पलामूः स्ट्रीट डॉग का व्यवहार बदल रहा है. स्ट्रीट डॉग पहले से अधिक हिंसक होते जा रहे हैं. पहले इनके झुंड में दो चार की संख्या में होती थी. अब इनकी झुंड में 10 से 20 की संख्या होती है. रात के वक्त इनका झुंड और व्यवहार सबसे अधिक खतरनाक हो गया है. ये झुंड में मनुष्य के साथ साथ अन्य जीवों को निशाना बना रहे हैं.
पलामू में पिछले एक वर्ष के दौरान स्ट्रीट डॉग ने 10 हजार से भी अधिक लोगो को निशाना बनाया है और उन्हें काटा है. कई लोग कुत्तों के कारण दुर्घटना का शिकार हुए हैं और उनकी मौत हो गई है. पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग के पास कुत्तों से जुड़े हुए कई चौंकाने वाले आंकड़े हैं. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हर रोज 20 से 25 की संख्या में लोग एंटी रैबीज की वैक्सीन लेने के लिए पहुंच रहे हैं. वित्तीय वर्ष मार्च 2022 से मार्च 2023 तक पलामू के सरकारी अस्पतालों 10700 से भी अधिक एंटी रैबीज वैक्सीन की खपत हुई है. निजी क्षेत्र का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं है.
पलामू के सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार का कहना है कि हाल के दिनों में कुत्तों का व्यवहार बदला है और वे हिंसक होते जा रहे हैं. उनका कहना है कि जिले के हालात को देखते हुए सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को हाई अलर्ट पर रखा जाता है. पलामू सिविल सर्जन का कहना है कि स्ट्रीट डॉग को खाना खिलाना या उन्हें मारना व्यवहार को बदल रहा है. खाना खिलाने के बाद उनके स्वाभाविक रहन-सहन में बदलाव हुआ है, कई मामलों में देखा गया है कि बच्चे स्ट्रीट डॉग को पत्थर से मारते हैं. यही वजह है कि स्ट्रीट डॉग के व्यवहार में बदलाव हो रहा है.
झुंड में कर रहे शिकारः 2015-16 तक पलामू में चार से पांच हजार एंटी रैबीज वैक्सीन की खपत होती थी. धीरे-धीरे इसकी खपत बढ़ती गई है, फिलहाल इसकी खपत 10 हजार तक पहुंच गई है. झारखंड सरकार द्वारा संचालित पेट क्लीनिक में तैनात एक्सपर्ट अमरेश कुमार सिंह का कहना है कि स्ट्रीट डॉग का कुनबा बढ़ा है, यही वजह वे झुंड में चलने लगे हैं. उन्होंने बताया कि कुत्ता शुरू से हिंसक प्राणी रहा है, लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. पलामू के कई इलाकों में स्ट्रीट डॉग के कारण रात में रास्तों से गुजरना मुश्किल हो गया है. शहरी आबादी वाले इलाके में स्ट्रीट डॉग काफी हिंसक हैं, वो रात में बाइक एवं रिक्शा सवार लोगों को अपना निशाना बनाने की कोशिश करते हैं.
बच्चे और वन्यजीव रहते हैं स्टीर्ट डॉग के निशाने परः 2022 में स्ट्रीट डॉग ने पलामू में 5 से 15 वर्ष के बीच के करीब 2700 बच्चों को काटा था. वहीं जंगल से पानी के लिए भटक रहे 8 से अधिक हिरण को निशाना बनाया था. 2023 में अब तक 12 से अधिक हिरण को स्ट्रीट डॉग निशाना बना चुके हैं. कई इलाकों में स्ट्रीट डॉग ने पालतू गाय, भैंस, बैल, बकरी का भी शिकार किया है.