार में 20 हेक्टेयर में हुई है फूलों की खेतीः लातेहार जिले में 20 किसानों को गेंदा और ग्लैडियोलस फूल के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. वहीं लातेहार के चंदवा प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने 20 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती है. फूलों के पौधे विभाग से किसानों ने प्राप्त किए थे. मुख्य रूप से सगुना कुमारी, राजेन्द्र उरांव, निर्मला देवी आदि किसानों ने फूलों की खेती की है.

गढ़वा के किसान भी ले रहे फूलों की खेती में दिलचस्पीः गढ़वा जिले के 60 किसानों को गुलाब, 74 किसानों को ग्लैडियोलस और 175 किसानों के बीच गेंदा फूल के पौधे का वितरण किया गया था. जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत अरंगी पंचायत के बनखेता गांव निवासी आरमा कुशवाहा और केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अलताफ अंसारी ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. किसानों ने बताया कि अन्य पारंपरिक खेती की अपेक्षा फूलों की खेती से उन्हें काफी फायदा हुआ है. आर्थिक समृद्धि आ रही है. वहीं वेलावार के ही सकील अंसारी, केतार के जितेन्द्र कुमार मेहता, मकरी के नसरूदीन मियां, रंका के पिंटू मालाकार आदि ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. इसके अलावा नगर उंटारी, करूआ कला आदि के गांवों में भी किसान फूलों की खेती कर रहे हैं.

अलताफ ने लगाए हैं विभिन्न प्रजाति के फूलः केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अलताफ अंसारी एक एकड़ भूमि पर फूलों की खेती कर रहे हैं. जिसमें रजनीगंधा, सूर्यमुखी, गेंदा, गुलाब आदि फूलों की खेती की है. खेती में उनका परिवार भी सहयोग कर रहा है. यहां से फूलों को आसपास के व्यापारी खरीद कर ले जाते हैं. फूल के साथ-साथ वे माला बनाकर भी बेचते हैं. कृषि विभाग से उन्हें सहयोग मिला है.

कम लागत में ज्यादा मुनाफाः मेराल प्रखंड के अरंगी बनखेता निवासी आरमा कुशवाहा ने बताया कि कृषि-सह-उद्यान पदाधिकारी के प्रयास से उन्हें फूल के बीज उपलब्ध कराए गए थे. फूलों की खेती की जानकारी और उसके फायदे भी बताए गए थे. जिसके बाद फूल की खेती प्रारंभ की है. फूलों की बिक्री से किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. फूलों की खेती में बहुत फायदा समझ में आ रहा है. आसपास के किसान भी फूल की खेती देखने आते हैं और इसके संबंध में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.

फूलों की खेती से किसानों को हो रही है अच्छी आमदनीः गढ़वा के कृषि-सह-उद्यान पदाधिकारी शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि जिले के किसान गेंहू, धान, मक्का आदि मौसमी और पारंपरिक खेती कर जीविकोपार्जन करते थे. किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यान विभाग गढ़वा द्वारा उद्यान विकास योजना और राज्य बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को गेंदा, गुलाब और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. साथ ही उन्हें जागरूक भी किया गया. अब यहां के कृषक फूलों की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. फूलों की खेती में किसानों को उनके परिवार को लोग भी सहयोग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-खूंटी के किसानों का चेहरा हुआ गेंदा फुल, लाखों की कमाई ने बढ़ाई मुस्कान

फूल की खेती को दिया जाएगा बढ़ावाः पलामू के उद्यान पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि पलामू के चैनपुर प्रखंड में 99 किसानों के बीच गेंदा, जरबेरा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. इसका बेहतर रूझान देखने को मिला है. फूलों की खेती से किसानों का अच्छी आमदनी हो रही है. शुरुआती तौर पर चैनपुर में कलस्टर स्तर पर फूलों की खेती कराने के उद्देश्य से कृषकों को फूलों के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. उन्होंने बताया कि फूल की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसान अच्छी आमदनी कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकें. जिले में अन्य उद्यानिकी फसलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसान आर्थिक रूप से सबल हो सकें. सबसे बड़ी बात यह है महिला किसान भी फूल की खेती को लेकर उत्साहित हैं.

पलामू: गेहूं, मक्का और धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ पलामू प्रमंडल के किसान अब फूलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. लागत कम और मुनाफा अधिक होने की उम्मीद से क्षेत्र के किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती में रूचि ले रहे हैं. पलामू प्रमंडल के गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ किसानों ने फूलों की खेती कर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. किसान फूलों की खेती में ना केवल संभावनाएं तलाश रहे हैं, बल्कि अधिक मुनाफा कमाकर आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं. फूलों की खेती का सुखद परिणाम भी सामने आया है. खेतों में रंग-बिरंगे फूल अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं. किसानों की कड़ी मेहनत और प्रशासन के सहयोग से यह सब संभव हो पाया है. उद्यान विभाग की ओर से पलामू प्रमंडल के 459 किसानों के बीच फूलों के पौधे वितरित किए गए थे.

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पलामू में 130 किसानों ने की है फूलों की खेतीः पलामू के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कंकारी, बसरिया कला, सलतुआ, बंदुआ आदि पंचायत के 130 किसानों के बीच गेंदा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. चैनपुर के बसरिया कला की ललिता देवी, मंजू देवी, सोकरा की रीतू देवी, मीना देवी सहित अन्य महिला किसानों ने छोटे-छोटे पैच में फूलों की खेती की है.

लातेहार में 20 हेक्टेयर में हुई है फूलों की खेतीः लातेहार जिले में 20 किसानों को गेंदा और ग्लैडियोलस फूल के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. वहीं लातेहार के चंदवा प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने 20 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती है. फूलों के पौधे विभाग से किसानों ने प्राप्त किए थे. मुख्य रूप से सगुना कुमारी, राजेन्द्र उरांव, निर्मला देवी आदि किसानों ने फूलों की खेती की है.

गढ़वा के किसान भी ले रहे फूलों की खेती में दिलचस्पीः गढ़वा जिले के 60 किसानों को गुलाब, 74 किसानों को ग्लैडियोलस और 175 किसानों के बीच गेंदा फूल के पौधे का वितरण किया गया था. जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत अरंगी पंचायत के बनखेता गांव निवासी आरमा कुशवाहा और केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अलताफ अंसारी ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. किसानों ने बताया कि अन्य पारंपरिक खेती की अपेक्षा फूलों की खेती से उन्हें काफी फायदा हुआ है. आर्थिक समृद्धि आ रही है. वहीं वेलावार के ही सकील अंसारी, केतार के जितेन्द्र कुमार मेहता, मकरी के नसरूदीन मियां, रंका के पिंटू मालाकार आदि ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. इसके अलावा नगर उंटारी, करूआ कला आदि के गांवों में भी किसान फूलों की खेती कर रहे हैं.

अलताफ ने लगाए हैं विभिन्न प्रजाति के फूलः केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अलताफ अंसारी एक एकड़ भूमि पर फूलों की खेती कर रहे हैं. जिसमें रजनीगंधा, सूर्यमुखी, गेंदा, गुलाब आदि फूलों की खेती की है. खेती में उनका परिवार भी सहयोग कर रहा है. यहां से फूलों को आसपास के व्यापारी खरीद कर ले जाते हैं. फूल के साथ-साथ वे माला बनाकर भी बेचते हैं. कृषि विभाग से उन्हें सहयोग मिला है.

कम लागत में ज्यादा मुनाफाः मेराल प्रखंड के अरंगी बनखेता निवासी आरमा कुशवाहा ने बताया कि कृषि-सह-उद्यान पदाधिकारी के प्रयास से उन्हें फूल के बीज उपलब्ध कराए गए थे. फूलों की खेती की जानकारी और उसके फायदे भी बताए गए थे. जिसके बाद फूल की खेती प्रारंभ की है. फूलों की बिक्री से किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. फूलों की खेती में बहुत फायदा समझ में आ रहा है. आसपास के किसान भी फूल की खेती देखने आते हैं और इसके संबंध में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.

फूलों की खेती से किसानों को हो रही है अच्छी आमदनीः गढ़वा के कृषि-सह-उद्यान पदाधिकारी शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि जिले के किसान गेंहू, धान, मक्का आदि मौसमी और पारंपरिक खेती कर जीविकोपार्जन करते थे. किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यान विभाग गढ़वा द्वारा उद्यान विकास योजना और राज्य बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को गेंदा, गुलाब और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. साथ ही उन्हें जागरूक भी किया गया. अब यहां के कृषक फूलों की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. फूलों की खेती में किसानों को उनके परिवार को लोग भी सहयोग कर रहे हैं.

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फूल की खेती को दिया जाएगा बढ़ावाः पलामू के उद्यान पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि पलामू के चैनपुर प्रखंड में 99 किसानों के बीच गेंदा, जरबेरा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. इसका बेहतर रूझान देखने को मिला है. फूलों की खेती से किसानों का अच्छी आमदनी हो रही है. शुरुआती तौर पर चैनपुर में कलस्टर स्तर पर फूलों की खेती कराने के उद्देश्य से कृषकों को फूलों के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. उन्होंने बताया कि फूल की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसान अच्छी आमदनी कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकें. जिले में अन्य उद्यानिकी फसलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसान आर्थिक रूप से सबल हो सकें. सबसे बड़ी बात यह है महिला किसान भी फूल की खेती को लेकर उत्साहित हैं.

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