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पलामू के दूलसुलमा स्कूल ने पेश की स्वच्छता की मिसाल, नीति आयोग ने ट्विटर पर तस्वीर पोस्ट कर सराहा

पलामू के दूलसुलमा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के स्वच्छता और विकास को लेकर सराहना की गई है. नीति आयोग ने ट्विटर पर विद्यालय की तस्वीर पोस्ट कर तारीफ की है.

Dulasulama School in Palamu presented an example of cleanliness
दूलसुलमा स्कूल ने पेश की स्वच्छता की मिसाल
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Published : Jan 7, 2020, 8:12 PM IST

पलामू: झारखंड में जहां एक ओर कई स्कूल बिना भवन के या जर्जर भवनों में चल रहे हैं. वहीं जिले के डालटनगंज सतबरवा प्रखंड के दूलसुलमा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय ने देश के सामने स्वच्छता और विकास की एक मिसाल पेश की है. जिसके लिए नीति आयोग ने ट्विटर पर इस विद्यालय की तस्वीरें शेयर कर सराहना की है.

नीति आयोग ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग के वरीय अधिकारियों, मानव संसाधन विकास विभाग, झारखंड के मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों को टैग करते हुए लिखा, 'स्वच्छ भी, स्वस्थ भी. इस स्कूल में अपनाई गई विधि बहुत उत्तम है और जिले के उन्नत भविष्य के लिए एक जन आंदोलन का रूप है'.

दूलसुलमा विद्यालय में क्लासरूम की दीवारों पर छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला को दीवारों पर दर्शाया गया है. फूल-पौधे, नल-जल, बिजली के साथ पुस्तकालय और दिव्यांग छात्रों के लिए कुर्सी के शौचालय की व्यवस्थआ की गई है. स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा को लेकर सराहा गया है.

सरकारी स्कूल के इस कायाकल्प का श्रेय स्कूल की प्रधानाध्यापक अनिता भेंगरा को जाता है. इस विद्यालय में लगभग 15 सालों से सेवा दे रही भेंगरा पलामू के प्रसिद्ध सेक्रेड हार्ट स्कूल में सेवाएं दे चुकी हैं. उन्होंने विद्यालय में कार्यभार संभालते ही संकल्प लिया था कि इस विद्यालय को निजी स्कूल की तर्ज पर विकसित करेंगे. धीरे-धीरे उन्होंने आसपास के बच्चों को विद्यालय में जोड़ने का प्रयास शुरू किया, बच्चों को जागरूक किया. स्वास्थ्य और सफाई को पहली प्राथमिकता बनाया. अपने शिक्षक साथियों की सहायता से योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू किया.

बच्चों ने भी स्कूल के विकास में की मदद

समय के साथ विद्यालय में शिक्षकों की संख्या घटती गई, लेकिन अनिता भेंगरा के हौसले कम नहीं हुए. वो कहती हैं उनके कुछ सहकर्मी सेवानिवृत्त हो गए और कुछ का तबादला हो गया, जिसके बाद छात्रों की एक टीम तैयारी की गई. स्कूल के छात्रों को अंग्रेजी प्रार्थना, अंग्रेजी में परिचय देना, ग्रुप सॉन्ग, एकल गान, ग्रुप डिस्कसन, पेंटिंग इत्यादि सिखाया गया. उसके बाद उनसे सहयोग लेकर निचले क्लास के बच्चों को पढ़ाने में मदद ली, क्योंकि विद्यालय में उनके अलावा केवल दो पारा और एक सहायक शिक्षक ही रह गए थे.

स्कूल में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सुविधा

अनिता भेंगरा ने स्कूल में फूल-पौधे लगवाए, नल, बिजली, शौचालय, पुस्तकालय को विकसित किया, दिव्यांग बच्चों के लिए अलग शौचालय, बच्चियों के लिए अलग शौचालय जैसे नवीन प्रयोग किए. विद्यालय को प्रसिद्धि उस समय मिली जब विद्यालय के पुराने शिक्षक अर्पण कुमार गुप्ता ने विद्यालय में किए जा रहे नए प्रयोगों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर डाल दिया.

विद्यालय की प्रधानाचार्य अनिता भेंगरा ने विद्यालय की इस सफलता का श्रेय शिक्षकों, स्कूल के छात्रों और समिति के लोगों को दिया है. उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से यह मुकाम मिला है.

प्रधानाचार्य को किया जाएगा सम्मानित

इधर, पलामू जिला प्रशासन भी इस स्कूल की तारीफ कर रही है. पलामू के उपायुक्त शांतनु कुमार अग्रहरि ने स्कूल की प्रधानाचार्य के कार्यो की तारीफ करते हुए कहा कि जिला प्रशासन स्कूल की प्रधानाचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगी. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अन्य विद्यालय भी इस विद्यालय से सीख लेकर ऐसा कार्य करेंगे.

पलामू: झारखंड में जहां एक ओर कई स्कूल बिना भवन के या जर्जर भवनों में चल रहे हैं. वहीं जिले के डालटनगंज सतबरवा प्रखंड के दूलसुलमा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय ने देश के सामने स्वच्छता और विकास की एक मिसाल पेश की है. जिसके लिए नीति आयोग ने ट्विटर पर इस विद्यालय की तस्वीरें शेयर कर सराहना की है.

नीति आयोग ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग के वरीय अधिकारियों, मानव संसाधन विकास विभाग, झारखंड के मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों को टैग करते हुए लिखा, 'स्वच्छ भी, स्वस्थ भी. इस स्कूल में अपनाई गई विधि बहुत उत्तम है और जिले के उन्नत भविष्य के लिए एक जन आंदोलन का रूप है'.

दूलसुलमा विद्यालय में क्लासरूम की दीवारों पर छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला को दीवारों पर दर्शाया गया है. फूल-पौधे, नल-जल, बिजली के साथ पुस्तकालय और दिव्यांग छात्रों के लिए कुर्सी के शौचालय की व्यवस्थआ की गई है. स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा को लेकर सराहा गया है.

सरकारी स्कूल के इस कायाकल्प का श्रेय स्कूल की प्रधानाध्यापक अनिता भेंगरा को जाता है. इस विद्यालय में लगभग 15 सालों से सेवा दे रही भेंगरा पलामू के प्रसिद्ध सेक्रेड हार्ट स्कूल में सेवाएं दे चुकी हैं. उन्होंने विद्यालय में कार्यभार संभालते ही संकल्प लिया था कि इस विद्यालय को निजी स्कूल की तर्ज पर विकसित करेंगे. धीरे-धीरे उन्होंने आसपास के बच्चों को विद्यालय में जोड़ने का प्रयास शुरू किया, बच्चों को जागरूक किया. स्वास्थ्य और सफाई को पहली प्राथमिकता बनाया. अपने शिक्षक साथियों की सहायता से योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू किया.

बच्चों ने भी स्कूल के विकास में की मदद

समय के साथ विद्यालय में शिक्षकों की संख्या घटती गई, लेकिन अनिता भेंगरा के हौसले कम नहीं हुए. वो कहती हैं उनके कुछ सहकर्मी सेवानिवृत्त हो गए और कुछ का तबादला हो गया, जिसके बाद छात्रों की एक टीम तैयारी की गई. स्कूल के छात्रों को अंग्रेजी प्रार्थना, अंग्रेजी में परिचय देना, ग्रुप सॉन्ग, एकल गान, ग्रुप डिस्कसन, पेंटिंग इत्यादि सिखाया गया. उसके बाद उनसे सहयोग लेकर निचले क्लास के बच्चों को पढ़ाने में मदद ली, क्योंकि विद्यालय में उनके अलावा केवल दो पारा और एक सहायक शिक्षक ही रह गए थे.

स्कूल में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सुविधा

अनिता भेंगरा ने स्कूल में फूल-पौधे लगवाए, नल, बिजली, शौचालय, पुस्तकालय को विकसित किया, दिव्यांग बच्चों के लिए अलग शौचालय, बच्चियों के लिए अलग शौचालय जैसे नवीन प्रयोग किए. विद्यालय को प्रसिद्धि उस समय मिली जब विद्यालय के पुराने शिक्षक अर्पण कुमार गुप्ता ने विद्यालय में किए जा रहे नए प्रयोगों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर डाल दिया.

विद्यालय की प्रधानाचार्य अनिता भेंगरा ने विद्यालय की इस सफलता का श्रेय शिक्षकों, स्कूल के छात्रों और समिति के लोगों को दिया है. उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से यह मुकाम मिला है.

प्रधानाचार्य को किया जाएगा सम्मानित

इधर, पलामू जिला प्रशासन भी इस स्कूल की तारीफ कर रही है. पलामू के उपायुक्त शांतनु कुमार अग्रहरि ने स्कूल की प्रधानाचार्य के कार्यो की तारीफ करते हुए कहा कि जिला प्रशासन स्कूल की प्रधानाचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगी. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अन्य विद्यालय भी इस विद्यालय से सीख लेकर ऐसा कार्य करेंगे.

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Dulasulama School in Palamu presented an example of cleanliness


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