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बूढ़ापहाड़ में विस्फोट के बाद मुठभेड़, नक्सलियों की मांद तक पहुंचे सुरक्षाबल

बूढ़ापहाड़ इलाके में पुलिस ने 2018 के बाद मैराथन अभियान की शुरुआत की गई है. इस चौतरफा अभियान में पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है.

budhapahar in palamu
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Published : Aug 19, 2022, 9:00 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 9:26 PM IST

पलामूः झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ में विस्फोट के बाद सुरक्षाबल और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई (encounter between police and naxal) है. बूढ़ा पहाड़ के पीपरढाब और पुंदाग के इलाके में रुक-रुक कर मुठभेड़ हो रही है. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को क्या सफलता मिली है, इसकी जानकारी निकल कर सामने नहीं आ पाई है. 2018 के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों ने बड़ा अभियान(anti naxal operation in budhapahar) शुरू किया है.

अभियान के क्रम में गुरुवार की रात थलिया और तिसिया जबकि शुक्रवार को दोपहर बाद इलाकों में विस्फोट हुए थे. नक्सलियो ने सुरक्षाबलों को डराने के लिए यह विस्फोट किया. लेकिन शुक्रवार की देर शाम तक बूढ़ापहाड़ के पीपरढाब और पुंदाग में मुठभेड़(encounter between police and naxal) हुई है. अभियान के क्रम में अब तक तीन बार विस्फोट और दो बार मुठभेड़ हो चुकी है. अंधेरा और बारिश होने के कारण सुरक्षा बल धीरे-धीरे बूढ़ापहाड़ के इलाके में दाखिल हुए हैं.


विस्फोट के बाद कई इलाकों के ग्रामीण भागेः माओवादियों की मांद में घुसे सुरक्षाबल बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान(anti naxal operation in budhapahar) के क्रम में हो रहे विस्फोट के बाद. कई इलाकों के ग्रामीण गांव को छोड़कर भाग गए हैं. ग्रामीण बूढ़ा पहाड़ से निकल के दूसरे गांव में शिफ्ट हो गए हैं. वहीं सुरक्षा बल माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने में धीरे धीरे अंदर दाखिल हो रहे हैं. सुरक्षाबल पीपरढाब और पुंदाग तक पंहुच गए हैं. इसी दोनों गांव से माओवादियों को तरह-तरह के लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलते हैं.

बूढ़ापहाड़ के इलाके में 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान शुरू किया(anti naxal operation in budhapahar) गया है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान(anti naxal operation in budhapahar) के लिए 40 से अधिक सुरक्षाबलों की कंपनियों को तैनात किया गया है. गढ़वा की तरफ से बहेराटोली, लातेहार की तरफ से तिसिया और छत्तीसगढ़ की तरफ से भुताहीमोड़ के पास पूरे अभियान की शुरुआत की गई है. बूढ़ापहाड़ करीब 52 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखंड के लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटी हुई है. 2018 में अभियान के क्रम में सुरक्षा बलों को नुकसान हुआ था और छह जवान शहीद हुए थे. 2018 के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में तीन दिनों का पहली बार अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर एसाल्ट ग्रुप, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ जैप और आईआरबी ने इलाके में घेराबंदी की है. जबकि कोबरा और जगुआर माओवादियों के खिलाफ स्ट्राइक कर रहे हैं.

पलामूः झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ में विस्फोट के बाद सुरक्षाबल और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई (encounter between police and naxal) है. बूढ़ा पहाड़ के पीपरढाब और पुंदाग के इलाके में रुक-रुक कर मुठभेड़ हो रही है. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को क्या सफलता मिली है, इसकी जानकारी निकल कर सामने नहीं आ पाई है. 2018 के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों ने बड़ा अभियान(anti naxal operation in budhapahar) शुरू किया है.

अभियान के क्रम में गुरुवार की रात थलिया और तिसिया जबकि शुक्रवार को दोपहर बाद इलाकों में विस्फोट हुए थे. नक्सलियो ने सुरक्षाबलों को डराने के लिए यह विस्फोट किया. लेकिन शुक्रवार की देर शाम तक बूढ़ापहाड़ के पीपरढाब और पुंदाग में मुठभेड़(encounter between police and naxal) हुई है. अभियान के क्रम में अब तक तीन बार विस्फोट और दो बार मुठभेड़ हो चुकी है. अंधेरा और बारिश होने के कारण सुरक्षा बल धीरे-धीरे बूढ़ापहाड़ के इलाके में दाखिल हुए हैं.


विस्फोट के बाद कई इलाकों के ग्रामीण भागेः माओवादियों की मांद में घुसे सुरक्षाबल बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान(anti naxal operation in budhapahar) के क्रम में हो रहे विस्फोट के बाद. कई इलाकों के ग्रामीण गांव को छोड़कर भाग गए हैं. ग्रामीण बूढ़ा पहाड़ से निकल के दूसरे गांव में शिफ्ट हो गए हैं. वहीं सुरक्षा बल माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने में धीरे धीरे अंदर दाखिल हो रहे हैं. सुरक्षाबल पीपरढाब और पुंदाग तक पंहुच गए हैं. इसी दोनों गांव से माओवादियों को तरह-तरह के लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलते हैं.

बूढ़ापहाड़ के इलाके में 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ मैराथन अभियान शुरू किया(anti naxal operation in budhapahar) गया है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान(anti naxal operation in budhapahar) के लिए 40 से अधिक सुरक्षाबलों की कंपनियों को तैनात किया गया है. गढ़वा की तरफ से बहेराटोली, लातेहार की तरफ से तिसिया और छत्तीसगढ़ की तरफ से भुताहीमोड़ के पास पूरे अभियान की शुरुआत की गई है. बूढ़ापहाड़ करीब 52 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखंड के लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटी हुई है. 2018 में अभियान के क्रम में सुरक्षा बलों को नुकसान हुआ था और छह जवान शहीद हुए थे. 2018 के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में तीन दिनों का पहली बार अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर एसाल्ट ग्रुप, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ जैप और आईआरबी ने इलाके में घेराबंदी की है. जबकि कोबरा और जगुआर माओवादियों के खिलाफ स्ट्राइक कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 19, 2022, 9:26 PM IST
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