पलामू: आर्द्रा नक्षत्र की शुरुआत गुरुवार से शुरू हो जाएगी, कहा जाता है आर्द्रा नक्षत्र भगवान रुद्र का स्वरूप है, जो आंधी तूफान के स्वामी हैं. इसी नक्षत्र से वर्षा चक्र की शुरुआत होती है और इसकी दशा और दिशा तय होती है. आर्द्रा के बारिश के पानी से ही धान की खेती की शुरुआत होती है. पलामू का इलाका 2022 में भयंकर सुखाड़ की चपेट में रहा है और धान की खेती नहीं हुई.
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2023 में जून महीने के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत हो गई है, लेकिन पलामू में अभी तक तेज बारिश नहीं हुई है. किसान बारिश और मानसून का इंतजार कर रहे हैं. बारिश के इंतजार में किसानों ने धान के बीज खरीदना शुरू कर दिए हैं, लेकिन वे बारिश के बाद ही बीज को खेतों में डालेंगे. किसान योगेंद्र शुक्ला बताते हैं कि उन्होंने धान की बीज तो खरीद ली है, लेकिन इसे खेतों में डालने की हिम्मत नहीं है. गांव के सभी जलस्रोत सूख गए हैं चाहे वह चापाकल हो या बोरिंग, उन्होंने कहा कि आर्द्रा नक्षत्र की शुरुआत होने वाली है, पता नहीं इस बार कैसी बारिश होगी. वहीं, राजेश प्रजापति कहते हैं कि खेती करने की हिम्मत नहीं हो रही है क्योंकि बारिश को लेकर वह आशंकित हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि वे बारिश के इंतजार में उन्होंने धान के बीज खरीद लिए हैं.
बारिश के नहीं होने से बीज दुकानदार किसानों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. दुकानदार अरविंद तिवारी बताते हैं कि बड़ी संख्या में किसान अब तक उनकी दुकान पर नहीं पहुंचे हैं. हालांकि कुछ ने जरूर बीज की खरीदारी कर ली है. पिछले वर्ष बारिश नहीं होने कारण काफी नुकसान हुआ था. इस बार उम्मीद है कि बारिश हो, जिससे किसान के साथ-साथ दुकानदारों को भी फायदा हो.
इधर, मानसून के आगमन को लेकर कृषि विभाग में भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य सरकार के तरफ से कृषि विभाग ने अनुदान पर 4500 क्विंटल धान का बीज उपलब्ध करवाया है. पलामू जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश मांझी ने बताया कि ने विभाग ने जिला के लिए 6300 क्विंटल धान की बीज की मांग की थी, लेकिन उसके अनुरूप आवंटन मिला है. 2023 में पलामू में 52 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा है. 2022 में लक्ष्य के अनुरूप एक प्रतिशत भी धान की रोपनी नहीं हुई थी.