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ब्लू गेंहू से किसान हो रहे मालामाल, सेहत के लिए भी है फायदेमंद

पलामू में इन दिनों किसान ब्लू गेहूं की खेती कर रहे हैं. ब्लू गेहूं की खेती पूरी तरह से जैविक तरीके से होती है. इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो बीमारियों से बचाते हैं.

Farmers are cultivating blue wheat in Palamu
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Published : Apr 1, 2023, 7:10 PM IST

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पलामू: क्या आपको पता गेंहू भी ब्लू रंग का भी होता है? अगर नहीं पता तो जान लीजिए ब्लू रंग के गेंहू का आटा सेहत के लिए अच्छा होता है. ब्लू गेंहू में एंटी ऑक्सीडेंट, कैल्शियम और फाइवर प्रचूर मात्रा में होती है. दरअसल, खेती के नए प्रयोग किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं. पलामू का इलाका शुरू से सुखाड़ के लिए चर्चित रहा है. इलाके में सुखाड़ से जूझ रहे किसानों के लिए खेती के नए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पलामू में ब्लू गेहूं का उत्पादन भी शुरू हुआ है. किसान इलाके में ब्लैक राइस, ब्राउन राइस, काला गेहूं के साथ-साथ अब ब्लू गेहूं का भी उत्पादन शुरू कर दिया है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 83 किलोमीटर दूर हुसैनाबाद के किसानों ने ब्लू गेंहू की फसल को लगाया है.

ये भी पढ़े: पिपरमेंट की खेती ने बदली किसानों की किस्मत, आय में हुआ जबरदस्त इजाफा, नीलगायों से भी मिला छुटकारा

सामान्य से डेढ़ गुणा होता है अधिक उत्पादन: दरअसल, पलामू के हुसैनाबाद के रहने वाले किसानों ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ब्लू गेहूं का बीज लाया है. 2022 में कुछ किसानों ने सबसे पहले ब्लैक और ब्लू गेहूं का उत्पादन शुरू किया था. ब्लू गेहूं का उत्पादन काफी अच्छा रहा और इसका उत्पादन सामान्य से डेढ़ गुना अधिक हुआ है. ब्लू गेंहू के उत्पादन से किसानों को प्रति एकड़ 40 से 45 हजार रुपये अधिक मुनाफा हो रहा है. प्रगतिशील किसान प्रियरंजन सिंह ने बताया कि वे पंजाब यूनिवर्सिटी से गेहूं के बीज को लेकर आए थे, इस गेहूं का उत्पादन सामान्य से डेढ़ गुना अधिक होता है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी होते हैं, बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है. उन्होंने बताया कि इस खेती को लेकर किसानों में काफी उत्साह है. ब्लू गेंहू का उत्पादन जैविक विधि से किया जा रहा है, इसमें किसी तरह का खाद या अन्य तरह का कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. ब्लू गेंहू सामान्य गेहूं से तीन से चार गुणा अधिक कीमत पर बिकती है.

ब्लू गेंहू रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है: बिरसा कृषि अनुसंधान केंद्र के चियांकि जोनल रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार बताते हैं कि ब्लू गेंहू, ब्लैक गेहूं की तरह ही काफी फायदेमंद है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी सहायक है. उन्होंने बताया कि इस गेंहू का उत्पादन भी सामान्य गेंहू के वातारण में अच्छा होता है. यह बढ़ती उम्र को रोकने में सहायक है, इसे एन्टी कैंसर भी माना गया है. प्रमोद कुमार बताते है कि सामान्य गेंहू काफी मुलायम होता है और लोग इसके रोटी खाने के आदि होते हैं. सामान्य गेंहू शुगर के मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद नहीं होता है, ब्लू या ब्लैक गेंहू शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है.

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पलामू: क्या आपको पता गेंहू भी ब्लू रंग का भी होता है? अगर नहीं पता तो जान लीजिए ब्लू रंग के गेंहू का आटा सेहत के लिए अच्छा होता है. ब्लू गेंहू में एंटी ऑक्सीडेंट, कैल्शियम और फाइवर प्रचूर मात्रा में होती है. दरअसल, खेती के नए प्रयोग किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं. पलामू का इलाका शुरू से सुखाड़ के लिए चर्चित रहा है. इलाके में सुखाड़ से जूझ रहे किसानों के लिए खेती के नए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पलामू में ब्लू गेहूं का उत्पादन भी शुरू हुआ है. किसान इलाके में ब्लैक राइस, ब्राउन राइस, काला गेहूं के साथ-साथ अब ब्लू गेहूं का भी उत्पादन शुरू कर दिया है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 83 किलोमीटर दूर हुसैनाबाद के किसानों ने ब्लू गेंहू की फसल को लगाया है.

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सामान्य से डेढ़ गुणा होता है अधिक उत्पादन: दरअसल, पलामू के हुसैनाबाद के रहने वाले किसानों ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ब्लू गेहूं का बीज लाया है. 2022 में कुछ किसानों ने सबसे पहले ब्लैक और ब्लू गेहूं का उत्पादन शुरू किया था. ब्लू गेहूं का उत्पादन काफी अच्छा रहा और इसका उत्पादन सामान्य से डेढ़ गुना अधिक हुआ है. ब्लू गेंहू के उत्पादन से किसानों को प्रति एकड़ 40 से 45 हजार रुपये अधिक मुनाफा हो रहा है. प्रगतिशील किसान प्रियरंजन सिंह ने बताया कि वे पंजाब यूनिवर्सिटी से गेहूं के बीज को लेकर आए थे, इस गेहूं का उत्पादन सामान्य से डेढ़ गुना अधिक होता है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी होते हैं, बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है. उन्होंने बताया कि इस खेती को लेकर किसानों में काफी उत्साह है. ब्लू गेंहू का उत्पादन जैविक विधि से किया जा रहा है, इसमें किसी तरह का खाद या अन्य तरह का कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. ब्लू गेंहू सामान्य गेहूं से तीन से चार गुणा अधिक कीमत पर बिकती है.

ब्लू गेंहू रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है: बिरसा कृषि अनुसंधान केंद्र के चियांकि जोनल रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार बताते हैं कि ब्लू गेंहू, ब्लैक गेहूं की तरह ही काफी फायदेमंद है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी सहायक है. उन्होंने बताया कि इस गेंहू का उत्पादन भी सामान्य गेंहू के वातारण में अच्छा होता है. यह बढ़ती उम्र को रोकने में सहायक है, इसे एन्टी कैंसर भी माना गया है. प्रमोद कुमार बताते है कि सामान्य गेंहू काफी मुलायम होता है और लोग इसके रोटी खाने के आदि होते हैं. सामान्य गेंहू शुगर के मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद नहीं होता है, ब्लू या ब्लैक गेंहू शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है.

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